Cricketers Turned Politicians: पूर्व भारतीय क्रिकेटर अंबाती रायडू गुरुवार (28 दिसंबर) को युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (YSRCP) में शामिल हो गए. उन्होंने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की मौजूदगी में पार्टी ज्वाइन की. रायडू ने राजनीति में आने से पहले कहा था कि वह लोगों की सेवा करने के लिए जल्द ही आंध्र प्रदेश की राजनीति में प्रवेश करेंगे.


वैसे, यह पहला मौका नहीं है, जब किसी भारतीय क्रिकेटर ने राजनीति में एंट्री ली हो. इससे पहले भी कई क्रिकेटर राजनीति के पिच पर खेल चुके हैं. इनमें पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन, कीर्ति आजाद, नवजोत सिंह सिद्धू और मनोज तिवारी जैसे नाम शामिल हैं


रायडू से पहले क्रिकेटर मनोज तिवारी 2021 में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे. उन्होंने शिबपुर सीट से चुनाव लड़ा था और जीत के साथ राजनीतिक पारी का आगाज किया था. उन्हें ममता सरकार में खेल मंत्री बना गया.


गौतम गंभीर बने सांसद
क्रिकेटर  गौतम गंभीर भी उन खिलाड़ियों में शामिल हैं, जिन्होंने क्रिकेट के मैदान से रिटायर होने के बाद सियासी पिच पर कमाल दिखाया. गौतम गंभीर मार्च 2019 में बीजेपी में शामिल हुए थे. वह, पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से सांसद हैं.


सिद्धू का सियासी सिक्सर
पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू भी राजनीति के मैदान में अपना जौहर दिखा चुके हैं. सिद्धू ने भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर अमृतसर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से 2004 का लोकसभा चुनाव जीता, इसके बाद उन्होंने 2007 में इसी सीट पर हुए उप चुनाव में जीत हासिल की. 


इसके अलावा 2009 के आम चुनाव में भी उन्हें जीत मिली. हालांकि, 2016 में उन्होंने बीजेपी छोड़, कांग्रेस का हाथ थाम लिया. इसके बाद उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन इस बार वह चुनाव हार गए.


मंसूर अली खान पटौदी को मिली हार
भारत के पूर्व कप्तान मंसूर अली खान पटौदी राजनीति में आने वाले पहले क्रिकेटरों में से थे. नवाब ने दो लोकसभा चुनाव लड़े और दोनों बार हार का स्वाद चखा. लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद पटौदी राजनीति से दूर रहने का फैसला किया.


राजनीति की पिच पर बोल्ड हुए कैफ
भारतीय क्रिकेट के बेस्ट फिल्डरों में से एक माने जाने वाले मोहम्मद कैफ 2014 में कांग्रेस में शामिल हो गए. उन्होंने उत्तर प्रदेश के फूलपुर से लोकसभा चुनाव लड़ा था. फिलहाल कैफ ने भी राजनीति से दूरी बना ली है.


अजहर ने थामा कांग्रेस का हाथ
भारत के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने अपनी राजनीतिक पारी 2009 में शुरू की थी. वह कांग्रेस में शामिल हुए और उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से आम चुनाव जीतकर सांसद बने थे. हाल ही में उन्होंने तेलंगाना की जुबली हिल्स सीट से चुनाव लड़ा. हालांकि, उन्हें हार का सामना करना पड़ा. 


कीर्ति आजाद का सियासी सफर
पूर्व ऑलराउंडर कीर्ति आजाद ने बिहार के दरभंगा से बीजेपी की सीट पर तीन बार जीत हासिल की. बाद में वह बीजेपी छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए थे. कांग्रेस ने उन्हें झारखंड के धनबाद से टिकट दिया गया था, जहां उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा. इसके बाद 2022 में कीर्ति आजाद टीएमसी में शामिल हो गए.


बीजेपी के सांसद बने चेतन चौहान
पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान उत्तर प्रदेश के अमरोहा निर्वाचन क्षेत्र से  सांसद रह चुके हैं. चेतन चौहान ने बीजेपी की टिकट से 1991 में अमरोहा में चुनाव लड़ा और वे वहां से सांसद चुने गए थे. इसके बाद एक बार फिर 1996 में बीजेपी ने उन्‍हें इसी मैदान में चुनावी जंग के लिए उतारा, लेकिन इस बार वे जीत दर्ज नहीं करा पाए थे. 1998 में चेतन चौहान एक बार फिर सांसद चुने गए.


वहीं, साल 1999 और 2004 के लोकसभा चुनाव में भी उन्‍होंने अपनी किस्‍मत आजमाई, लेकिन हार का सामना करना पड़ा. 2017 में 13 साल बाद उन्होंने एक बार फिर बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा जीत हासिल की. वह योगी सरकार में मंत्री बनाए गए.


बीजेपी में शामिल हुए अशोक डिंडा
पूर्व क्रिकेटर अशोक डिंडा ने भी रिटायर होने के बाद राजनीतिक पारी शुरू की. डिंडा 2021 पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी में शामिल हो गए थे. उन्होंने मोयना निर्वाचन क्षेत्र से 1260 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी.


राज्यसभा पहुंचे हरभजन सिंह
पिछले साल हरभजन सिंह भी उन क्रिकेटरों की लिस्ट में शामिल हो गए जिन्होंने राजनीति में कदम रखा. हरभजन ने संन्यास लेने के बाद आम आदमी पार्टी का दामन थामा और इसी पार्टी ने उन्हें राज्यसभा भेज दिया.


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