Major And His Wife Inhumane Treatment With Domestic Help: असम में भारतीय सेना के एक मेजर और उसकी पत्नी को घर में काम करने वाली नाबालिग नौकरानी से अमानवीय बर्बरता करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. असम पुलिस ने अपने एक बयान में इस बारे में पुष्टि की है.


इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, बताया गया है कि गिरफ्तार किए गए मेजर की पहचान शैलेंद्र यादव के तौर पर हुई है, जबकि उसकी पत्नी का नाम किमी रालसन है. वह हफलॉन्ग की रहने वाली है, जहां शैलेंद्र की पहले पोस्टिंग थी. यही दोनों ने 2 साल पहले शादी की थी.


नाबालिग के शरीर पर हैं जलने के निशान


घटना असम के दिमा हसाओ जिले की है. महिला पर आरोप है कि वह नाबालिग के साथ मारपीट करती थी. वह उसे इतना मारती थी कि उसके दांत टूट गए. नाबालिग के शरीर पर जलने के निशान भी थे. मेडिकल रिपोर्ट में पता चला कि नाबालिग की नाक की हड्डी भी टूटी हुई है और उसकी जीभ तक पर कटने के निशान हैं.


पुलिस के सूत्रों का ये भी कहना है कि ज्यादातर समय बच्ची को विर्वस्त्र रखा जाता था. उसके शरीर पर गर्म पानी भी फेंका गया. दावा है कि लड़की जब खाना मांगती थी तो उसे कूड़े दान से उठाकर खाना देते थे. हाल ही में पुलिस की मदद से बच्ची 24 सितंबर को घर वालों के पास लौटी है.


बच्ची की मां ने क्या कहा
पीड़िता की मां ने बताया कि जब वह घर आई तो पहचान में ही नहीं आ रही थी. 16 साल की उम्र में वह महिला की तरह लगने लगी है. वह बोल भी नहीं पा रही थी.
16 साल की लड़की के पूरे शरीर पर चोट के निशान है. दंपती बीते 6 महीने से उसके साथ ज्यादती कर रहा था. पीड़ित बच्ची ने अपने साथ हुई बर्बरता का खुलासा पुलिस के समक्ष अपने बयान में किया है. उसने बताया है कि दोनों पति-पत्नी उसे तब तक मारते थे जब तक कि उसका खून नहीं निकल आता था. उसने यह भी कहा कि उसे अपना ही खून चाटने के लिए मजबूर किया जाता था.


पीड़ित बच्ची ने सुनाई आपबीती


बच्ची ने कहा, "वह मुझे कमरे में बंद करके रखती थी और बाल पकड़कर घसीटती थी. वह कहती थी कि मुझे घर का काम करना नहीं आता है और इसके लिए बेलन से पीटती थी. जब वह मारती थी तो कई बार खून निकल आता था और फिर वह मुझसे वह खून चटवाती थी." पुलिस ने मेजर और उसकी पत्नी के खिलाफ पॉक्सो और एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है.


पुलिस का बयान


दिमा हासाओ के एसपी मयंक कुमार ने कहा, "नाबालिग से काम कराने का मामला भी आरोपी पर दर्ज किया गया है. लड़की ने बताया था कि 6 महीने से उसे टॉर्चर किया जा रहा था. सेना के अधिकारी हिमाचल प्रदेश के पालमपुर में पोस्टेड हैं. उन्होंने घर का काम करवाने और बच्चे की देखभाल के लिए नाबालिग को रखा था. जब  वह वापस असम आए तो पीड़िता अपने परिवारवालों से मिली. इसके बाद सारा मामला खुलकर सामने आया."


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