National Voters Day 2023: 25 जनवरी को देश में हर साल मतदान दिवस की तरह मनाया जाता है. देश में लोकतांत्रिक नींव रखने के लिए वहां के लोगों का मतदान करना बहुत जरूरी होता हैं. देश और भारत निर्वाचन आयोग आज 13 वां राष्ट्रीय मतदाता दिवस मना रहा है. आजादी के बाद से 26 जनवरी 1950 में देश में संविधान लागू हुआ था. भारत में 18 वर्ष की आयु के बाद हर आयु और लिंग के लोगों को मतदान का अधिकार है. 


भारतीय संविधान में हर नागरिकों को कुछ अधिकार है जिसमें से एक मतदान का अधिकार है. देश में हर पांच साल में मतदान होते हैं. इसके साथ ही भारत एक लोकतांत्रिक देश है जहां जनता से, जनता के लिए और जनता का शासन होता है. वोटरों को मतदान के तरफ जागरूक करने के लिए हर वर्ष जनवरी माह में राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता है. आइए जानते हैं राष्ट्रीय मतदाता दिवस क्यों, कब से मनाने की शुरुआत हुई, इलेक्शन सिक्योरिटी डिपॉजिट क्या होता है? किस चुनाव में कितनी राशि होती है? और नोटा क्या होता है? 


राष्ट्रीय मतदाता दिवस कब होता है?
साल 2011 में तात्कालिक राष्ट्रपति प्रतिभा देवी पाटिल ने पहली बार 25 जनवरी को 'राष्ट्रीय मतदाता दिवस' मनाने की शुरुआत की थी. जिसके बाद से हर साल भारत में 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस के रूप में मनाया जाता है.देश और भारत निर्वाचन आयोग आज 13 वां राष्ट्रीय मतदाता दिवस मना रहा है. 


जानें 25 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है मतदाता दिवस ?
भारत 1947 में आजादी के तीन साल बाद 1950 में 26 जनवरी को संविधान लागू किया गया था. जिसके एक दिन पहले यानी 25 जनवरी 1950 को चुनाव आयोग की स्थापना हुई थी, जिसकी वजह से आज भारत के चुनाव आयोग के स्थापना दिवस के दिन ही राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाने का फैसला लिया गया. 25 जनवरी के दिन राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाने का मुख्य कारण है. 


इलेक्शन सिक्योरिटी डिपॉजिट क्या होता है?
इलेक्शन सिक्योरिटी डिपॉजिट वह अमाउंट है जो किसी उम्मीदवार को अपना नामांकन दाखिल करने पर रिटर्निंग ऑफिसर के पास जमा की जाती है. यह अमाउंट या तो नकद में किया जाना चाहिए, या एक रसीद नामांकन पत्र के साथ संलग्न की जानी चाहिए. यह दिखाते हुए कि उक्त राशि भारतीय रिजर्व बैंक या सरकारी खजाने में उम्मीदवार की ओर से जमा की गई है.


किस चुनाव में कितनी राशि होती है?
लोकसभा और राज्यसभा सीट, एससी या अनुसूचित जनजाति (एसटी) के उम्मीदवार के लिए राशि 25,000 रुपये और 12,500 रुपये है. विधानसभा सीट में अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवार के लिए 10,000 रुपये और 5,000 रुपये है.


जानें क्या होता है नोटा?
साल 2009 के भारत के मतदाताओं के लिए आयोग ने चुनाव में  "इनमें से कोई नहीं" या नोटा ऑप्शन के रूप में प्रदान किया गया है.नोटा में वोट डालने से आपका वोट खराब हो जाता है और सबसे ज्यादा वोट मिलने वाले उम्मीदवार को विजेता घोषित किया जाता है. 


ये भी पढ़ें: 


JNU में पीएम मोदी पर बनी BBC की डाक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर बवाल, हुई पत्थरबाजी, बिजली और इंटरनेट भी बंद