भविष्य के युद्ध तीनों सेनाएं (थलसेना, वायुसेना और नौसेना) साथ मिलकर लड़ सकें, इसके लिए देश में ज्वाइंट लॉजिस्टिक नोड्स बनाने का काम शुरू हो गया है. इसी कड़ी में मुंबई में सेना के तीनों अंगों का साझा लॉजिस्टिक सेंटर बनाया गया है, जहां थलसेना, वायुसेना और नौसेना, तीनों के लिए स्मॉल-आर्म्स एम्युनेशन, फ्यूल, राशन, सिविलियन गाड़ियां, एविएशन-क्लोथिंग और इंजीनियरिंग-सपोर्ट सर्विस एक जगह ही मिल सकेगा.


गुवाहटी और पोर्ट-ब्लेयर (अंडमान निकोबार) के बाद, मुंबई में तीसरा ज्वाइंट लॉजिस्टिक नोड तैयार किया गया है. गुरुवार को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस), जनरल बिपिन रावत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मुंबई के ज्वाइंट लॉजिस्टिक नोड का उद्घाटन किया.


रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इन साझा लॉजिस्टिक बेस से मैनपॉवर की बचत और संसाधनों का बेहतर उपयोग तो हो ही सकेगा, साथ ही वित्तीय खर्च में भी कटौती होगी, क्योंकि अभी थलसेना, वायुसेना और नौसेना के अलग-अलग लॉजिस्टिक बेस हैं.


रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि इन साझा लॉजिस्टिक बेस से सेना के तीनों अंगों के इंटीग्रेशन की प्रक्रिया में मदद मिलेगी, जो प्रधानमंत्री मोदी के एकीकरण के निर्देशानुसार है. गुवाहाटी, अंडमान और मुंबई के बाद देश में इस तरह के और ज्वाइंट लॉजिस्टिक नोड्स बनाएं जाएंगे.


आपको बता दें कि तीनों सेनाओं के एकीकरण के लिए सीडीएस के नेतृत्व में देश में इंटीग्रेटेड थियेटर कमान बनाए जाने की कवायद शुरू हो चुकी है. अगले कुछ महीनों में मेरीटाइम थियेटर कमान और एयर डिफेंस कमान बनकर तैयार होने वाली हैं. इन थियेटर कमान में थलसेना, वायुसेना और नौसेना, तीनों एक ही बेस में तैनात रहेंगी और एक ही जनरल-रैंक के अधिकारी के अंतर्गत काम करेंगी.


मुंबई में ज्वाइंट लॉजिस्टिक नोड के ऑपरेशन्ल होने के मौके पर सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने तीनों सेनाओं के सैन्य-अधिकारिओं को संबोधित करते ज्यादा से ज्यादा लॉजिस्टिक-इंटीग्रेशन, सेना के खर्चों में कटौती और सशस्त्र-बलों के आधुनिकीकरण पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि अब अगर कोई युद्घ हुआ तो पूरा देश दुश्मन के खिलाफ लड़ेगा‌.