India and Pakistan After Partition: भारत आज़ादी की 75वीं वर्षगांठ का जश्न मना रहा है. देशभर में आजादी (Independence Day) के अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrit Mahotsav) के जश्न के दौरान हम अपनी उपलब्धियों पर इतरा सकते हैं. आजादी के बाद इन 75 सालों में भारत ने लगभग हर क्षेत्र में शानदार उपलब्धि हासिल की है. वहीं, आज पाकिस्तान (Pakistan) में भुखमरी की स्थिति बनी हुई है. सामाजिक जीवन से लेकर अर्थव्यवस्था (Economy), खेल, शिक्षा और रक्षा क्षेत्र में हर जगह भारत पाकिस्तान को काफी पीछे छोड़ चुका है. 75 साल की इस विकास यात्रा में अनगिनत भारतीयों का योगदान शामिल है.


75 सालों के इतिहास में भारत ने कई उतार-चढ़ाव देखे. हजारों लोगों की कुर्बानी और लंबे संघर्ष के बाद देश ने 1947 में आजादी हासिल की, लेकिन बंटवारे का दंश आज भी लोगों के जेहन में ताजा है.


75 सालों में पाकिस्तान से हर क्षेत्र में काफी आगे भारत


भारत की आजादी के 75 साल हो गए हैं. इन सालों में भारत ने कृषि से लेकर खेल, अर्थव्यवस्था, रक्षा और सुरक्षा तक के क्षेत्र में अनगिनत उपलब्धियां हासिल की है. हर जगह भारत ने अपनी कामयाबी के झंडे गाड़े हैं. अनाज से लेकर रक्षा के क्षेत्र तक आज भारत आत्मनिर्भरता की दिशा में कामयाब दिख रहा है. देश की अर्थव्यवस्था पहले से काफी अधिक मजबूत हुई है. बीते 75 सालों में भारत दुनिया के गरीब मुल्क से ऊपर उठकर अब दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था के तौर पर जाना जा रहा है. वहीं, पाकिस्तान में आर्थिक संकट काफी गहरा है. 75 सालों के बाद भी आज पाकिस्तान भयंकर भुखमरी के दौर से गुजर रहा है.


अर्थव्यवस्था में भारत के आगे कही नहीं टिकता पाक


भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था वाला देश है. हम दुनिया की 5 बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हैं और आगे आने वाले कुछ सालों में इसमें और प्रगति होगी और हम दुनिया की तीन बड़ी अर्थव्यवस्था में शामिल होंगे. आजादी के दौरान 1947 में भारत की जीडीपी महज 2.7 लाख करोड रुपये की थी. 75 सालों के दौरान आज देश की जीडीपी में करीब 55 गुना बढ़ोत्तरी हुई है. ये बढ़कर करीब 150 लाख करोड़ रुपये हो गई है. दुनियाभर की जीडीपी में इसका हिस्सा 2024 तक 10 फीसदी तक होने की संभावना है. पाकिस्तान अर्थव्यवस्था के मामले में पर 42वें स्थान पर आता है. भारत का विदेशी मुद्रा भंडार इस वक्त 46 लाख करोड़ रुपये से अधिक है.


प्रति व्‍यक्‍त‍ि आय में भारत की स्थिति


भारत लगातर विकास की तरफ बढ़ रहा है. देश में गरीबों की संख्या में भारी कमी देखी गई है. आजादी के वक्त करीब 70 फीसदी जनसंख्या गरीबी में जीने को मजबूर थी. साल 1977 में ये घटकर 63 फीसदी हुई. साल 2011 के आंकड़ों के मुताबिक अब ये करीब 22 फीसदी के पास है. प्रति व्यक्ति आय के मामले में भी भारत ने काफी प्रगति की है. देश की खुशहाली और विकास का अनुमान इसी से लगता है. स्वतंत्रता के बाद 1950 में देश की प्रति व्यक्ति आय 274 रुपये थी, जो आज बढ़कर करीब 1.5 लाख रुपये वार्षिक तक पहुंच गई है. वहीं, साल 2020 के एक आंकड़े के मुताबिक पाकिस्तान में प्रति व्यक्ति आय करीब 95 हजार रुपये सालाना है.


