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Ideas Of India 2024 Highlights: आपकी पार्टी क्यों हारती है और बीजेपी क्यों जीतती है? शशि थरूर ने दिया ये जवाब
Ideas of India Summit 2024: इस साल के शिखर सम्मेलन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की चुनौतियां, यूरोप और मिडिल ईस्ट में भीषण युद्ध के बीच मानवीय संकट जैसे कई अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा हो रही है.
बैकग्राउंड
ABP Network Ideas Of India: एबीपी नेटवर्क का सालाना शिखर सम्मेलन आइडिया ऑफ इंडिया देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में शुरू हो गया है. इस कार्यक्रम का थीम पिपुल्स एजेंडा...More
आमिर की एक खूबी क्या है? यह पूछे जाने पर किरण राव ने बताया, ''आमिर अविश्वसनीय रूप से खुले विचारों वाले हैं, अगर आप उनको लॉजिकली कुछ समझाएं या प्यार से कुछ समझाएं, अगर उन्हें उसमें वैल्यू नजर आती है तो बहुत तेजी से सहमत हो जाएंगे.''
आमिर खान ने बताया, ''एक मजेदार चीज है, हम लोगों का डिवोर्स अभी हुआ है, आप लोगों को तो पता ही है, एक दिन शाम को मैं बैठा हुआ था, मैंने कहा किरण, एज ए हसबैंड मुझमें क्या-क्या कमी थी?'' उसने कहा लिखो. बकायदा मुझे प्वाइंट्स लिखवाए गए. आप बहुत बात करते हैं, आप किसी को बात नहीं करने देते, अपना ही प्वाइंट रखते रहते हैं, बकायदा 15-20 प्वाइंट्स मैंने लिखे हुए हैं.''
आमिर खान से क्या सीखा? इस सवाल का जवाब देते हुए किरण राव ने कहा, ''आमिर से सीखी बातों पर टेक्स्ट बुक लिख सकती हूं, कई वॉल्यूम की टेक्स्ट बुक.''
फिल्म अभिनेता आमिर खान ने बताया कि वह फिल्म लापता लेडीज में काम करना चाहते थे. आमिर ने बताया, ''किरण ने कहा कि आप बहुत बड़े स्टार हैं, मेरी फिल्म छोटी सी है, उसमें आप डिस्बैलेंस कर देंगे तो मैंने कहा कि आप स्क्रीन टेस्ट तो ले लीजिए, देखिए सूट होता हूं कि नहीं, तो फिर मैंने बकायदा स्क्रीन टेस्ट दिया और मुझे लगता है कि बहुत अच्छा स्क्रीन टेस्ट है, आप लोग देखेंगे आप लोगों को बहुत मजा आएगा.'' आमिर ने बताया, ''लेकिन स्क्रीन टेस्ट देखने के बाद जब किरण और मैंने डिस्कस किया, हम दोनों को अच्छा लगा, लेकिन हम दोनों को लगा कि जो किरण का डर है और जो हम लोगों का खौफ था कि शायद एज ए स्टार मैं जब आऊंगा तो मुझसे कुछ एक्सपेक्टेशंस होती हैं, आपके मन में एक रिश्ता होता है जाने-पहचाने एक्टर के साथ और जब वहां एज एक कैरेक्टर लोग देखेंगे तो उसे अलग-अलग देखेंगे. तो हमने सोचा कि मैं इस फिल्म में नहीं होऊंगा.''
किरण ने कहा, ''कॉम्पटिशन के तौर पर उनको (आमिर) मिली थी स्क्रिप्ट, मुझे बहुत अच्छी लगी कहानी, लेकिन वो थोड़ी रियलिस्टिक थी... मुझे लगा कि इसमें जैसे आमिर ने कहा, इसमें ह्यूमर का बहुत पोटेंशल है, बहुत लाइट भी हो सकता है, फनी-इमोशनल भी हो सकता था तो इसीलिए एक नए स्क्रीनराइटर को हमने इसमें जोड़ा. उनका नाम स्नेहा देसाई है. अभी जो आप स्क्रीन पर देखते हैं वो उनका (स्नेहा) स्क्रीनप्ले हैं... हमने वास्तव में उसको फ्लेवर में बदला, हालांकि कहानी काफी सिमलर है ऑरिजनल स्क्रिप्ट से लेकिन उसका फ्लेवर चेंज हो गया.''
