नई दिल्लीः नीदरलैंड्स के हेग स्थित इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में कुलभूषण जाधव मामले पर चार दिनों तक चलने वाली सुनवाई सोमवार को शुरु हुई. मामले पर आईसीजे का दरवाज़ा खटखटाने वाले भारत को सबसे पहले अपनी दलील रखने का मौका मिला. भारत के वकील हरीश साल्वे ने जहां सिलसिलेवार दलीलों के साथ पकिस्तान के फैसले को वियना संधि के खिलाफ बताया वहीं पाक की पूरी कानून व्यवस्था को ही कठघरे में खड़ा किया. भारत ने अदालत से जाधव की सज़ा रद्द करने और रिहाई के आदेश देने की अपील की है.


सुनवाई के बाद एबीपी न्यूज़ से बातचीत में वकील हरीश साल्वे ने कहा कि यह मामला अब अंतरराष्ट्रीय अदालत में है. भारत को पूरी उम्मीद है कि उसे यहां से न्याय मिलेगा. साल्वे ने करीब 15 जजों की बेंच के सामने करीब तीन घंटे तक भारत की दलीलों को रखा.


भारतीय समयानुसार करीब ढाई बजे सुनवाई शुरू होने पर सबसे पहले भारत के एजेंट और विदेश मंत्रालय में पाकिस्तान-अफगानिस्तान-ईरान मामलों के प्रभारी दीपक मित्तल ने पाकिस्तान पर कोर्ट की अवमानना का आरोप लगाते हुए अदालत से इसकी शिकायत की. मित्तल ने कहा कि पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने सुनवाई से पूर्व कथित फैक्ट शीट जारी कर कोर्ट में आने के पहले ही एक कथानक बनाने का प्रयास किया है. मित्तल के मुताबिक भारत ने 15 फरवरी को इसकी लिखित शिकायत भी अदालत को दी है.


आईसीजे में 18-21 फरवरी तक चलने वाली सुनवाई में भारत और पाकिस्तान को जहां अपना पक्ष रखने का मौका मिलेगा वहीं एक-दूसरे के तर्कों का जवाब देने का भी वक्त मिलेगा. इस तरह दोनों मुल्कों के वकील दो -दो बार अदालत के सामने दलीलें रख सकेंगे.


सोमवार को हुई सुनवाई में भारत के वकील हरीश साल्वे ने पहले जहां कुलभूषण जाधव मामले पर कोर्ट में दाखिल पाक की लिखित दलीलों का सिलसिलेवार जवाब दिया. वहीं जाधव मामले में बुनी पाकिस्तानी कहानी के कई छेद भी गिनाए. साल्वे ने कहा कि कुलभूषण जाधव के इकबालिया बयान वाला वीडियो 25 मार्च 2016 को रिकॉर्ड किया गया जबकि उसके खिलाफ एफआईआर 8 अप्रैल 2016 को दर्ज हुई. इतना ही नहीं जाधव का इंटेरोगेशन मई 2016 में हुआ जबकि मजिस्ट्रेट के सामने उसका बयान जुलाई 2016 में दर्ज किया गया. कुलभूषण के कोर्ट मार्शल में समरी ऑफ एविडेंस भी 24 सितंबर 2016 को रिकॉर्ड किया गया. केवल चार सुनवाई में 12 फरवरी 2017 को उसका ट्रायल खत्म भी कर दिया गया.


कुलभूषण जाधव के पास से बरामद मुबारक हुसैन पटेल की पहचान वाले कथित भारतीय पासपोर्ट के सवालों का भी भारत ने जवाब दिया. साल्वे ने कहा कि जिस पासपोर्ट की पाकिस्तान बार बार दलील दी रहा है वो फर्ज़ी है. वहीं इस पासपोर्ट की बरामदगी और कुलभूषण जाधव की गिरफ्तारी के हालात की असलियत जानने के लिए ज़रूरी है कि भारत को कांसुलर सम्पर्क की इजाज़त मिले.


