International Yoga Day 2023: पूरे विश्वभर में बुधवार (21 जून) को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया इस मौके पर अलग-अलग जगहों पर इससे जुड़े बड़े-बड़े कार्यक्रम आयोजित किए गए. इनमें केंद्रीय मंत्रियों समेत बीजेपी के बड़े  नेताओं ने भी शिरकत की. 


साथ ही दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना भी सुबह के वक्त एक कार्यक्रम में योग करते हुए नजर आए. लेकिन वहीं दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने इस साल योग से दूरी बनाई रखी. केजरीवाल सरकार ने इस साल योग से जुड़ा कोई कार्यक्रम आयोजित नही किया और ना ही सरकार से जुड़े मंत्रियों ने किसी कार्यक्रम में हिस्सा लिया. 


दरअसल इसके पीछे की बड़ी वजह है कि दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने जो फ़्री योगा क्लासेज शुरू की थी उसे एलजी सक्सेना की मंज़ूरी न मिलने की वजह से पिछले साल ही बंद करना पड़ा. ऐसे में केजरीवाल सरकार ने केंद्र की मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि वो लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. योग जिससे कि लोग निरोगी और स्वस्थ रहते हैं. उसे ही केंद्र की मोदी सरकार ने बंद करवा दिया. 


अरविंद केजरीवाल ने क्या कहा?
यही वजह है कि योगा डे से ठीक एक दिन पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, ''कल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस है. ये दिवस हमें योग करने के लिए प्रेरित करता है.  दो वर्ष पहले दिल्ली सरकार ने दिल्ली वालों के लिए फ्री योग क्लासेज़ शुरू की. लगभग 17,000 लोग प्रतिदिन इनमें योग करने लगे. पिछले वर्ष इन्होंने ये योग क्लासेज बंद करवा दी. लोग बहुत दुखी हुए. इस से किसका फ़ायदा हुआ? क्या इस तरह जन हितकारी कार्यक्रम बंद करने चाहिए?''


केजरीवाल ने आगे कहा कि मेरे लिये तो योग दिवस उस दिन होगा जब मैं अपने दिल्ली वालों के लिए फिर से फ्री योग क्लासेज़ शुरू करूंगा. अच्छी नीयत हो तो भगवान भी साथ देते हैं. इन्होंने हमें दिल्ली में रोका, हमने पंजाब में फ्री योग क्लासेज शुरू कर दी. मुझे खुशी है कि पंजाब में इसे लोगों का ज़बर्दस्त समर्थन मिल रहा है. उनके इस ट्वीट से ही साफ़ हो गया था कि इस साल अरविंद केजरीवाल सरकार योग दिवस पर कुछ खास करती हुई नजर नहीं आने वाली है. 


सौरभ भारद्वाज क्या बोले?
केजरीवाल सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज से सवाल पूछा गया तो उन्होंने भी केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि योग का एक टोकनिज्म कर दिया गया है.  एक दिन जाकर मैसेज देकर कुछ बदल नहीं सकते हैं. 


भारद्वाज ने कहा कि सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के सभी पार्कों में फ्री योगा टीचर देने की योजना शुरू की थी. इसमें सैकड़ों जगह योगा टीचर जाते थे और लोगों को योग सिखाते थे. इस दौरान बुजुर्गों और महिलाओं सबको योग सिखाते थे. लेकिन जिस तरह से एलजी के आने के बाद से अफसरों पर दबाव बनाकर इस योजना को रोका गया वह दुर्भाग्यपूर्ण है. ये टोकनिज्म ही समझो जो किया जा रहा है. 


एलजी आरोपों पर क्या बोले?
केजरीवाल सरकार ने भले ही किसी कार्यक्रम का आयोजन ना किया हो लेकिन दिल्ली के एलजी विनय कुमार सक्सेना सराय काले खां स्थित डीडीए के एक पार्क में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने योगाभ्यास भी किया, लेकिन जब उनसे केजरीवाल सरकार के उन आरोपों पर जिसमें एलजी और केंद्र पर दिल्ली में फ्री योगा क्लास बंद करने के आरोप लगे हैं पर पूछा गया तो वो बिना जवाब देते हुए वहां से निकलते नजर आये.


इससे साफ है कि जिस तरह से दिल्ली सरकार और एलजी सक्सेना के बीच जो लड़ाई चलती आ रही है, उसकी वजह से आज योग भी राजनीति के घेरे में है. एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का दौर लगातार जारी है. इस तनातनी की वजह से दिल्ली में लोगों को मिलने वाली फ्री योगा क्लासेस फिलहाल राजनीति की भेंट चढ़ गई है.


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