कोरोना संकट के चलते कई महीनों तक बंद रही भारतीय रेल अब देशभर में सुचारू रूप से चल रही है. लोग आवाजाही के लिए सतर्कता के साथ देशभर में इसका इस्तेमाल कर यात्रा कर रहे हैं. हालांकि, पैसेंजर ट्रेनें अभी पूरी तरह से नियमित नहीं हो पाई हैं. इधर, अगले कुछ दिनों बाद केन्द्रीय बजट आने जा रहा है. इस बीच, ऐसी कयासबाजी हो रही है कि रेलवे किराया बढ़ाने पर विचार कर रही है. रेलवे के किराया बढ़ाने की कयासबाजी के बीच खुद रेलवे का बयान आया है.


समाचार एजेंसी एएनआई के मुतबिक, मंगलवार को भारतीय रेलवे ने कहा- "मीडिया के एक वर्ग में यह खबर दी गई है कि यात्री किराया में कुछ बढ़ोत्तरी की संभावना है. यह खबर निराधार और तथ्यहीन है. किराया बढ़ोत्तरी का ऐसा कोई मामला विचाराधीन नहीं है." भारतीय रेलवे ने आगे कहा- मीडिया को यह सलाह दी जाती है कि वे ऐसी खबर को प्रकाशित या उसे सर्कुलेट ना करें.





पिछले महीने रेलवे ने कहा था कि सामान्य ट्रेन सेवाएं बहाल होने के संबंध में कोई निश्चित तारीख बताना संभव नहीं है. साथ ही 2019 की तुलना में 2020 में दिसंबर तक यात्रियों से होने वाली आय में 87 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई थी. दिसंबर में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वीके यादव ने संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि मौजूदा वित्त वर्ष में यात्रियों से रेलवे को प्राप्त राजस्व 4,600 करोड़ रुपये है. साथ ही अनुमान है कि मार्च 2021 तक यह राशि बढ़कर 15,000 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगी. 2019 में रेलवे को यात्रियों से 53,000 करोड़ रूपये की आमदनी हुई थी. यादव ने हालांकि कहा कि यात्रियों से होने वाली आय में कमी की भरपाई माल ढुलाई से होने वाली आमदनी से हो जाएगी.


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