अभिनेता आमिर खान ने अपनी पत्नी के काम की तारीफ की. उन्होंने कहा, ''मुझे पता था कि किरण पिछले 8-10 वर्षों से फिल्म बनाने के लिए कहानी ढूंढ रही थीं, ये खुद लेखक हैं, उन्होंने 8-10 कहानियां खुद लिख ली थीं और हर दो-तीन महीने पर वो मुझे नई कहानी सुनाती थीं. सारी कहानियां मुझे पसंद आ रही थीं. चयन करना उन पर था लेकिन वो कुछ कारणों से झिझक रही थीं. ये कहानी जब मेरे पास आई तो मुझे लगा कि बहुत ही सही कहानी होगी किरण के लिए क्योंकि किरण बहुत ईमारदार फिल्ममेकर हैं. ये कहानी इतनी ड्रामेटिक है, इसको आप जितना ईमानदारी से बोलेंगे, उसका मजा उतना उभरकर आएगा.''
एबीपी न्यूज के आइडियाज ऑफ इंडिया समिट में फिल्म अभिनेता आमिर खान और उनकी पत्नी किरण राव ने भी शिरकत की. दोनों ने फिल्म लापता लेडीज को लेकर भी एक्सपीरिएंस शेयर किया. आमिर खान ने बताया कि फिल्म की कहानी पहले उन्हें मिली थी. उन्होंने कहा, ''ये कहानी पहले मुझे मिली थी, एक स्क्रिप्ट कॉम्पिटिशन था, जिसमें मैं ज्यूरी था और उस दौरान जब मैंने ये स्क्रिप्ट पढ़ी तो मुझे बहुत पसंद आई. वास्तव में यह बहुत चटपटी स्क्रिप्ट है. जो प्लॉट है फिल्म को वो इतना ड्रामेटिक है कि एक लड़के की शादी होती है वो घर पहुंचता है अपनी बीवी के साथ और पता लगता है कि जो औरत घूंघट में है वो किसी और की बीवी है. शुरुआत ही अपने आप में बहुत ड्रामेटिक है और इसमें जो स्कोप है ह्यूमर, हंसी-मजाक का और अजीब चीजें होने का, उसके लिए बहुत स्कोप है. तो मुझे यह स्क्रिप्ट बहुत एंटरटेनिंग लगी.''
लेखक अमीश त्रिपाठी ने भी एबीपी न्यूज के इस विशेष कार्यक्रम में शिरकत की. उन्होंने अयोध्या के राम मंदिर को लेकर अनुभव साझा किया. उन्होंने बताया कि वह और उनकी पत्नी 22 जनवरी को अयोध्या गए थे और यह वास्तव में एक अद्भुत अनुभव था. उन्होंने कहा कि उनकी ओर से श्रीराम जन्मभूमि पर एक डॉक्युमेंट्री बनाई गई है, जिसमें भगवान राम के जन्म से लेकर अब तक की कहानी है. उन्होंने केके मोहम्मद का जिक्र किया.
अमीश त्रिपाठी ने कहा, ''उस डॉक्युमेंट्री को बनाने के दौरान हमने जिन लोगों का साक्षात्कार लिया था उनमें से एक केके मोहम्मद साहब थे. मुझे यकीन है कि आप में से कई लोगों ने केके मोहम्मद के बारे में सुना होगा कि वह एक प्रसिद्ध इतिहासकार और पुरातत्वविद् हैं. उन्होंने अद्भुत बयान दिया. उन्होंने कहा कि ये असल में हिंदू मुस्लिम का मुद्दा नहीं है, ये भारतीय और विदेशी का मुद्दा है क्योंकि बाबर उज्बेकिस्तान का था और उन्होंने (केके मोहम्मद) कहा कि मैं भारतीय मुस्लिम हूं, मुझे उससे क्या लेना-देना? और मैंने सोचा कि यह इसे देखने का एक बहुत ही सुंदर तरीका था.''
