बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर हमले, आगजनी, लूट और हत्या की घटनाओं के खिलाफ भारत सहित कई दूसरे देशों विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. इस बीच कांग्रेस के राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों को सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार को सख्त कदम उठाना चाहिए. उन्होंने पड़ोसी मुल्क में हो रही इस तरह की घटनाओं को यूनुस सरकार की विफलता करार दिया.
'दुनियाभर की सरकार तुरंत दे दखल'
कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, 'बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू भाईयों के साथ जिस तरह की नफरत भरी हिंसा देखने को मिल रही है वो बताती है कि बांग्लादेश की सरकार बुरी तरह विफल है. दुनियाभर की सरकारों को वहां तत्काल दखल देने की जरूरत है ताकि सड़कों पर दिख रही बर्बरता रोकी जा सके. भारत सरकार के विदेश मंत्रालय को युद्धस्तर पर वहां अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के बांग्लादेश सरकार से चेतावनी भरे लहजे में बात करनी चाहिए.'
बांग्लादेश में हिंदू युवक को भीड़ ने मार डाला
बांग्लादेश के कट्टरपंथी नेता उस्मान हादी को 12 दिसंबर को ढाका के बिजॉयनगर इलाके में एक चुनावी अभियान के दौरान नकाबपोश बंदूकधारियों ने सिर में गोली मार दी थी, जिसके बाद सिंगापुर में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. हादी पर हमले और उसके बाद हुई उसकी मौत को लेकर ढाका और अन्य प्रमुख शहरों में हिंसा फिर से भड़क उठी. इसी दौरान हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की भीड़ ने पीट पीटकर हत्या की. भीड़ शव को स्क्वायर मास्टरबाड़ी बस स्टैंड इलाके में ले गई, उसे रस्सी से एक पेड़ से बांध दिया और नारे लगाते हुए उसमें आग लगा दी.
हादी के बाद एक और छात्र नेता को सिर में गोली मारी
मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने शनिवार को हादी की मौत पर राष्ट्रव्यापी शोक का आयोजन किया और कहा कि उनके हत्यारों को पकड़ने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी. बांग्लादेश के दक्षिण-पश्चिमी शहर खुलना में सोमवार को अज्ञात बंदूकधारियों ने 2024 के छात्र-नेतृत्व वाले हिंसक आंदोलन के दूसरे नेता मोतालेब सिकदर को सिर में गोली मार दी. हमले के बाद, पुलिस ने कहा कि वे अभी तक हमले के अपराधियों या मकसद के बारे में अनजान हैं, लेकिन उनकी गिरफ्तारी के लिए तत्काल तलाश अभियान शुरू कर दिया है.