देश में कोरोना वैक्सीनेशन के दूसरे चरण की शुरुआत हो चुकी है.  दूसरी तरफ कोरोना वायरस के मामलों में भी एक बार फिर इजाफा हो रहा है. वहीं SARS-Cov2 के नये स्ट्रेन मिलने से अधिकारियों की टेंशन बढ़ी हुई है. इन सबसे बीच एक और चिंताजनक खबर आ रही है कि पहले के मुकाबले कोरना वायरस तेजी से अपना रूप बदल रहा है. दरअसल बेंगलुरू में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस के वैज्ञानिकों ने कुछ सैंपल की स्टडी में पाया कि कोरोना वायरस पहले की तुलना में ज्यादा तेजी से अपना रूप बदल रहा है.


3 सैंपल में 27 म्यूटेशन पाए गए


गौरतलब है कि इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISc) के वैज्ञानिकों की इस स्टडी के दौरान 3 सैंपल में 27 अलग म्यूटेशन पाए गए हैं. एक सैंपल में करीब 11 म्यूटेशन मिले हैं जो कि नेशनल और इंटरनेशल लेवल पर अब तक सबसे ज्यादा है. आईआईएससी की एक टीम ने प्रोफेसर उत्पल तातू के निर्देशन और नेतृत्व में इस सैंपल की स्टडी की थी, जिसके बाद पाया गया कि तीनों सैंपल में कुल मिलाकर 27 अलग म्यूटेशन हैं. जर्नल ऑफ़ प्रोटीन रिसर्च में प्रकाशित उनके हालिया स्टडी ने SARS-CoV-2 के आइसोलेट्स में कई उत्परिवर्तन और अद्वितीय प्रोटीनों की पहचान की है और यह भी दिखाया है कि होस्ट (मानव) अपने स्वयं के कई प्रोटीनों का उत्पादन करते हैं क्योंकि उनके शरीर में वायरल अटैक के रिस्पॉन्स में प्रतिरक्षात्मक रक्षा शुरू हो जाती है.


आईआईएससी ने क्या कहा बयान में


आईआईएससी ने एक बयान में कहा, "यह समझने के लिए कि वायरस कैसे म्यूटेटिंग कर रहा है और इसका प्रोटीन जीव विज्ञान है, टीम ने व्यापक 'प्रोटियो-जीनोमिक' जांच की और SARS-CoV-2 के विश्लेषण की एक श्रृंखला को अलग-थलग किया." प्रोटीन-जीनोमिक्स पेप्टाइड्स (अमीनो एसिड की स्ट्रिंग) की खोज और पहचान में सहायता करने के लिए प्रोटिओमिक्स (प्रोटीन के बड़े पैमाने पर अध्ययन), जीनोमिक्स और ट्रांसक्रिपटॉमिक्स (आरएनए का अध्ययन) के संयोजन का उपयोग करता है. फ़ाइलोजेनेटिक विश्लेषण में पाया गया कि बेंगलुरु के आइसोलेट्स बांग्लादेश से सबसे अधिक निकटता से संबंधित हैं इससे यह भी पता चला कि भारत में आइसोलेट्स में मल्टीपल ओरिजिन हैं.


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