PM Modi Meets Xi Jinping: दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स (BRICS) शिखर सम्मेलन के इतर हुई पीएम मोदी (PM Modi) और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की बातचीत पर विवाद छिड़ गया है. दोनों नेता गुरुवार (24 अगस्त) को जोहान्सबर्ग में एक दूसरे से बात करते नजर आए थे. हालांकि ये कोई औपचारिक बैठक नहीं थी. 


इस मुलाकात पर विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा था कि पीएम मोदी ने शी जिनपिंग को पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अनसुलझे मुद्दों के संबंध में भारत की चिंताओं से अवगत कराया. पीएम ने उनसे कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखना और एलएसी का सम्मान करना भारत-चीन संबंधों को सामान्य बनाने के लिए आवश्यक है. 


चीनी विदेश मंत्रालय ने किया ये दावा


इस मुलाकात पर चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने शुक्रवार (25 अगस्त) को बयान जारी कर कहा कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की. दोनों नेताओं ने वर्तमान चीन-भारत संबंधों और साझा हित के अन्य सवालों पर स्पष्ट और गहन विचारों पर चर्चा की. ये बातचीत भारतीय पक्ष के अनुरोध पर आयोजित की गई थी.


इसमें आगे कहा गया कि राष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि चीन-भारत संबंधों में सुधार दोनों देशों और लोगों के साझा हितों को पूरा करता है और दुनिया और क्षेत्र की शांति, स्थिरता और विकास के लिए भी अनुकूल है. दोनों पक्षों को अपने द्विपक्षीय संबंधों के समग्र हितों को ध्यान में रखना चाहिए और सीमा मुद्दे को ठीक से संभालना चाहिए जिससे संयुक्त रूप से सीमा क्षेत्र में शांति की रक्षा की जा सके. 


"चीनी पक्ष की ओर से हुआ था अनुरोध"


चीनी विदेश मंत्रालय के इस बयान के कुछ घंटों बाद भारतीय पक्ष के सूत्रों ने कहा कि द्विपक्षीय बैठक के लिए चीनी पक्ष की ओर से एक अनुरोध लंबित था. न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के अनुसार, इस संबंध में एक सूत्र ने कहा कि ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों नेताओं ने लीडर्स लाउंज में अनौपचारिक बातचीत की थी. 


राहुल गांधी का पीएम मोदी पर निशाना


इसी बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने लद्दाख दौरे के दौरान कथित चीनी घुसपैठ का मुद्दा उठाया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर इस मुद्दे पर झूठ बोलने का आरोप लगाया. राहुल गांधी ने कारगिल में एक जनसभा में कहा कि लद्दाख एक रणनीतिक स्थान है. एक बात तो साफ है कि चीन ने भारत की जमीन छीनी है. दुख की बात है कि विपक्ष की बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि लद्दाख का एक इंच भी चीन ने नहीं लिया है, यह एक झूठ है. 


असदुद्दीन औवेसी ने पूछे तीखे सवाल


इस मामले पर एआईएमआईएम के चीफ और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन औवेसी ने भी सवाल खड़ा किया. उन्होंने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से कहा कि चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि पीएम मोदी बात करना चाहते हैं, लेकिन तब हमारे विदेश सचिव ने कुछ और कहा. मैं बीजेपी से पूछना चाहता हूं कि पीएम बात करने के लिए चीनी राष्ट्रपति के पीछे क्यों भाग रहे हैं.


असदुद्दीन औवेसी ने आगे कहा कि लद्दाख सीमा पर जो हो रहा है, उसके बारे में प्रधानमंत्री देश के नागरिकों को अंधेरे में क्यों रख रहे हैं? क्या कारण है कि पीएम मोदी की सरकार सेना पर अपना समाधान मानने का दबाव बना रही है. वह चीनी सैनिकों को इनाम क्यों देना चाहते हैं. बीजेपी सरकार इस पर चुप क्यों है, हम 2000 किमी वर्ग क्षेत्र के नुकसान पर चर्चा के लिए संसद के विशेष सत्र की मांग करते हैं. यह उनकी निजी संपत्ति नहीं है. 



