IUML On CAA: नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) लागू न करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में करीब-करीब 200 याचिकाएं डाली गई हैं. इन याचिकाओं पर आज मंगलवार (19 मार्च) को सुनवाई करेगा. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पादरीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच सुनवाई करेगी. इन याचिकाओं में एक याचिका इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) की भी है.


सुप्रीम कोर्ट में सीएए के खिलाफ उनकी याचिका पर इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के याचिकाकर्ता पी के कुन्हालीकुट्टी ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, "देखिए, सुप्रीम कोर्ट में हमारी मुख्य याचिका है. सरकार को अधिसूचना से कई दिन पहले या कुछ घंटे पहले ऐसे नियम क्यों जारी करने चाहिए. मामला कोर्ट में लंबित है लेकिन सरकार नागरिकता आदेश पर आगे बढ़ रही है. सरकार को ऐसा क्यों करना चाहिए? हम उसे अदालत में उठा रहे हैं. हमें उम्मीद है कि हमें कुछ राहत मिलेगी. हम सीएए का विरोध नहीं कर रहे हैं, नागरिकता सभी को दी जानी चाहिए, केवल कुछ वर्गों को नहीं.''






इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग की याचिका में क्या?


याचिका में कहा गया कि सिर्फ कुछ धर्म के लोगों को नागरिकता देना संविधान के खिलाफ है. आईयूएमएल ने तर्क दिया कि किसी कानून की संवैधानिकता तब तक लागू नहीं होती जब तक कानून साफतौर पर मनमाना न हो. पिछले हफ्ते आईयूएमएल की याचिका का उल्लेख करते हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि चुनाव नजदीक हैं और ऐसे समय में चार साल पहले संसद से पारित कानून के नियमों का नोटिफिकेशन जारी करना सरकार की मंशा को संदिग्ध बनाता है.


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