Commanders Conference: LAC पर चीन से चल रहे तनाव के बीच आज से भारतीय सेना की चार दिवसीय कमांडर्स कॉन्फ्रेंस शुरू हो रही है. ये कॉन्फ्रेंस 28 अक्टूबर तक चलेगा. कॉन्फ्रेंस में शीर्ष सैन्य और राजनैतिक नेतृत्व द्वारा सीमाओं की सुरक्षा पर मंथन किया जाएगा. कॉन्फ्रेंस में थलसेना प्रमुख सहित सेना की सभी सातों कमान के कमांडर्स और प्रिसिंपल स्टाफ ऑफिसर्स हिस्सा लेंगे.


सेना के प्रवक्ता कर्नल राकेश चमोली के मुताबिक, आर्मी कमांडर्स कॉन्फ्रेंस को रक्षा मंत्री, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) सहित वायुसेना और नौसेना प्रमुख भी संबोधित कर सशस्त्र सेनाओं (थलसेना, वायुसेना और नौसेना) के बीच बेहतर तालमेल और एकीकरण पर जोर देंगे.


सेना के लिए भविष्य की रूपरेखा तैयार की जाएगी
आपको बता दें कि हर साल अप्रैल और अक्टूबर माह में आयोजित होने वाला आर्मी कमांडर्स कॉन्फ्रेंस एक शीर्ष स्तरीय द्विवार्षिक कार्यक्रम है. सम्मेलन वैचारिक स्तर पर विचार-विमर्श के लिए एक संस्थागत मंच है जिसके माध्यम से भारतीय सेना महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णयों पर विचार-विमर्श  करती है.


कॉन्फ्रेंस के जरिए थलसेना के टॉप कमांडर रक्षा मंत्रालय और डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री एफेयर्स के शीर्ष अधिकारियों के साथ चर्चा का एक औपचारिक मंच भी है. इस सम्मेलन के दौरान भारतीय सेना के शीर्ष नेतृत्व द्वारा वर्तमान और उभरती सुरक्षा और प्रशासनिक पहलुओं पर मंथन तो किया जाएगा ही, सीमाओं पर स्थिति और कोविड-19 महामारी से उत्पन्न हुई चुनौतियों की पृष्ठभूमि में भारतीय सेना के लिए भविष्य की रूपरेखा तैयार की जाएगी. कॉन्फ्रेंस सुबह 10 बजे साउथ ब्लॉक में होगी.


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