नई दिल्ली: एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) पर चीनी लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टर की बढ़ती गतिविधियों को देखते हुए भारत भी चौकन्ना हो गया है. पूर्वी लद्दाख में सीमा पर भारत ने सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल रक्षा प्रणाली तैनात कर दी है. जो पलक झपकते दुश्मन जहाजों को ढेर कर सकती है. इसके अलावा सेना की तीन डिवीजन को भी डिप्लॉय कर दिया गया है.


चीन के किसी वादे पर यकीन करना अब मुमकिन नहीं है.. और इसलिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रूस से वापस लौटते ही सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे से मिले. बैठक के दौरान पूर्वी लद्दाख में चीन बॉर्डर के ताजा हालात पर चर्चा हुई.


तीनों सेनाएं अलर्ट पर
हाल ही में हुई बैठक में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उच्च स्तरीय बैठक के बाद तीनों बलों के लिए अलर्ट का स्तर बढ़ाने का निर्णय लिया था.


एलएसी के पास सभी ठिकानों पर अतिरिक्त जवान तैनात


जानकारी के मुताबिक अरूणाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास अग्रिम मोर्चे पर तैनात सभी ठिकानों और टुकड़ियों के लिए सेना पहले ही अतिरिक्त जवानों को भेज चुकी है.


पूर्वी लद्दाख में स्थित गलवान घाटी को लेकर भारत और चीन के बीच विवाद जारी है. हाल ही में इसी जगह पर हुए हिंसक संघर्ष में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे. चीनी पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने ठीक इसी जगह पर अब टेंट और एक आब्जर्वेशन पॉइंट बना लिया है. ओपन-सोर्स सेटेलाइट इमेज से पता चलता है कि उस जगह बड़ी तादात में बंकर भी तैयार किए गए हैं.


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