मुंबई: नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ लगातार हो रहे प्रदर्शन में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ बॉम्बे के छात्र भी शामिल हो रहे हैं. मुंबई में जगह जगह निकाली जा रही रैलियों में आईआईटी के छात्र बढ़ चढ़ कर हिसा ले रहे हैं. कई बार तो 200 से अधिक छात्रों ने कैंपस के अंदर प्रदर्शन किया जहां हाथो में मशाल और पोस्टर्स लेकर बिल के खिलाफ नारेबाजी की गई. इसे देखते हुए कॉलेज प्रशासन ने सख्त निर्देश जारी करते हुए कड़ा रुख अपनाया है.

कल दोपहर आईआईटी बॉम्बे ने छात्रों के लिए 15 निर्देश वाली सूची जारी की जिसमें सीएए और एनआरसी के विरोध में कैंपस में नारेबाजी कर रहे है छात्रों पर सख्त कारवाही करने की बात कही गई है. इंस्टिट्यूट द्वारा जारी किए गए इस गाइड लाइन को छात्रों को सख्ती से पालन करने को कहा गया है. इस गाइडलाइन के मुताबिक अगर छात्र कैंपस में देशविरोधी नारे लगाते है, या बैनरबाजी कर कैंपस के माहौल को खराब करने की कोशिश करते है तो उन पर कार्यवाही की जाएगी.

अब इस इंस्टिट्यूट द्वारा जारी किए गए इस निर्देश पर कैंपस के छात्रों की राय बंटी हुई नजर आ रही है. एक तरफ जहां कई छात्र जो बिल के खिलाफ कैंपस में नारेबाजी करते आ रहे हैं कई आयोजित प्रदर्शन में शामिल हो रहे हैं वो इस गाइड लाइन के सख्त खिलाफ हैं और उसका विरोध कर रहे हैं. छात्रों का कहना है कि यह इंस्टिट्यूट प्रशासन द्वारा हमपर लगाई गई एक " इंटरनल इमरजेंसी" है. आज हम उस कानून के खिलाफ आवाज़ उठा रहे हैं जो कसी एक धर्म को अलग करता है. उनके संवैधानिक अधिकारों का हनन करता है. प्रदर्शन करना हमारा संवैधानिक अधिकार है और आप इस तरह के गाइडलाइन हमपर थोपकर हमारा हक छीनना चाहते हैं.

वही दूसरी ओर एक छात्रों का एक गुट ऐसा भी है जो जारी किए गए गाइडलाइन के पूरी तरह समर्थन में है और इसका स्वागत कर रहे हैं. समर्थन कर रहे छात्रों का कहना है कि आईआईटीईआ द्वारा स्टूडेंट्स के लिए जो गाइडलाइन जारी किया गया है उसका हम स्वागत करते हैं क्योंकि पिछले एक महीने से जिस तरह से कैंपस के अंदर सीएए और एनआरसी के विरोध में प्रदर्शन किया जा रहा है. उस से पढ़ने लिखने वाले छात्र काफी परेशान हो रहे थे. इन सब के चलते कैंपस का माहौल खराब हो रहा है. आज एक छत के नीचे होते हुए छात्र बंटे हुए नज़र आ रहे हैं.

छात्रों का कहना है कि आज आईआईटी कैंपस में 99 प्रतिशत छात्र पढ़ने लिखने वाले हैं बस कुछ एक प्रतिशत ऐसा है जो इस तरह से प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शन करना आपके संवैधानिक अधिकार है तो आप प्रदर्शन बेशक करे लेकिन कैंपस के बाहर. कैंपस का माहौल ना खराब करें और पढ़ने लिखने वाले छात्रों के भविष्य में बाधा न डालें.

हालांकि इंस्टीटूट के स्टूडेंट कॉउंसिल के एक सदस्य ने इंस्टिट्यूट द्वारा जारी किए गए इस गाइडलाइन पर ज्यादा बात करने से इनकार कर दिया लेकिन यह जानकारी दी कि एक दो दिन में स्टूडेंट कॉउंसिल की मीटिंग होने वाली है जिसके बाद जारी की गई सूची को लेकर मीडिया से बात की जाएगी.