भारत का सैन्य खर्च पाक से कितना अधिक? 


कोरोना महामारी से कुछ आर्थिक नुकसान के बावजूद भारत ने अपने सैन्य खर्च में बढ़ोत्तरी की है. निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2022-23 के लिए रक्षा क्षेत्र को कुल 5.25 लाख करोड़ रुपये का आवंटित किए. ये पिछले साल के मुकाबले करीब 10 फीसदी ज्यादा है. इस बार सरकार का जोर मेक इन इंडिया पर अधिक है. SIPRI यानी स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट की एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2021 में भारत का सैन्य खर्च 76.6 अरब डॉलर का रहा. ये साल 2020 की तुलना में करीब 0.9 फीसदी अधिक है. पाकिस्तान इस मामले में काफी पीछे है. वो भारत के सैन्य खर्च के आगे कहीं नहीं टिकता है. चीन समेत दुनिया के दूसरे देशों से लगातार मदद की भीख मांगने वाले पाकिस्तान का सैन्य खर्च साल 2021 में करीब 11 अरब डॉलर रहा. पाकिस्तान इस मामले में 23वें पायदान पर खड़ा है.


रक्षा क्षेत्र में भारत की शानदार प्रगति


रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत का सपना पूरा धीरे-धीरे पूरा होने की दिशा में है. पॉलिसी में बदलाव के बाद रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया अभियान में शामिल होने के लिए देश को 494 करोड़ रुपये का विदेशी पूंजी निवेश मिला है. अगले कुछ सालों में भारत करीब 130 अरब डॉलर के हथियार और रक्षा उपकरण खरीद सकता है. हम देश की सुरक्षा से संबंधित हथियारों (Indian Weapons) और लड़ाकू विमानों को दूसरे देशों को बेचने की स्थिति में हैं. भारत के स्वदेशी फाइटर जेट तेजस को खरीदने में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया और फिलीपींस जैसे देशों की दिलचस्पी भारत के लिए गर्व की बात है. एक तरह से डिफेंस हब की तरफ भारत कदम बढ़ा रहा है.


कंगाल होता पाकिस्तान!


पाकिस्तान लंबे वक्त से गंभीर संकट के दौर से गुजर रहा है. उसकी भी स्थिति श्रीलंका जैसी बदतर होने की तरफ है. कर्ज लेने के मामले में भारत का ये पड़ोसी देश काफी आगे निकलते जा रहा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक कर्ज लेने के मामले में पाकिस्तान पहले स्थान पर है. जुलाई 2022 में मिले आंकड़े के अनुसार कंगाल पाकिस्तान अबतक 5194 मिलियन डॉलर का कर्ज ले चुका है. दुनिया के दूसरे देशों के आगे हाथ फैला रहा है. आईएमएफ भी उसे बेल आउट पैकेज देने में संकोच कर रहा है. विदेशी मुद्रा भंडार काफी गिरावट दर्ज की गई है. पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार भारी गिरावट के साथ 7.83 अरब डॉलर पर नीचे पहुंच गया है. वहीं, 5 अगस्त को खत्म हफ्ते में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 572.978 अरब डॉलर है. 


