Indian Air Force: भारतीय वायुसेना के पुराने हो रहे मिग-21 लड़ाकू विमान को अगले साल डिकमीशन कर दिया जाएगा. आसान भाषा में कहें, तो अगले साल से वायुसेना इनका इस्तेमाल नहीं करने वाली है. यही वजह है कि अब मिग-21 उड़ाने वाली महिला फाइटर पायलट की भी चर्चा शुरू हो गई हैं. इन महिला पायलटों ने अपने-अपने अनुभवों को शेयर भी किया है. मिग-21 का सेफ्टी रिकॉर्ड काफी खराब रहा है, जिसकी वजह से इन्हें वायुसेना से हटाया जा रहा है. 


हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, आईएएफ दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना है. इसमें 20 के करीब महिला फाइटर पायलट हैं. महिला फाइटर पायलट को वायुसेना में शामिल करने की शुरुआत 2016 में हुई. भारत की पहली महिला फाइटर पायलट में से एक स्क्वाड्रन लीडर मोहना सिंह ने कहा कि वायुसेना में लिंग आधारित बाधा नहीं है और सब मिलकर काम करते हैं. वह उन तीन महिला पायलटों में से एक हैं, जिन्हें बीकानेर में नंबर 3 स्क्वाड्रन 'कोबरा' में पोस्टिंग मिली है. 


वायुसेना में सबको बराबरी का हक


एयरफोर्स में सात साल के अपने करियर में स्क्वाड्रन लीडर मोहना सिंह ने सिर्फ एक ही तरह का लड़ाकू विमान उड़ाया है. वो है मिग-21 का लेटेस्ट वेरिएंट बाइसन. नंबर 3 स्क्वाड्रन वायुसेना के उन दो बचे हुए मिग-21 बाइसन स्क्वाड्रन में से एक है. फरवरी 2019 में स्क्वाड्रन का हिस्सा बनने वालीं फ्लाइट लेफ्टिनेंट प्रतिभा दहिया ने कहा कि वर्कप्लेस महिला फाइटर पायलटों के लिए समान है, जो पुरुषों के समान भूमिकाएं निभा रही हैं और पेशेवर विकास कर रही हैं. 


स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर ग्रुप कैप्टन चेतन शर्मा ने कहा कि महिला और पुरुष फाइटर पायलटों को एक समान फॉर्मेशन में मिशन पूरा करना होता है. दोनों ही दो सीटों वाले मिग-21 ट्रेनर एयरक्राफ्ट में बैठकर उड़ान भरते हैं. स्क्वाड्रन में सीनियर पायलट विंग कमांडर जेएस संधू ने कहा कि एयरक्राफ्ट को जेंडर से कोई मतलब नहीं है.  उन्होंने कहा, 'फ्लाइंग स्किल काफी मायने रखती है. हमारे स्क्वाड्रन में शामिल हर एक पायलट के पास ये सब है.'


2025 तक हटा दिए जाएंगे मिग-21 विमान


बीकानेर में मिग-21 के फ्लाइंग ऑपरेशन अपने पूरे-जोरों से चल रहे हैं. छह दशक तक भारतीय वायुसेना में सेवा देने वाले इन विमानों डिकमीशन करने से पहले वायुसेना जमकर इस्तेमाल कर रही है. मिग-21 को 2025 तक पूरी तरह से वायुसेना के डिकमीशन कर दिया जाएगा. वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी अक्टूबर में ही इसका ऐलान कर चुके हैं. वहीं, मिग-21 को पसंद करने की हर पायलट की अपनी-अपनी वजहें भी हैं. 


मिग-21 को लेकर क्या बोलीं महिला पायलट?


मोहना सिंह ने कहा, 'मिग-21 पर कोई भी उड़ान एक जैसी नहीं है. यही इसकी सबसे अच्छी बात है. इसके अलावा, जब आप प्लेन उड़ा रहे होते हैं, तो आप उसके साथ जुड़ा हुआ महसूस करते हैं. यह एक आकर्षक जुड़ाव है.  यह लगभग वैसा ही है जैसे प्लेन आपके शरीर का हिस्सा हो.' उन्होंने कहा, 'एक और बात जो मुझे आकर्षित करती है वह यह है कि मिग-21 की लैंडिंग गति दुनिया में सबसे अधिक है. लगभग 340 किमी प्रति घंटा. मुझे कभी-कभी इसके बारे में डींगें हांकना अच्छा लगता है.'


प्रतिभा दहिया ने कहा कि उन्हें कंवेंशनल फ्लाइंग कंट्रोल और पुराने डिजाइन के बाद भी मिग-21 की बहुत कुछ कर जाने की क्षमता काफी प्रभावित करती है. उन्होंने कहा, 'जब मैं कहती हूं कि हर एक मिग-21 पायलट के पास इससे जुड़ी बेहतरीन कहानियां सुनाने को हैं, तो मैं ऐसा बढ़ा चढ़ाकर नहीं कहती हूं.' 


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