दिल्ली: हथियारों के एक्सपोर्ट की दिशा में भारत ने बड़ा कदम उठाते हुए स्वदेशी आकाश मिसाइल सिस्टम को निर्यात करने की हरी झंडी दे दी है. बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने जमीन से आकाश में वार करने वाली आकाश मिसाइल को निर्यात करने कि इजाजत दी. खुद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसकी जानकारी दी.


इसके अलावा हथियारों के एक्सपोर्ट के लिए रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री और एनएसए वाली एक खास कमेटी बनाई गई है. करीब 25 किलोमीटर दूर आसमान में दुश्मन के फाइटर जेट, हेलीकॉप्टर, ड्रोन और क्रूज मिसाइल तक को तबाह करने में सक्षम आकाश मिसाइल को डीआरडीओ (डिफेंस रिर्सच एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन) ने सरकारी उपक्रम भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (बीडीएल) और भारत इलेक्ट्रोनिक्स लिमिटेड (बीईएल) के साथ मिलकर तैयार किया है. स्वदेशी प्राईवेट कंपनियों ने इसके लॉन्चर और रडार सिस्टम इत्यादि बनाने में मदद की है.


देशी संस्करण से अलग होगी आकाश मिसाइल


करीब 10 सालों से थलसेना और वायुसेना आकाश मिसाइल सिस्टम का इस्तेमाल देश की एयर-स्पेस की सुरक्षा में कर रही हैं और एलओसी से लेकर पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर तैनात है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के मुताबिक, डिफेंस एक्सपो इत्यादि में कई देशों ने आकाश मिसाइल सिस्टम खरीदने की इच्छा जताई थी, इसीलिए कैबिनट ने निर्यात की इजाजत दी है. खास बात ये है कि एक्सपोर्ट किए जाने वाली आकाश मिसाइल, देशी संस्करण से अलग होगी. जानकारी के मुताबिक, जिन देशों ने आकाश सिस्टम को खरीदने मे दिलचस्पी दिखाई है उनमें वियतनाम, फिलीपींस, यूएई और सऊदी अरब शामिल हैं.


साल 2025 तक हथियारों की निर्यात के लिए 35 हजार करोड़ रूपये का लक्ष्य


रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, आकाश के अलावा भारत के स्वेदशी कोस्टल सर्विलांस सिस्टम, रडार और एयर-प्लेटफार्म्स (तेजस फाइटर जेट इत्यादि) में भी कई देशों ने दिलचस्पी जताई है. इन हथियार और दूसरे सैन्य साजो सामान के जल्द एप्रोवल के लिए सरकार ने रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) के नेतृत्व में एक खास कमेटी गठित की है.


आपको बता दें कि मोदी सरकार ने वर्ष 2025 तक हथियारों की निर्यात के लिए 5 बिलियन डॉलर यानि 35 हजार करोड़ रूपये का लक्ष्य रखा है. फिलहाल, भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हथियारों का आयातक देश है. भारत से उपर सिर्फ सऊदी अरब है. लेकिन आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया के तहत मोदी सरकार स्वदेशी हथियारों को तैयार करने और निर्यात करने में जुटी है.


अभी तक भारत हथियारों के छोटे-मोटे स्पेयर पार्ट्स ही एक्सपोर्ट करता था. लेकिन आकाश के निर्यात को इजाजत मिलने से ये पहला बड़ा हथियार (मिसाइल) होगा जो भारत एक्सपोर्ट करेगा. बुधवार को ही ओएफबी (ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड) ने म्यांमार को बम के फ्यूज़ एक्सपोर्ट किए. हालांकि, रूस की मदद से तैयार की गई सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल, ब्रह्मोस को भी भारत निर्यात करने की तैयारी कर रहा है.


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