इंदौर: मध्य प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर का असर लगभग खत्म होने की कगार पर है लेकिन इस बीच डेंगू नई मुसीबत बनकर आ रहा है. हर तरफ मरीज बढ़ रहे है, सरकार भी इन हालात को लेकर चिंतित है. इंदौर जिले में रविवार को एक दिन में डेंगू के 17 नए मामले सामने आए. इसके साथ, जिले में डेंगू के मामलों की कुल संख्या बढ़कर 139 हो गई. ये जानकारी इंदौर के मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ बीएस सेठिया ने दी.


मध्य प्रदेश में बुधवार से राज्य में डेंगू के खिलाफ 'डेंगू से जंग जनता के संग' अभियान शुरू किया जाने वाला है. राज्य में बीते कुछ दिनों में डेंगू के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है. इन स्थितियों ने सरकार की चिंता भी बढ़ा दी है. आम लोगों को सलाह दी जा रही है कि वे एक सप्ताह से अधिक समय तक किसी भी स्थान में जल जमा न होनें दें. कूलर, टंकी, गमले, फूलदान, पुराना टायर, बेकार डब्बे, सकोरे, खाली प्लाट गडढों की सफाई करें. इसके साथ ही लार्वा नियंत्रण हेतु टेमीफोस 50 फीसदी का घोल, बीटीआई पाउडर, बीटीआई लिक्विड जैसे रसायन का इस्तेमाल करें.


"उपचार से बेहतर है, एहतियात"
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश की जनता से कहा, "घरों के आस-पास अनावश्यक रूप से पानी का जमाव हो जाने से डेंगू पैदा करने वाले लार्वा को पनपने का मौका मिलता है. जागरूकता से कोरोना और डेंगू के साथ ही अन्य संक्रामक रोगों को रोका जा सकता है. उपचार से बेहतर है, एहतियात."


मुख्यमंत्री चौहान ने आगे कहा, "15 सितंबर को 'डेंगू से जंग जनता के संग' अभियान चलाने का भी फैसला लिया गया है. प्रदेश में डेंगू के मामले सामने आए हैं. इसे देखते हुए यह अभियान चलाने का निर्णय लिया गया. सरकारी अमला अपना काम करेगा, कर भी रहा है. फॉगिंग, लार्वा नष्ट करना, स्वच्छता, जहां जल भराव है, वहां दवाई डालना आदि कार्य शासकीय अमला करेगा. लेकिन यह जंग भी जनता के सहयोग से लड़नी है." 


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