India's First SCO Conference: शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की अध्यक्षता कर रहा भारत, इसके सदस्य देशों को बौद्ध विरासत के धागे से जोड़ने की कोशिश कर रहा है. इस कड़ी में मंगलवार (14 मार्च) को दिल्ली में SCO मुल्कों की साझा बौद्ध संपदा पर मंथन बैठक आयोजित की जा रही है. एससीओ संगठन के परचम तले बौद्ध धार्मिक संपदा पर यह पहली मंथन बैठक है.


भारत में जन्मे बौद्ध धर्म का विस्तार यूं तो दुनिया के कई देशों में हुआ. चीन, रूस, उज़्बेकिस्तान, कजाखिस्तान, पाकिस्तान समेत कई मुल्कों में बौद्ध साहित्य और पुरातात्विक अवशेष मौजूद हैं. बौद्ध सांस्कृतिक विरासत के तार अब इन तमाम देशों में कनेक्टिविटी का ताना-बाना मजबूत बनाने में भी सहायक हो सकते हैं.


जी. किशन रेड्डी करेंगे उद्घाटन


दिल्ली में 14 मार्च को होने वाली SCO बैठक में बौद्ध पर्यटन सर्किट के जरिए भी इन देशों को आपस में जोड़ने की संभावनाओं को खंगाला जाएगा. भारत की मेजबानी में होने वाले इस आयोजन का उद्घाटन केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी करेंगे. कार्यक्रम में विदेश व संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी और संसदीय कार्य और संस्कृति मामलों के राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल भी मौजूद रहेंगे.


वाराणसी में भी होगी एक बैठक


इससे पहले भारत ने SCO मुल्कों के सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीशों की बैठक का आयोजन किया था. यह बैठक 10-11 मार्च को आयोजित की गई थी. इस बैठक में पाकिस्तान ने हिस्सा नहीं लिया था. इस कार्यक्रम के बाद आगामी 17-18 मार्च को वाराणसी में SCO देशों के पर्यटन विशेषज्ञों की बैठक भी आयोजित की जाएगी.


SCO में इतने देश आते हैं


बता दें कि  शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) एक महत्वपूर्ण क्षेत्रीय संगठन है, जिसका उद्देश्य अपने सदस्यों के बीच आर्थिक, राजनीतिक और सैन्य सहयोग को बढ़ावा देना है. इसकी स्थापना 20 साल पहले हुई थी. इस संगठन में रूस, भारत, चीन, पाकिस्तान, कज़ाख़स्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान सहित आठ सदस्य देश शामिल हैं.


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