अनन्य बिरला ने कहा, ''मैं किसी भी देश में किसी के लिए यही कामना करूंगी कि व्यक्ति चाहे कहीं भी पैदा हुआ हो, किसी भी धर्म से आता हो, जो भी पसंद करता हो... उसे समान रूप से प्यार, सम्मान स्वीकृति मिलना चाहिए.''
आपके लिए आइडिया ऑफ इंडिया क्या है? इस सवाल के जवाब में नव्या नवेली नंदा ने कहा, ''मैं कुछ बदल सकती हूं. मैं निश्चित रूप से चाहूंगी कि युवाओं को ज्यादा से अधिक मंचों पर प्रतिनिधित्व मिले और वे अधिक निर्णय लें जो हम आज एक देश के रूप में लेते हैं या सिर्फ व्यवसाय में या चाहे वह मनोरंजन में हो या चाहे वह बोर्ड रूम में हो या चाहे वह राजनीति में हो, चाहे वह कोई इकाई हो, चाहे कोई भी क्षेत्र हो, मुझे लगता है कि मुझे उम्मीद है कि (युवाओं का) अधिक प्रतिनिधित्व होगा. मुझे लगता है कि आप जानते हैं कि हम जनसंख्या का एक बहुत बड़ा प्रतिशत हैं और अगले 30-40 वर्षों में हम देश में बहुत सी चीजें चलाएंगे और मैं चाहती हूं कि हम इसमें सक्रिय निर्माता बनें. इसलिए मैं उम्मीद करूंगी कि जो हम चाहते हैं उसे व्यक्त करने और यह बताने के अधिक अवसर दिए जाएंगे कि हम किस तरह के भारत में रहना चाहते हैं. इसलिए मैं शायद कुछ ऐसा बदलना चाहती हूं.''
नव्या ने सरनेम के प्रिविलेज और प्रेशर के बारे में बात करते हुए कहा, ''मैं वास्तव में मानती हूं कि हर किसी का एक सरनेम होता है, आप जानते हैं, हर किसी की जिम्मेदारी है कि वह अपने लास्ट नेम को आगे ले जाए, विरासत को आगे ले जाए, चाहे कोई भी क्षेत्र हो...तो मैं निश्चित रूप से उस नाम को आगे बढ़ाने में अपनी भूमिका निभा रही हूं. और आप जानते हैं कि मैं अपने परिवार को गौरवान्वित करने के लिए, एक युवा महिला के रूप में अपने लिए जो महत्वाकांक्षाएं रखती हूं उन पर खुद को गौरवान्वित करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रही हूं...''
इंडियन सिंगर और सॉन्गराइटर अनन्या बिरला ने भी इस कार्यक्रम में शिरकत की. उन्होंने अपने अनुभव साझा किए. उन्होंने बताया, ''मुझे लगता है कि मैं अभी बहुत छोटी उम्र की हूं, मुझे अभी एहसास हुआ कि जीवन वास्तव में छोटा है, इसलिए वह मत करो जो तुम वास्तव में करना पसंद नहीं करते हो और मुझे लगता है कि निर्णायक मोड़ तब आया जब मैं ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय गई और मैं अर्थशास्त्र और प्रबंधन पढ़ रहा थी, मैंने वहां डेढ़ साल बिताया और उस दौरान मुझे अपने मानसिक स्वास्थ्य को लेकर थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ा. मैं लंदन, ब्रिक्सटन, कैम्पटन और उसके आसपास के कैफे, पब और क्लबों में गई और उस दौरान मुझे एहसास हुआ कि मैं बहुत खुश थी. यह बहुत ही रोचक था, अपना खुद का संगीत लिखना. मैं कोई पछतावा नहीं करना चाहती थी. यहीं से संगीत संबंधी चीजें, व्यवसायिक चीज से शुरू हुई.''
पॉडकास्टर और प्रोजेक्ट नवेली की फाउंडर और श्वेता बच्चन की बेटी नव्या नवेली नंदा ने एबीपी न्यूज के इस खास कार्यक्रम में बात करते हुए बताया कि वह ऐसी व्यक्ति हैं जो कैमरे के सामने सबसे कम अनुभवी हैं, लेकिन उन्हें लगता है कि हम वास्तव में कैमरे पर और उसके इतर अपनी राय व्यक्त करने से कभी नहीं कतराती हैं.
