नई दिल्लीः हाल ही में रेलवे में भर्ती के लिए 88,000 पोस्ट के लिए करीब 2.37 करोड़ लोगों ने आवेदन किया है. हालांकि रेलवे ने इसके लिए एक सकारात्मक पहल की है और इन रिक्रूटमेंट के लिए ऑनलाइन प्रोसेस को अपनाया है. इन प्रक्रिया के जरिए रेलवे ने 7.5 करोड़ पेपर शीट्स या दूसरे शब्दों में कहें तो 10 लाख पेड़ों को बचाया है. रेल मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी ने ये जानकारी दी है.
असिस्टेंट लोको पायलट से लेकर टेक्नीशियन, गेटमेन तक के पद रेलवे ने अपने कई पदों के रिक्रूटमेंट के लिए भारीभरकम कई भाषाओं के प्रश्न पत्रों के स्थान पर ऑनलाइन टेस्ट को अपना लिया है और इससे भारी मात्रा में कागजों की बचत की जाएगी. इन पदों में असिस्टेंट लोको पायलट से लेकर टेक्नीशियन, गेटमेन, ट्रैकमेन और पॉइंटस्मेन के पद शामिल हैं.
2 करोड़ से ज्यादा लोगों ने आवेदन किए रेलवे के रिक्रूटमेंट प्रोसेस से जुड़े एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि करीब 62,000 पद जिनमें ट्रैक इंस्पेक्शन क्रू और रेलवे सुरक्षा के दूसरे पद शामिल हैं, वहीं 26,000 से ज्यादा पद इंजिन ड्राइवर्स और टेक्नीशियंस के हैं. इनके लिए 2 करोड़ से ज्यादा लोगों ने आवेदन किए हैं. इनकी परीक्षा 300 सेंटर्स पर ऑनलाइन होगी और इनके सुचारु संचालन के लिए रेलवे कार्य कर रहा है.
आमतौर पर एक परीक्षार्थी को एग्जाम पूरा करने के लिए ए4 साइज के 3 या 4 पेपर शीट्स लगते हैं लिहाजा इस पूरे प्रोसेस को ऑनलाइन करने के जरिए रेलवे अच्छी खासी संख्या में कागजी पेपर शीट्स को बचाने में कामयाब रहेगा.
10 लाख के करीब पेड़ों को बचा पाएगा रेलवे अधिकारी ने इस पूरी प्रकिया को दुनिया की सबसे बड़ी ऑनलाइन रिक्रूटमेंट ड्राइव का नाम देते हुए कहा कि न केवल इससे हजारों लोगों को नौकरियां मिलेंगी वहीं इस प्रोसेस से रेलवे करीब 7.5 करोड़ पेपर शीट्स और 10 लाख के करीब पेड़ों को भी बचा पाएगा.
500 और 250 रुपये फीस वो नॉन सीरियस एप्लीकेंट्स जो एप्लाई कर देते हैं पर एग्जाम नहीं देते इस बार रेलवे में नौकरी के लिए ऐसे एप्लीकेंट्स को दूर रखने के लिए फीस 500 रुपये और 250 रुपये रखी गई है. इसमें जनरल कैंडिडेट्स के लिए 500 रुपये फीस रखी गई है और इसमें से 400 रुपये उन्हें तब लौटा दिए जाएंगे जब वो एग्जाम में शामिल होंगे. इसके अलावा एससी-एसटी कैंडिडेट्स, महिलाओं, दिव्यांगों, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से आने वाले आवेदनकर्ताओं और एक्स-सर्विसमेन के लिए फीस 250 रुपये रखी गई है. इन आवेदनकर्ताओं के परीक्षा में शामिल होने के बाद इन्हें इनकी पूरी फीस लौटा दी जाएगी.
अधिकारी के मुताबिक इस बार रेलवे को अधिकतम संख्या में आवेदनकर्ताओं के परीक्षा में शामिल होने की उम्मीद है और सेंटर्स पर केवल 5-10 फीसदी एप्लीकेंट्स के ही अनुपस्थित रहने की संभावना है.
वेबसाइट के लिए खास इंतजाम भारतीय रेलवे में इस समय 13 लाख लोग कार्यरत हैं और इसने एग्जाम के दौरान वेबसाइट क्रैश न हो इसके लिए खास इंतजाम किए हैं. रेलवे की ये वेबसाइट पहले भी ऑनलाइन एप्लीकेशन प्रोसेस के दौरान आए ट्रैफिक को संभालने में सक्षम रही थी.
पहले रेलवे भी इस भर्ती प्रक्रिया को मैनुअली कराता था लेकिन हाल ही में हुए कुछ पेपर लीक मामलों के चलते रेलवे ने इस प्रक्रिया को ऑनलाइन कराने का फैसला लिया है. इस ऑनलाइन टेस्ट के जरिए रेलवे काफी अच्छी संख्या में समय और संसाधनों की बचत कर पाएगा वहीं इससे रेलवे की भर्ती प्रकिया और पारदर्शी हो सकेगी.