नई दिल्ली: सीबीएसई पेपर लीक मामले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने बाहरी दिल्ली से एक कोचिंग सेंटर के मालिक और दो स्कूल टीचर को गिरफ्तार किया है. इनपर आरोप है कि स्कूल के छात्रों को अच्छे नंबर दिलवाने के लिए पेपर लीक किये. गिरफ्तारी सिर्फ इकनॉमिक्स (अर्थशास्त्र) पेपर को लेकर हुई है.


दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी ने बताया कि दो तरह से पेपर लीक हुए, एक हैंड रिटेन और एक प्रिंटग फर्म से. 12 वीं का इकोनॉमिक्स का पेपर करीब आधे घंटे पहले लीक किया गया. गिरफ्तार दोनों स्कूल टीचर ऋषभ और रोहित ने पेपर की फोटो खींच कर कोचिंग मालिक/टीचर तौकीर को भेजी.


ऋषभ और रोहित ने इकोनॉमिक्स का पेपर समय से पहले खोलकर तौकीर को भेजा जो बवाना में टीचर हैं. तौकीर ने इकोनॉमिक्स का फोटो क्लिक करके अपने बच्चों को जिन्हें ट्यूशन पढ़ाता है उन्हें दिया. यहीं से संभवत: पेपर व्हाट्सएप पर वायरल हो गया.


पुलिस ने कल बताया था कि सीबीएसई पेपर लीक मामले में 60 से अधिक लोगों से पूछताछ की जा चुकी है जिसमें 53 छात्र शामिल हैं लेकिन मामले में कोई 'बड़ी सफलता' हासिल नहीं हुई. पुलिस पेपर लीक के सिलसिले में छह व्हाट्सएप ग्रुप की भी जांच कर रही है. पुलिस की कार्रवाई के बीच देशभर में सीबीएसई छात्रों का प्रदर्शन जारी है. छात्र दोबारा परीक्षा कराए जाने के फैसले का विरोध कर रहे हैं.


गूगल ने दिया जवाब


दिल्ली पुलिस को गूगल से जवाब मिल गया है. इससे उस ईमेल आईडी की पहचान हुई, जिससे सीबीएसई अध्यक्ष को 10 वीं कक्षा के गणित के पेपर लीक होने के बारे में एक मेल भेजा गया था. दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के अधिकारी ने बताया कि कक्षा 10 वीं के एक छात्र को गणित का पेपर व्हाट्सएप पर मिला था और उसने सीबीएसई अध्यक्ष को मेल भेजने के लिए अपने पिता के ईमेल आईडी का इस्तेमाल किया.


उन्होंने बताया कि छात्र और उसके पिता से पूछताछ की जा रही है. इससे पहले पुलिस के विशेष आयुक्त( अपराध) आर पी उपाध्याय ने कहा कि पुलिस ने ईमेल आईडी के बारे में जो जानकारी मांगी थी, उसके बारे में जवाब उसे गूगल से मिल गया है.


पुलिस ने बताया कि बोर्ड अधिकारियों से बातचीत करने के लिए अपराध शाखा की एक टीम शाम में पूर्वी दिल्ली के प्रीत विहार स्थित सीबीएसई कार्यालय पहुंची. पुलिस ने बताया कि सीबीएसई अध्यक्ष अनीता करवाल भी मौजूद थीं. अपराध शाखा की इस टीम में संयुक्त पुलिस आयुक्त आलोक कुमार और उपायुक्त( अपराध) जी गोपाल नायक शामिल थे. कुमार ने कहा कि वे बोर्ड अधिकारियों से परीक्षा प्रक्रिया के बारे में जानकारी चाहते थे. उन्होंने कहा कि इससे पहले सीबीएसई के तीन अधिकारियों से बातचीत हुई थी.