पड़ोसी देश श्रीलंका इस समय अपने सबसे खराब आर्थिक संकट से गुजर रहा है. इस बीच, भारत ने श्रीलंका के एक डीजल खेप की तत्काल आपूर्ति के अनुरोध को मान लिया है. भारत, श्रीलंका को 40,000 टन ईंधन भेजेगा. श्रीलंका में ईंधन की दरें रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई हैं, जबकि आपूर्ति घट रही है. यहां स्थिति इतनी गंभीर है कि सरकार को व्यवस्थित वितरण सुनिश्चित करने के लिए इस सप्ताह की शुरुआत में ईंधन स्टेशनों पर सैनिकों की तैनाती का आदेश देना पड़ा.


रिपोर्ट के मुताबिक, सरकारी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसी) श्रीलंका को 40,000 टन डीजल की खेप भेज सकता है. यह ईंधन सात मासिक शिपमेंट के पेट्रोलियम उत्पादों की खरीद के लिए क्रेडिट लाइन के तहत भेजा जा रहा है, जिस पर पिछले महीने सहमति बनी थी.


श्रीलंका में जरूरी चीजों के दाम कई गुना बढ़ गए हैं


बता दें कि इस समय दुनिया भर के देश रूस-यूक्रेन के बीच जंग के बाद बहुत ही अस्थिर तेल की कीमत और आपूर्ति की स्थिति से जूझ रहे हैं, तो वहीं श्रीलंका में स्थिति खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है. श्रीलंका में स्थानीय मुद्रा के मूल्य में गिरावट आई है और आयात लागत आसमान छू गई है. पेट्रोल-डीजल के अलावा जरूरी चीजों के दाम कई गुना बढ़ गए हैं. खाना पकाने के तेल और दूध उत्पाद पहले से कहीं ज्यादा महंगे हो गए हैं. वहीं, इस समय पूर्व स्वामित्व वाले वाहन विलासिता की वस्तु घोषित कर दिए गए हैं. 


भारत 85% पेट्रोलियम जरुरतों का आयात करता है


श्रीलंका अपनी सभी पेट्रोलियम आवश्यकताओं का आयात करता है, जबकि भारत अपनी जरुरतों का लगभग 85% आयात करता है. भारत, ईंधन को लेकर बहुत अच्छी स्थितियों में ना होने के बावजूद श्रीलंका की मदद करेगा. भारत अब तक ईंधन की कीमतों में चार दिनों में तीन दफा बढ़ोतरी कर चुका है. भारत ने श्रीलंका की ओर से मांगी गई मदद पर तत्काल जवाब दिया है.


भारत के एक्सपोर्ट इम्पोर्ट (एक्ज़िम) बैंक और श्रीलंका सरकार ने 2 फरवरी को भारतीय पक्ष से पेट्रोलियम उत्पादों की खरीद के लिए 500 मिलियन डॉलर की लाइन ऑफ क्रेडिट के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. वहीं, भारत ने 400 मिलियन डॉलर की सार्क मुद्रा स्वैप सुविधा भी बढ़ा दी है और भुगतान को स्थगित कर दिया है.


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