नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने गुरुवार को कहा कि वह देश में कोरोना वायरस की स्थिति में सुधार के मद्देनजर भारतीयों के लिए यात्रा प्रतिबंधों में ढील देने का मुद्दा विदेशी सरकारों के समक्ष उठा रहा है. चीन, इटली और कई अन्य देशों के संस्थानों में पढ़ने वाले भारतीय छात्र यात्रा प्रतिबंधों के मद्देनजर यहां रुके हुए हैं.


विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, "भारत में कोविड की स्थिति में सुधार के साथ, हम भारतीयों के लिए यात्रा प्रतिबंधों में ढील देने का मुद्दा विदेशों के साथ उठा रहे हैं. हमारा मानना है कि यह आर्थिक सुधार की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण चीज है." उन्होंने कहा, "इस दिशा में कुछ सकारात्मक कदम उठाए गए हैं और हम उम्मीद करेंगे कि और अधिक देश भारत से लोगों की आवाजाही को सामान्य बनाने के लिए कदम उठाएंगे."


यह पूछे जाने पर कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) कोवैक्सिन को कब मान्यता देगा, उन्होंने कहा कि टीका के निर्माता भारत बायोटेक लिमिटेड ने इस महीने की शुरुआत में वैश्विक संस्था को सभी आवश्यक दस्तावेज के साथ अनुरोध सौंपा है.


बागची ने कहा कि यूरोपीय संघ (ईयू) के आधे से अधिक सदस्य देशों ने पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित टीका कोविशील्ड को मान्यता दी है.


अगले सप्ताह अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन की भारत यात्रा की खबरों के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि इस बारे में अपडेट उपलब्ध होने पर विवरण साझा किया जाएगा.


उन्होंने यह भी कहा कि भारत को ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी के शपथ ग्रहण समारोह का निमंत्रण मिला है. समारोह पांच अगस्त को निर्धारित है.


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