बीजेपी ने किया पलटवार


विपक्ष के आरोपों पर बीजेपी की ओर से भी पलटवार किया गया. बीजेपी सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि हम चीन के साथ उनके (कांग्रेस सरकार) रिश्ते और चीन के साथ अपने रिश्ते को स्पष्ट करना चाहते हैं. पीएम मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार आने के बाद, 2020 में, बीजिंग के एक थिंक टैंक ने कहा कि 'तियानमेन स्क्वायर के बाद चीन अपने सबसे खराब कुटनीतिक अलगाव से गुजर रहा है'. 


"राहुल गांधी को चीन की बातों पर प्यार क्यों आता है"


बीजेपी नेता ने कहा कि मुझे समझ नहीं आता कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को बार-बार चीन की बातों पर प्यार क्यों आता है. डोकलाम के दौरान चीनी राजदूत के साथ उन्होंने जो खाना खाया था, उसका खुलासा उन्होंने नहीं बल्कि चीन की ओर से शेयर की गई फोटो से हुआ. 


सुधांशु त्रिवेदी ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए पूछा कि क्या वह राजीव गांधी फाउंडेशन को मिले अनुदान का भुगतान कर रहे हैं या उनके चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ संबंध हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि चीन की सेना जब तिब्बत में अत्याचार कर रही थी, उस समय पूर्व पीएम नेहरू चीन की सेना को खाने के लिए चावल पहुंचा रहे थे. 


कांग्रेस नेता मनीष तिवारी का केंद्र पर हमला


इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत के दौरान कहा कि अप्रैल 2020 से अब तक चीन की घुसपैठ बरकरार है, लेकिन सरकार ने एक भी जवाब नहीं दिया. अविश्वास प्रस्ताव के दौरान भी मैंने विस्तार से चीन का मुद्दा उठाया, लेकिन पीएम ने एक भी उत्तर नहीं दिया. मूल सवाल है कि डिसिंगेजमेंट किन शर्तों पर? क्या अप्रैल 2020 की नियंत्रण रेखा का सम्मान किया जाएगा या नहीं. 


जी-20 शिखर सम्मेलन का किया जिक्र


मनीष तिवारी ने पूछा कि क्या 1959 की चीन की क्लेम लाइन के मुताबिक डिसिंगेजमेंट हो रहा है? क्या बफर जोन नियंत्रण रेखा को लेकर भारत की मान्यता के मुताबिक बनाए जा रहे हैं? लद्दाख के एसएसपी ने लिखित में कहा है कि 65 में से 26 पेट्रोलिंग प्वाइंट पर भारत की सेना पहुंच नहीं पा रही है. जी-20 के लिए जिनपिंग भारत आएंगे. उनकी मेहमानवाजी से पहले इन मुद्दों पर सरकार को देश को जवाब देना चाहिए.


बीजेपी की ओर से राहुल गांधी को चीन के बयानों पर घेरने और कांग्रेस से नेहरू के जमाने में चीनी कब्जे का सवाल पूछने पर मनीष तिवारी ने कहा कि राहुल गांधी को जो लेह लद्दाख के लोगों ने बताया वही बात वो कह रहे हैं. जहां तक सीमा की बात है तो जब बीजेपी कहती है कि हमनें सरहद खो दी तो वो बताए वो किस सरहद की बात कर रहे हैं. 


दोनों देशों में 2020 से जारी है गतिरोध


गौरतलब है कि, भारत और चीन के बीच 2020 में पूर्वी लद्दाख में गलवान में हुई झड़प के बाद से गतिरोध बना हुआ है. इससे पहले पिछले साल नवंबर में इंडोनेशिया के बाली में जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अनौपचारिक बातचीत हुई थी. इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो की ओर से 16 नवंबर को आयोजित डिनर में दोनों नेताओं ने बातचीत की थी. 2020 से जारी गतिरोध के बाद पहली बार दोनों नेता एक दूसरे से मिले थे. 


भारत और चीन के सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले कुछ स्थानों पर तीन साल से ज्यादा समय से तनाव कायम है जबकि दोनों पक्षों ने व्यापक राजनयिक और सैन्य वार्ता के बाद कई इलाकों से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया पूरी कर ली है. भारत लगातार कहता रहा है कि समग्र संबंधों को सामान्य बनाने के लिए एलएसी पर शांति महत्वपूर्ण है.


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