WHO On India's Covid Deaths: डब्ल्यूएचओ के मुताबिक भारत में सरकारी आंकड़े से कहीं ज्यादा लोगों की जान गई है, जिसके बाद भारत ने डब्ल्यूएचओ के आंकलन के तरीकों और साथ ही अपनाए गए मैथमेटिकल मॉडल की वैधता पर सवाल उठाए है. कब से कब तक का डाटा डब्ल्यूएचओ ने लिया, इसकी भी जानकारी नहीं दी गई है.


केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है की भारत लगातार डब्ल्यूएचओ द्वारा गणितीय मॉडल के आधार पर अधिक मृत्यु दर का अनुमान लगाने के लिए अपनाई गई कार्यप्रणाली पर आपत्ति जताता रहा है. इस मॉडलिंग अभ्यास की प्रक्रिया, कार्यप्रणाली और परिणाम पर भारत की आपत्ति के बावजूद, डब्ल्यूएचओ ने भारत की चिंताओं को पर्याप्त रूप से संबोधित किए बिना अतिरिक्त मृत्यु दर के अनुमान जारी किए हैं.


'भारत में जन्म और मृत्यु का पंजीकरण का सिस्टम बेहद मजबूत'
भारत ने डब्ल्यूएचओ को ये भी सूचित किया था कि रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया (आरजीआई) द्वारा सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (सीआरएस) के माध्यम से प्रकाशित प्रामाणिक डाटा की उपलब्धता को देखते हुए, गणितीय मॉडल का उपयोग भारत के लिए अतिरिक्त मृत्यु संख्या को पेश करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए. भारत में जन्म और मृत्यु का पंजीकरण का सिस्टम बेहद मजबूत है और दशकों पुराने वैधानिक कानूनी ढांचे यानी "बर्थ एंड डेथ रजिस्ट्रेशन एक्ट 1969" द्वारा शासित है. इसलिए भारत का दृढ़ विश्वास है कि किसी सदस्य राज्य के कानूनी ढांचे के माध्यम से उत्पन्न इस तरह के मजबूत और सटीक डाटा का सम्मान किया जाना चाहिए और डाटा के गैर-आधिकारिक स्रोतों के आधार पर  गणितीय अनुमान पर कम भरोसा करना चाहिए.


नवंबर से केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने डब्ल्यूएचओ को इस संबंध में 10 चिट्ठियां लिखीं पर डब्ल्यूएचओ ने किसी चिट्ठी का जवाब नहीं दिया. वहीं डब्ल्यूएचओ के डीजी टेड्रोस के भारत दौरे पर इस तरह के डाटा को लेकर सवाल उठाया गया था. वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है की भारत ने डब्ल्यूएचओ के इस मैथमेटिकल मॉडल पर लगातार सवाल उठाया है कि 17 भारतीय राज्यों के संबंध में डाटा  कुछ वेबसाइटों और मीडिया रिपोर्टों से प्राप्त किया गया था और उसके लिए मैथमेटिकल मॉडल मइस्तेमाल किया गया था. 17 राज्यों को किस आधार पर चुना गया? हमारे लगातार पूछने पर 4 महीने बाद इन राज्यों के नाम बताए गए.


भारत को टियर-2 में रखने पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने उठाए सवाल 
वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भारत को टियर-2 में रखने पर भी सवाल खड़ा किया है. जबकि छोटे-छोटे देश जहां आंकड़ा सम्मिलित करने का सही मैकेनिज्म नहीं उन्हें टियर-1 में रखा गया है. फिलहाल स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक भारत चुप नहीं रहेगा, सभी ऑफिशियल चैनल का इस्तेमाल करेगा. इस डाटा पर आपत्ति को एक्जीक्यूटिव बोर्ड में भी रखा जाएगा. साथ ही 2020 का डाटा पहले दिया जा चुका है और 2021 का डाटा जो आने वाला है वो भी दिया जाएगा.


भारत में 5 मई तक कोरोना से अब तक कुल 5,23,975 लोगों की मौत हुई है. भारत में अब तक कुल 4 करोड़ 30 लाख 91 हजार 393 कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए हैं जिसमें 4 करोड़ 25 लाख 47हजार 699 मरीज ठीक हो चुके हैं. वहीं देश में 19,719 एक्टिव केस- यानी जो अभी संक्रमित हैं और उनका इलाज चल रहा है.


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