E-Visa In Canada: खालिस्तान के मुद्दे को लेकर भारत और कनाडा के बीच हुई हालिया विवाद के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत-कनाडा राजनयिक संकट के बीच कनाडा में ई-वीजा सेवाओं को फिर से शुरू करना एक 'तार्किक परिणाम' था क्योंकि स्थिति में अपेक्षाकृत सुधार हुआ है और भारत धीरे-धीरे वीजा सेवाओं को फिर से शुरू कर रहा है.


वर्चुअल जी20 लीडर्स समिट के समापन के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए जयशंकर ने कहा कि जी20 बैठक का इससे कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा, "क्या हुआ था कि हमने वीजा जारी करने को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया था क्योंकि कनाडा की स्थिति ने हमारे राजनयिकों के लिए कार्यालय जाना और वीजा प्रोसेसिंग के लिए जरूरी काम करना मुश्किल कर दिया था. चूंकि वहां स्थिति अधिक सुरक्षित या अपेक्षाकृत बेहतर हो गई है, मुझे लगता है कि हमने वीजा सेवाओं को फिर से शुरू करना संभव पाया है."


क्यों निलंबित हुई थी वीजा प्रकिया?


सितंबर महीने में भारत और कनाडा के रिश्तों में उस समय तनाव पैदा हो गया था जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने ब्रिटिश कोलंबिया में 18 जून को खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की संभावित संलिप्तता का आरोप लगाया था. भारत ने ट्रूडो के आरोपों को ‘बेतुका’ बताकर खारिज कर दिया था. कुछ दिन बाद भारत ने घोषणा की कि वह कनाडाई नागरिकों को वीजा जारी करने की प्रक्रिया को अस्थायी रूप से निलंबित कर रहा है. उसने कनाडा से भारत में अपने राजनयिकों की संख्या कम करने को भी कहा था.


अक्टूबर में शुरू किया वीजा जारी करना


भारत ने 26 अक्टूबर से प्रवेश वीजा, व्यापार वीजा, चिकित्सा वीजा और कॉन्फ्रेंस वीजा जारी करना शुरू कर दिया था. ओटावा में भारतीय उच्चायोग ने बुधवार को ‘एक्स’ पर नोटिस जारी कर कहा कि कनाडा के नियमित या सामान्य पासपोर्ट धारक सभी पात्र नागरिकों के लिए 22 नवंबर, 2023 के प्रभाव से भारतीय ई-वीजा सुविधा बहाल कर दी गई है. उसने कहा कि इस संबंध में जानकारी ओटावा में भारतीय उच्चायोग, टोरंटा में भारतीय महावाणिज्य दूतावास और वेंकूवर में भारतीय महावाणिज्य दूतावास की संबंधित वेबसाइट पर मिल सकती है.


ट्रूडो ने कनाडा की संसद में उक्त बयान दिया था जिसके बाद दोनों देशों ने एक-दूसरे के एक-एक वरिष्ठ राजनयिक को हटा दिया था. भारत ने कनाडाई मिशन में राजनयिकों की मौजूदगी में समानता लाते हुए 41 राजनयिकों को वापस भेज दिया था. भारत ने कहा है कि कनाडा ने ट्रूडो के दावों के समर्थन में कोई साक्ष्य मुहैया नहीं कराया है.


विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल में ब्रिटेन की यात्रा के दौरान कहा था, ‘‘अगर आपके पास इस तरह का आरोप लगाने का कारण है तो कृपया हमारे साथ साक्ष्य साझा कीजिए. हम जांच की संभावना से इनकार नहीं कर रहे. उन्होंने अब तक ऐसा नहीं किया है.’’ भारत ने कनाडा से यह भी कहा था कि वह अपनी धरती से गतिविधियां चला रहे आतंकवादियों और भारत विरोधी तत्वों पर कड़ी कार्रवाई करे.


[पीटीआई से इनपुट के साथ]


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