नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र के मानव विकास सूचकांक में भारत को 2020 में 131वां स्थान मिला है. संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की ओर से जारी की गई रिपोर्ट में 189 देशों को शामिल किया गया था. रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2019 में भारतीयों की जीवन प्रत्याशा 69.7 साल थी. इसके अलावा, बांग्लादेश में लोगों की जिंदगी जीने की संभावना 72.6 साल और पाकिस्तान में 67.3 साल पाया गया था.


मानव विकास सूचकांक में भारत का 131वां स्थान


मानव विकास सूचकांक किसी राष्ट्र में स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन के स्तर का मापन है. सूचकांक में भूटान 129वें स्थान पर, बांग्लादेश 133वें स्थान पर, नेपाल 142वें स्थान पर और पाकिस्तान 154वें स्थान पर रहा. मानव विकास सूचकांक में नॉर्वे का स्थान सबसे ऊपर रहा. उसके बाद आयरलैंड, स्विट्जरलैंड, हांगकांग और आइसलैंड को जगह दी गई. यूएनडीपी के रेजिडेंट प्रतिनिधि शोको नोडा ने संवाददाताओं से कहा कि भारत की रैंकिंग में गिरावट का यह अर्थ नहीं कि 'भारत ने अच्छा नहीं किया, बल्कि इसका अर्थ है कि अन्य देशों ने बेहतर किया.'


संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम ने जारी किया रिपोर्ट


उन्होंने भारत से दूसरे देशों की मदद करने की अपेक्षा जताई. कार्बन उत्सर्जन कम करने के प्रयास पर यूएनडीपी की रिपोर्ट में भारत की सराहना की गई है. मंगलवार को जारी की गई यूएनडीपी की रिपोर्ट के मुताबिक, क्रय शक्ति समता (पीपीपी) के आधार पर 2018 में भारत की प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय 6,829 अमेरिकी डॉलर थी और 2019 में गिरकर 6,681 डॉलर हो गई. क्रय शक्ति समता विभिन्न देशों में कीमतों का मापन है. इसका इस्तेमाल खास सामानों की कीमत का देशों की मुद्रा में पूर्ण क्रय शक्ति से तुलना करने के लिए किया जाता है. रिपोर्ट में बताया गया कि पेरिस समझौते के तहत भारत ने कार्बन उत्सर्जन कम करने की प्रतिबद्धता जताई है.


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