पाकिस्तान को आईना दिखाते हुए हरीश साल्वे ने कहा कि पाक ने न तो अभी तक वो सबूत सामने रखे हैं जिनके आधार पर जाधव को सज़ा सुनाई गई. न ही उसके कोर्ट मार्शल और सैन्य अदालत के फैसले की प्रति साझा की है. बीते दो सालों में जो कुछ नज़र आया है वो केवल इकबालिया बयान के वीडियो हैं जो स्वाभाविक रूप से दबाव में बनवाए गए हैं. भारत ने पाकिस्तान की सैन्य अदालतों और उससे नागरिकों को दी गई सजाओं को लेकर भी पाक को बेनकाब किया.


साल्वे का कहना था कि महज दो साल के लिए बनाई गई सैन्य अदालतें अब तक 274 नागरिकों को सज़ा सुना चुकी है जिनमें से 160 से अधिक लोगों को सज़ा ए मौत दी गई है. इतना ही नहीं सैन्य अदालत के इन फैसलों के खिलाफ़ अपील की व्यव्स्था भी कमजोर और अस्पष्ट है. लिहाज़ा कुलभूषण जाधव के मामले में पाकिस्तान के भीतर री-ट्रायल की इजाजत नहीं दी जा सकती. लिहाज़ा अदालत कुलभूषण जाधव को सुनाई गई सज़ा रद्द करे और कुलभूषण को रिहा करे. साल्वे ने भारत के खिलाफ सीमापार आतंकवाद से लेकर पारस्परिक विधिक सहयोग संधि करने में पाकिस्तानी अनिच्छा का हवाला देते हुए कहा कि इससे इस्लामाबाद की नीयत का पता चलता है.


साल्वे ने आईसीजे के कई पिछले फैसलों की फेहरिस्त गिनाते हुए इस मामले में पाकिस्तान द्वारा वियना संधि की अवहेलना पर भी जोर दिया. साल्वे के मुताबिक बार-बार और लगातार कुलभूषण जाधव मामले में आग्रह किए जाने पर भी पाकिस्तान ने कांउंसुलर सम्पर्क की इजाज़त आज तक नहीं दी है. यह वियना संधि 1963 के अनुच्छेद 36 का खुला उल्लंघन है.


साल्वे ने वियना संधि उल्लंघन सहित कई बार अमेरिका और मेक्सिको के बीच हुए अवीना मामले पर दिए आईसीजे के फैसले का भी उल्लेख किया. अवीना मामले में कोर्ट ने अमेरिका को मृत्युदंड देने से रोकते हुए उन लोगों को राहत दी थी जिन्हें अमेरिका ने अवैध रूप से दाखिल होने का आरोप लगाते हुए मृत्युदंड दिया था. रोचक है कि बीते दिनों पाकिस्तान ने भी अवीना केस का फैसला लागू न किए जाने पर आए अवमानना के प्रस्ताव का समर्थन किया था. ऐसे में पाकिस्तान का अब वियना संधि के ही खिलाफ खड़ा होना उसकी स्थिति को गड़बड़ा देगा.


हालांकि भारत की दलीलों को सुनने के बाद पाकिस्तान के वकील चौधरी खावर कुरैशी ने कहा कि आज जो साल्वे ने कहा वो हमने सुना है. इसमें कई फंडामेंटल सवाल है. हम इन सब बातों का माकूल जवाब देंगे. आज की दलीलों पर इतना ही कहेंगे कि हमें निराशा हुई है. महत्वपूर्ण है कि पाकिस्तान मंगलवार को कोर्ट के आगे अपना पक्ष रखेगा.


भारत ने आईसीजे से मांगा


1 अवैध और अपारदर्शी तरीके से कुलभूषण जाधव को दी गई सज़ा को रद्द करने का आदेश दे अदालत.


2. अदालत तीन साल से पाकिस्तान की कैद में मौजूद कुलभूषण जाधव की रिहाई का आदेश दे.


इसके लिए हरीश साल्वे ने कहा कि पाकिस्तान ने आज तक कभी नहीं बताया कि वो कौन सी स्पेसिफिक घटनाएं और काम हैं जिनके लिए कुलभूषण जाधव को मौत की सजा दी.