Indian Army Jet Pack Suit: भारतीय सेना ने संवेदनशील सीमावर्ती क्षेत्रों में अपनी समग्र निगरानी और युद्धक क्षमता को मजबूत करने के लिए 130 आधुनिक ड्रोन प्रणाली खरीदने की प्रक्रिश शुरू कर दी है. इसी के साथ, सेना सहायक उपकरणों के साथ 100 'रोबोटिक म्यूल' की प्रक्रिया भी शुरू कर रही है. अधिकारियों ने मंगलवार (24 जनवरी) को यह जानकारी दी. 


उन्होंने कहा कि बंधे ड्रोन को 'बाय-इंडियन' वर्ग में फास्ट-ट्रैक प्रक्रिया के तहत आपातकालीन खरीद के तहत खरीदा जा रहा है. इस वर्ग के अंतर्गत सेना ने आपात खरीद के तहत 48 जेट पैक सूट खरीदने के लिए इच्छुक इकाइयों से अनुरोध पत्र (आरएफपी) मांगा है.


जेट पैक सूट की खासियत?


भारतीय सेना ने 48 जेट पैक सूट खरीदना की प्रक्रिया को शुरू कर दिया है. इस जेट पैक सूट के कई फायद हैं. बॉर्डर पर तैनात सैनिक जेट पैक सूट को पहनकर विषण परिस्थितियों में उड़ भी सकते हैं. जानकारी के मुताबिक, जेट पैक सूट में पांच गैस टर्बाइन जेट इंजन लगे होते हैं जो करीब 1000 हॉर्सपावर की ऊर्जा पैदा करते हैं. इस तरह के सूट को फ्यूल, डीजल या केरोसिन से चलाया जा सकता है. जेट पैक सूट की रफ्तार 50 किमोमीटर प्रतिघंटे की होती है.


ड्रोन की खासियत क्या है?


बंधी ड्रोन प्रणाली में ऐसे ड्रोन शामिल होते हैं जो जमीन पर स्थित 'टीथर स्टेशन' से जुड़े होते हैं और दृश्य सीमा से परे के लक्ष्य की निगरानी लंबे समय तक कर सकते हैं. अधिकारियों ने कहा कि हर ड्रोन प्रणाली में सम्मिलित पेलोड के साथ दो हवाई वाहन, एकल व्यक्ति पोर्टेबल ग्राउंड कांट्रोल स्टेशन, एक टीथर स्टेशन, एक रिमोट वीडियो टर्मिनल और अन्य चीजें होंगी. निविदा जमा करने की अंतिम तिथि 14 फरवरी है. 


निगरानी तंत्र को मजबूत कर रही सेना


भारतीय सेना मई 2020 में शुरू हुई पूर्वी लद्दाख सीमा रेखा के बाद चीन के साथ लगभग 3,500 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ अपने समग्र निगरानी तंत्र को मजबूत कर रही है. सेना ने सहायक उपकरणों के साथ 100 'रोबोटिक म्यूल' की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है. अधिकारियों ने कहा कि निविदा जमा करने की आखिरी तारीख छह फरवरी है.


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