क्वाड शिखर सम्मेलन के दौरान हाल के वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत-चीन तनाव का मुद्दा भी शुक्रवार को उठा. इस दौरान पूरे मामले पर सदस्य देशों के नेताओं ने भारत के पक्ष पर समर्थन और सहानुभूति जताते हुए बात की. सूत्रों के मुताबिक, हालांकि ऑनलाइन फॉर्मेट के कारण साझा हित वाले मुद्दों पर सतही बात तो हुई लेकिन संवेदनशीलता का ध्यान रखते हुए ऐसे विषयों पर विस्तार से चर्चा नहीं की गई.


जून 2021 में ब्रिटेन की मेज़बानी में होनेवाली G7 शिखर बैठक के दौरान क्वाड नेताओं की दूसरी बैठक सम्भव है. हालांकि अमेरिका ने भी शिखर बैठक की मेजबानी की इच्छा जताई है. इस बारे में अभी फैसला लिया जाना है.


इधर, विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला क्वाड शिखर सम्मेलन को लेकर प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा- यह भी फैसला हुआ है कि इस साल अभी नेता एक बार आमने-सामने कई मुलाकात के लिए भी मिलेंगे. शिखर सम्मेलन का आयोजन अमेरिका ने किया था. राष्ट्रपति बाइडेन का यह पहला बहुपक्षीय आयोजन था.


उन्होंने कहा- हिंद प्रशांत क्षेत्र के मुक्त, अबाध, समृद्ध स्वरूप के लिए हम सभी साझेदार हैं. पीएम ने कहा कि क्वाड वैश्विक भलाई का एक मंच है. श्रृंगला ने आगे कहा- बैठक में कोविड-19 के खिलाफ टीकों की साझेदारी से लेकर समुद्री सुरक्षा के मुद्दों तक कई विषयों पर खुले तौर पर बात हुई.


विदेश सचिव ने आगे कहा कि बैठक के बाद वैक्सीन के सहयोग प्रयास पर सभी ने सहमति जताई. भारत ने अब तक 70 देशों को टीकों की आपूर्ति की है. नए प्रयास के तहत भारत में वैक्सीन की नई क्षमताएं विकसित की जाएंगी.


उन्होंने कहा- क्वाड वैक्सीन प्रयास में सबकी साझा क्षमताओं के इस्तेमाल पर ज़ोर दिया गया है. अमेरिका की तकनीकी क्षमताओं और भारत की निर्माण क्षमताओं का मेल होगा. अमेरिका के वैक्सीन भारत में बनेंगे. इसके जरिए हिन्द प्रशांत क्षेत्र के क़ई देशों और द्वीप मुल्कों को बड़ा लाभ मिलेगा.


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