नई दिल्लीः अफगानिस्तान सहित पूरी दुनिया में अपनी ताकत का लोहा मनवा चुके यूएस मरीन कमांडो नवंबर महीने में 'टाइगर ट्राइंफ' एक्सरसाइज में हिस्सा लेने के लिए विशाखापट्नम आ रहे हैं. भारत और अमेरिका की सेनाओं के बीच होने वाली इस ट्राइ-सर्विस एक्सरसाइज का जिक्र अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ह्युस्टन में हाउडी-मोदी भाषण के दौरान किया था.


टाइगर ट्राइंफ एक्सरसाइज आंध्र-प्रदेश के विशाखापट्टनम और काकीनाड़ा में में 13-21 नवंबर के बीच होगी. इस ट्राइ-सर्विस मिलिट्री एक्सरसाइज में दोनों देशों की तीनों सेनाएं यानि थलसेना, वायुसेना और नौसेना हिस्सा लेंगी. भारतीय सेना के प्रवक्ता कर्नल अमन आनंद ने एबीपी न्यूज से बातचीत में बताया कि इस युद्धभ्यास का नाम पहले सिर्फ ट्राइंफ था, जो ट्राई-सर्विस, इंडिया, अमेरिका और एम्फीबियस के नाम को जोड़कर बनाया गया था. लेकिन क्योंकि यूएस मरीन कोर भी अब इस युद्धभ्यास में हिस्सा ले रहे हैं इसलिए अब इसमें 'टाइगर' भी जोड़ दिया गया है.



कर्नल अमन के मुताबिक, जैसाकि ये एक एम्फीबियस और एचएडीआर यानि ह्युमैनेटिरियन एंड डिसास्टर एक्सरसाइज है इसीलिए इस युद्धभ्यास के दौरान दोनों देश की सेनाएं समंदर से जमीन (तट) पर हमला करने और प्राकृतिक आपदा के दौरान किस तरह से दोनों देश की सेनाएं मिलकर ऑपरेशन को अंजाम देती हैं उसका अभ्यास किया जायेगा. हाउडी-मोदी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के साथ सैन्य-संबंधों पर काफी जोर दिया था. जिसमें खास तौर से दोनों देशों के बीच नवंबर में होने वाली मिलिट्री एक्सरसाइज का जिक्र किया था.


इस एक्सरसाइज में भारतीय सेना की एक पूरी बटालियन जिसमें सैनिकों के साथ साथ इंजीनियर्स, सिग्नल, कम्युनिकेशन और मेडिकल यूनिट्रस हिस्सा लेंगी. क्योंकि ये एक एम्फीबियस एक्सरसाइज है इसलिए भारतीय नौसेना के कई बड़े युद्धपोत जो स्टैंड ऑफ बीचिंग यानि समुद्र-तट पर लैंड कर सकते हैं वो हिस्सा लेंगे. इसमें आईएनएस जलाश्व शामिल है जिसपर हेलीकॉप्टर की लैंडिंग से लेकर टैंकों तक को ले जानी की क्षमता है हिस्सा लेगा. साथ ही लैंडिंग शिप टैंक, एलसीए यानि लैंडिंग क्राफ्ट एैसॉल्ट और एलएसएम (लैंडिंग क्राफ्ट मीडियम) हिस्सा लेंगे. भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर और सी130 जैसे मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट हिस्सा लेंगे.


इसी तरह अमेरिकी नौसेना के युद्धपोत और मैकेनाइज़ड इंफेंट्री हिस्सा लेगी. लेकिन इस एक्सरसाइज का मुख्य आकर्षण होगा मरीन कोर के 50-60 कमांडोज़ जो खासतौर से इस युद्धभ्यास में हिस्सा लेंगे. भारतीय नौसेना के मरीन कमांडो (मारकोस) भी टाइगर-ट्राइंफ का हिस्सा होंगे. भारतीय नौसेना की पूर्वी कमान के फ्लीट कमांडर रियर एडमिरल, सूरज बेरी को इस एक्सरसाइज का फोर्स कमांडर बनाया गया है.


आपको बता दें कि भारत की ये किसी देश के साथ दूसरी ट्राइ-सर्विस एक्सरसाइज है. इससे पहले वर्ष 2017 में रूस के साथ वलाडिवोस्तक में भी भारत ने इसी तरह की बड़ी एक्सरसाइज की थी.


आपको बता दें कि हाल ही में अमेरिका के ज्वाइंट बेस लुइस मैकोकर्ड बेस पर भारत और अमेरिकी सेना के बीच साझा युद्धभ्यास हुआ था जिसमें अमेरिकी सैनिक असम रेजीमेंट के गाने, बदलू राम का बदन पर थिरकते हुए नजर आए थे. साथ ही भारत के राष्ट्रगान की धुन भी बजाते नजर आए थे.


गौरतलब है कि 25 सितंबर यानि बुधवार से जापान के सासेबो में भी भारत, अमेरिका और जापान की नौसेनाएं, मालाबार नाम का युद्धभ्यास शुरू कर रही हैं. इस एक्सरसाइज में भारतीय नौसेना के दो युद्धपोत, साहयद्री और किलटन सहित टोही विमान, पी8आई हिस्सा ले रहे हैं.