Ashok Chakra: हमारे देश का राष्ट्रीय ध्वज हमारी आन-बान-शान का प्रतीक है. यह आजादी की लड़ाई में बलिदानों का प्रतीक है. ना जाने कितने देशभक्तों ने तिरंगे के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए. तिरंगा हमारे देश की संस्कृति,सोच और लोगों का प्रतिनिधित्व करता है. इसलिए हर देशवासी को तिरंगे का महत्व पता होना चाहिए.तिरंगे के हर रंग के साथ ही उसके बीच में बने अशोक चक्र का भी खास संदेश है. अपने इस आर्टिकल में हम आपको अशोक चक्र के बारे में ही बताएंगे-

सारनाथ के स्तंभ से लिया गया है 'अशोक चक्र'- अशोक चक्र सारनाथ(वाराणसी) स्थित अशोक स्तंभ से लिया गया है. यह स्तंभ सम्राट अशोक के समय उनके धम्म (नैतिकता के नियम) के प्रचार के लिए बनवाया गया था. गौरतलब है कि प्राचीन भारत में सम्राट अशोक एक महान शासक हुए हैं जिन्होंने लोगों को दया,करुणा और प्रेम का संदेश दिया था. ये संदेश आज भी भारत के मूल चरित्र में हैं.

क्या है अशोक चक्र का संदेश-

अशोक स्तंभ से तिरंगे में लिए गए अशोक चक्र में कुल 24 तीलियां हैं. जो कि मनुष्य के गुणों को प्रदर्शित करने के साथ-साथ चहुंमुखी विकास,प्रगति,निरंतरता और कर्तव्य का संदेश देती है. तिरंगे में बने अशोक चक्र के रंग लेकर बहुत से लोगों में भ्रम की स्थिति रहती है. मालूम हो कि अशोक चक्र का रंग नीला है.

अशोक चक्र की प्रत्येक तीली का खास संदेश है-

अशोक चक्र की हर तीली का संदेश अलग-अलग है,लेकिन मूल विचार एक ही है. जिसमें प्रेम,संद्भावना,नैतिकता,भाईचारा,एकता,कमजोरों की मदद,सुरक्षा,सहयोग और देशप्रेम की भावना अन्तर्निहित है. इसमें सोच में व्यापकता और बौद्धिकता के साथ ही शक्ति और अधिकारों का गलत उपयोग ना करने की भी बात कही गई है.अशोक चक्र की तीलियां देश के आर्थिक और सामाजिक विकास के साथ-साथ सभी को न्याय का संदेश देती हैं.

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