नई दिल्ली: सरकारी बैंकों के लिए दो लाख करोड़ रुपये ज्यादा की पूंजी के ऐलान के बाद बीएसई पर निवेशकों के निवेश की कीमत एक ही दिन में करीब दो लाख करोड़ रुपये बढ़ गयी. दूसरी ओर प्रमुख बाजार सूचकांक बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी रिकॉर्ड ऊंचाई पर बंद हुए.


वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए जिस बूस्टर पैकेज देने का ऐलान किया, वो बुधवार को शेयर बाजार के लिए मंगलकारी साबित हुआ. पैकेज के तहत भारी फंसे कर्ज यानी एनपीए में डूबे सरकारी बैंकों के लिए दो लाख 11 हजार करोड़ रुपये की पूंजी देने का फैसला किया गया है. नतीजा बुधवार को तमाम बैंकिंग शेयरों में जमकर खरीदारी हुई. आलम ये रहा कि बीएसई पर


-    पंजाब नेशनल बैंक के शेयर 46 फीसदी से भी ज्यादा के उछाल के बाद 201 रुपये 90 पैसे पर बंद हुए


-    वहीं बैंक ऑफ बड़ौदा 31 फीसदी से भी ज्यादा चढ़ा और और अंत में 188 रुपये 20 पैसे


-    भारतीय स्टेट बैंक साढ़े 27 फीसदी की तेजी के बाद 324 रुपये 70 पैसे और


-    आईसीआईसीआई बैंक साढ़े चौदह फीसदी से भी ज्यादा के उछाल के साथ 305 रुपये 60 पैसे पर बंद हुआ.


चूंकि सरकार ने बूस्टर पैकेज के तहत सात लाख करोड़ रुपये की सड़क परियोजना को भी हरी झंडी दिखायी है. इसके चलते सीमेंट और इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों में भी तेजी आय़ी. कुछ इसी सब का नतीजा था कि


-    30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 435 प्वाइंट की तेजी के साथ 33 हजार 42 पर बंद हुआ


-    वहीं 50 शेयरों वाला निफ्टी करीब 88 प्वाइंट चढ़ा और अंत में 10,295 पर जा कर टिका.


-    बीएसई में निवेश की कीमत यानी मार्केट कैपिटलाइजेशन में 1.96 लाख करोड़ रुपये की बढ़त हुई.


बाजार से जुड़े लोगों का ये भी कहना है कि तेजी की एक बड़ी वजह बूस्टर पैकेज के बावजूद सरकारी खजाने के घाटे यानी फिस्कल डेफिसिट पर असर नहीं पड़ने की बात भी है. फिलहाल, जानकारों का कहना है कि वैश्विक घटनाक्रम को देखते हुए बाजार में उतार-चढ़ाव ज्यादा देखने को मिलेगा. ऐसे में बेहतर है कि छोटे निवेशक म्यूचुअल फंड का रास्ता अपनाएं.


सरकारी बैंकों के लिए बूस्टर पैकेज ने निवेशकों के चेहरे पर मुस्कुराहट तो ला दी. अब देखना है कि बैंक कर्जदारों के चेहरे पर मुस्कुराहट लाते हैं या नहीं. इसके लिए जरुरी होगा कि बैंक कर्ज पर ब्याज दरें घटाए. कर्ज की रफ्तार बढ़ती है तो उससे नयी परियोजनाएं शुरु हो सकेगी और ज्यादा लोगों को रोजगार मिल सकेगा. अगर ऐसा होता है तभी बूस्टर पैकेज का फायदा ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच सकेगा.