नई दिल्ली: भारतीय सेना ने अपने जवानों को फर्जी बाबाओं से सतर्क रहने का निर्देश दिया है. सेना के मुताबिक, पाकिस्तानी जासूस अब फर्जी बाबा और आध्यत्मिक गुरू बनकर भारतीय सैनिकों को निशाना बना रहे हैं ताकि उनके झांसे में फंसकर वे भारतीय सेना से जुड़ी संवदेनशील जानकारी लीक कर सकें.


भारतीय सेना ने अपने जवानों को खासतौर से सोशल मीडिया पर इस तरह के फर्जी बाबाओं से सावधान रहने का निर्देश दिया है. साथ ही कहा है कि इन बाबाओं से फोन पर भी संपर्क ना करें. एबीपी न्यूज ने भारतीय सेना की वो एडवाइजरी देखी है जिसमें साफ तौर से लिखा है कि पाकिस्तानी इंटेलीजेंस ऑपरेटिव यानि पीआईओ अब हनीट्रैप के साथ साथ फर्जी बाबा और आध्यत्मिक गुरूओं के आड़ में भारतीय सेना की जासूसी कर रहा है. सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तानी ऑपरेटिव जवानों को यूट्यूब, वॉटसअप, स्काईप इत्यादि पर संपर्क कर अपने जाल में फंसा रहे हैं.


सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी खासतौर से एनसीओ यानि नॉन-कमीशन्ड ऑफिसर्स (सिपाही, नायक, लांस नायक इत्यादि) को निशाना बना रहे हैं. खासतौर से उनके घर-परिवार या निजी जिंदगी से जुड़ी किसी समस्या का हल कराने के नाम पर ये जवानों को फंसा रहे हैं. भारतीय सेना की मिलिट्री इंटेलीजेंस (एमआई) के मुताबिक, पाकिस्तानी एजेंट्स उन यूनिट्स में ज्यादा सेंधमारी की कोशिश करती हैं जहां जवानों के साथ साथ सिविल-स्टाफ भी काम करता है. इनमें मिलिट्री हॉ़स्पिटल, सीएसडी कैंटीन, टेलीफोन एक्सचेंज शामिल हैं. जवानों के साथ साथ उनके परिवारों से संपर्क कर उनसे जानकारी जुटाई जा रही है. कई बार जवानों के घरों पर दिल्ली स्थित सेना मुख्यालय का फर्जी 'कमांडर विक्रम' के नाम से फोन किया जाता है ताकि जवानों की पोस्टिंग इत्यादि के बारे में जानकारी जुटाई जा सके.


आपको बता दें कि बुधवार को राजस्थान पुलिस ने भारतीय सेना के दो (02) जवानों को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया था. राजस्थान के पोखरण में तैनात इन दोनों जवानों को जोधपुर से उस वक्त गिरफ्तार किया गया जब ये छुट्टी पर अपने पैतृक-घर जा रहे थे. दोनों जवानों की पहचान सिपाह विचित्र बेहरा और लांस नायक रवि वर्मा के तौर पर हुई है. सेना के मुताबिक, ये दोनों जवान पाकिस्तान के हनी-ट्रैप के जाल में फंसे थे. दोनों जवानों पर फेसबुक पर एक पाकिस्तानी महिला जासूस के जाल में फंस कर सेना से जुड़ी जानकारी लीक करने का आरोप है. ये महिला जासूस 'सीरत' नाम का एक फर्जी फेसबुक एकाउंट चला रही थी.


यही वजह है कि सेना ने जवानों को मिलिट्री इंटेलीजेंस (एमआई) की इस एडवाइजरी को सभी यूनिट्स में सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया है. इस एडवाइजरी को पिछले अक्टूबर महीने में जारी किया गया था. सेना मुख्यालय ने आदेश दिया है कि इस एडवायजरी को लेकर सभी यूनिट्स में जवानों को विशेष लेक्चर के जरिए समझाया जाए कि वो हनीट्रैप और बाबाओं के जाल में ना फंसें.


एमआई के मुताबिक, ऐसा देखने में आया है कि पाकिस्तान की महिला जासूस (पीआईओ) इंश्योरेंस एजेंट या फिर मिलिट्री नर्सिंग स्टाफ बनकर जवानों को फोन करती हैं या फिर फेसबुक और दूसरी सोशल मीडिया साईट्स के जरिए संपर्क करती हैं. कई बार किसी चेन-मार्केटिंग के एजेंट बनकर जवानों से संपर्क कर रही हैं. कई बार जवानों को फर्जी लॉटरी के जाल में फंसाया जाता है. ऐसी भी जानकारी मिली है कि इन फर्जी लॉटरी के जरिए जवानों के एकाउंट में शुरूआत में पैसा भी जमा किया गया है. एक बार जवान जाल में फंसता है तो उससे सेना से जुड़ी गोपनीय और संवेदनशील जानकारी ले ली जाती है.


सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तानी एजेंट्स भारतीय जवानों से भारतीय सेना की ऑर्बेट यानि ऑर्डर ऑफ बैटेल, वरिष्ट सैन्य अधिकारियों के फोन नंबर और युद्धभ्यास से जुड़ी जानकारी जुटानें की कोशिश करते हैं. हाल के दिनों में कम से कम 150 ऐसी सोशल साईट्स को चिंहित करके बंद करवाया गया है जो पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी चला रही थीं और भारतीय जवानों को टारगेट कर रहीं थीं. सेना ने जवानों को माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट्स, यूट्यूब, टिकटोक, बिगो-लाइक और स्काईप इत्यादि के इस्तेमालको सावधानी पूर्वक करने की सलाह दी है.


एबीपी न्यूज को ये भी जानकारी मिली है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियां भारतीय जवानों के साथ साथ रेलवे के स्टेशन-क्लर्क्स को भी खासतौर से अपना निशाना बना रहे हैं. इसके लिए पाकिस्तानी ऑपरेटिव्स फर्जी सेना का अधिकारी बनकर भारतीय सेना के मूवमेंट की जानकारी इकठ्ठा करते हैं. एमआई के मुताबिक, भारतीय सेना की छावनियों के करीब बने ऐसे स्टेशन जहां सेना के जवानों, टैंक, तोप इत्यादि की मूवमेंट होती है उन्हें टारगेट किया जा रहा है. इन स्टेशनों में झांसी, बबीना (ग्वालियर के करीब), सूरतगढ़ (राजस्थान), लखनऊ इत्यादि शामिल हैं.