स्वास्थ्य क्षेत्र में भारत की बेहतर प्रगति


स्वास्थ्य के क्षेत्र में भारत ने बेहतर प्रगति की है. कोरोना महामारी के दौरान भारत ने टीकाकरण अभियान में शानदार उपलब्धि हासिल कर दुनिया के देशों का ध्यान आकर्षित किया. कोरोना महामारी के चरम संक्रमण के दौरान भारत ने दूसरे देशों को भी टीका उपलब्ध कराया. आजादी के वक्त देश में प्राइमरी हेल्थ केयर सेंटर्स संख्या महज 725 ही थी, अब देश में डेढ़ लाख से ज्यादा स्वास्थ्य केंद्र हैं. कोरोना संकट में इन स्वास्थ्य केंद्रों की भूमिका काफी सराहनीय रही. भारत में सामान्य रोगों में लोगों को सस्ता और बेहतर इलाज मिल जाता है. विदेशी भी भारत में सस्ते इलाज का लाभ उठाते हैं. चेचक, पोलियो जैसी कई बीमारियों पर भारत ने काबू पा लिया. पाकिस्तान इन सब मामलों में काफी पिछड़ा हुआ है.


दवा के निर्माण में भारत काफी आगे


फार्मा के क्षेत्र में भारत नई बुलंदियों को छूने की अग्रसर है. फार्मा एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के मुताबिक 2030 तक फार्मा निर्यात में सालाना 5 अरब डॉलर का इजाफा संभव है. 2021-22 में भारत का फार्मा निर्यात 24.47 अरब डॉलर था. वहीं, साल 2030 तक इसके 70 अरब डॉलर पर पहुंचने का अनुमान है. कई देशों को भारत वैक्सीन की सप्लाई कर रहा है. कई देशों को भारत से दवाई से सप्लाई हो रही है. कैंसर, हेपेटाइटिस बी जैसे गंभीर बीमारियों को लेकर भारत में दूसरे देशों के मुकाबले सस्ती दवा है. 


वैश्विक मंच पर भारत मजबूत पकड़


भारत में विकास की रफ्तार तेज गति से जारी है. तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था और मजबूत इच्छाशक्ति की वजह से भारत दुनिया को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है. वैश्विक मंच पर भारत की पकड़ काफी मजबूत हुई है. अंतरराष्ट्रीय राजनीति और संबंधों में भारत की बढ़ती सक्रियता से देश की नई पहचान बनी है. कई देशों के साथ संबंध बेहतरी की ओर हैं. जी-7 में भारत अतिथि राष्ट्र के तौर पर आमंत्रित किया जाता है.  जी-7 सम्मेलन के दौरान जर्मनी पहुंचे भारतीय पीएम मोदी ने जलवायु परिवर्तन और परस्पर सहयोग की बात रखी थी. इसके साथ ही उन्होंने ये भी साफ किया था कि फॉरेन पॉलिसी को लेकर इंडिया किसी समूह के दबाव में नहीं है. 


भारत लिख रहा विकास की नई इबारत


कूटनीतिक तौर पर अगर हम देखें तो क्वाड, जी-7, ब्रिक्स (BRICS) या दूसरे किसी भी वैश्विक मंच (Global Forum) पर भारत अपनी प्राथमिकता को पहचानता है. यूक्रेन के मामले में भी भारत अमेरिकी दबाव के आगे नहीं झुका और रूस से व्यापार रास्ता बरकरार रखा. पाकिस्तान सिर्फ अपने स्वार्थ और जरूरत के हिसाब से दुनिया के देशों के आगे हाथ फैलाता रहा है. UNDP के अनुसार, पाक 250 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक के कर्ज का सामना कर रहा है. वैश्विक मंच पर पाकिस्तान (Pakistan) की कहीं कोई वैल्यू नहीं है. पाकिस्तान आज भी आतंकियों का ठिकाना बना हुआ है और भारत को परेशान करने की कोशिश में रहता है. भारत कई बार उसे आतंकी हरकतों और घुसपैठ को लेकर जवाब दे चुका है. कंगाल पाकिस्तान देश को आतंकियों का गढ़ बनाने में मशगूल है तो वहीं, भारत (India Growth) हर क्षेत्र में अपनी उपलब्धियों को हासिल कर हर दिन विकास की नई इबारत लिख रहा है.


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