नई दिल्ली: इराक के मोसुल में आईएस के हाथों मारे गए 39 भारतीयों के शव लेने विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह इराक के लिए रवाना होंगे. वह दो अप्रैल को पार्थिव अवशेष लेकर देश वापस लौटेंगे. सभी अवशेषों को भारतीय वायुसेना की मदद से सबसे पहले अमृतसर लाया जाएगा, फिर पटना और कोलकाता ले जाया जाएगा. इराक के मोसुल से अगवा कर बादुश में मार डाले गए इन लोगों में से 31 पंजाब के थे. विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, सभी अवशेषों के डीएनए मिलान का काम पूरा कर लिया गया है.





इराक के एक स्वयंसेवी संगठन मारटियर फाउंडेशन ने वहां के स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ मिलकर इन अवशेषों के डीएनए मिलान का काम किया है. इस संस्था के प्रमाणपत्र के साथ अवशेष लाए जाएंगे. इन भारतीयों के मारे जाने की आशंका जून 2014 में जताई गई थी. लेकिन, इसकी पुष्टि हाल ही में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संसद में की थी.


बता दें कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संसद और बाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया था कि उन्हें पता लगा कि टीले में कुछ शव हैं जिसके बाद भारत सरकार ने इराक सरकार के साथ मिलकर डीप पेनिट्रेशन राडार से सच्चाई का पता लगाने का फैसला किया. जब ये पुख्ता हो गया कि इसमें शव हैं, तब खुदाई करवाई गई जिसके बाद शव मिले.


उन सभी शवों का डीएनए टेस्ट कराया गया. 98 से 100 फीसदी तक सैंपल मैच हो गए तब विदेश मंत्री ने संसद में इसकी जानकारी दी. इराक में भवन निर्माता कंपनी के लिए काम करने गए 40 भारतीयों को मोसुल से आइएस के आतंकियों ने अगवा कर लिया था. उनमें से एक ने खुद को बांग्लादेशी मुसलमान बताया और बच निकलने में कामयाब रहा. शेष 39 भारतीयों को बादूश ले जाया गया और उनकी हत्या कर दी गई थी.