फिल्म निर्देशक एटली कुमार से जब पूछा गया कि उनके अगले प्रोजेक्ट के बारे में बहुत अटकलें हैं, वह क्या होगा, इसका जवाब देते हुए डायरेक्टर ने कहा, ''वो यकीनन आपको चौंका देगा. मैं वादा निभाऊंगा. जवान से भी बड़ा कुछ दूंगा. मैं ऐसा करने की कोशिश करूंगा. मुझे लगता है यही है.''
एटली कुमार ने बताया कि उन्हें डांस में बहुत रुचि थी. उन्होंने कहा, ''मेरी मां ने कहा कि मैं एक अच्छा डांसर हूं. फिर मैंने डांस करना शुरू कर दिया. फिर अपने स्कूल में, एक बार मैंने डांस कोरियोग्राफ करना शुरू किया, फिर कोरियोग्राफी में, मैंने कहानियां बताना शुरू किया. यहीं से मुझे निर्देशन और कहानी में रुचि आई. फिर मैंने 5 साल तक शंकर सर को असिस्ट किया और निर्देशक बन गया.''
फिल्म डायरेक्टर एटली कुमार ने अभिनेता शाहरुख खान की जमकर तारीफ की और कहा कि वह उनकी सारी फिल्में पसंद करते हैं. उन्होंने कहा, ''उनके (शाहरुख खान) बारे में एक बात जो मुझे पसंद है वह यह है कि स्क्रीन पर उनकी उपस्थिति बेजोड़ है और वह दुनियाभर में भारतीय सिनेमा का एक चेहरा हैं. इसलिए शाहरुख सर के साथ काम करना एक सपना है और सौभाग्य से मुझे मेरी 5वीं फिल्म मिल गई है. भगवान बहुत दयालु हैं. मुझे लगता है कि मैंने इसे सही जस्टिफाई किया है.''
फिल्म डायरेक्टर एटली कुमार से जब पूछा गया कि वह हिंदी नहीं समझते हैं तो फिर फिल्म जवान जैसी ब्लॉक बस्टर कैसे बनाते हैं, इस सवाल पर उन्होंने कहा, ''फिल्में भाषाओं से बंधी नहीं होतीं. फिल्में दिल हैं, ये प्यार हैं. तो निश्चित रूप से भाषा कुछ ऐसा बनाने में बाधा नहीं बनती जिसे आप वास्तव में बनाना पसंद करते हैं. यही कारण है कि मुझे लगता है कि भले ही मैं हिंदी भाषा से परिचित नहीं हूं, मैं जो बनाना चाहता हूं वह बना सकता हूं और आपको जो कुछ भी महसूस करना है, जो कुछ भी आपको व्यक्त करना है, मैंने उसे अपनी फिल्म में पिरोया है और यही कारण है कि जवान सबसे बड़ी ऑल ओवर हिट है.'' उन्होंने कहा कि उनके पास ऐसे हॉलीवुड प्रशंसक भी हैं जो हिंदी नहीं जानते हैं.
एक्ट्रेस कियारा आडवाणी ने कहा, ''जब मैंने अपनी यात्रा शुरू की, तो रातोंरात सफलता की कहानी नहीं बन पाई. मेरे करियर के शुरुआती वर्ष सबसे निर्णायक वर्ष थे और मेरा मानना है कि इन्हीं ने मुझे वह बनाया है जो मैं आज हूं. मुझे लगता है कि यह मुझे एक जमीनी आधार दे रहा है कि मैं इसे अपने सिर पर हावी नहीं होने देती और न ही सफलता और न ही असफलता को. मुझे पता चल गया है कि इसे कैसे संतुलित करना है और इससे क्या लेना है और आगे बढ़ना है. मुझे लगता है कि मैं जीवन की छात्रा हूं, इसलिए मैं हमेशा सीखती रहती हूं. आप जानते हैं, जब मैं वापस जाऊंगी तो मेरे लिए एक सीख होगी. मुझे यकीन है कि मैं इस अनुभव से बहुत कुछ सीखूंगी...''
लद्दाख के शीर्ष पर्यावरणविद् और जाने-माने इनोवेटर सोनम वांगचुक से जब पूछा गया कि वह हमारे ग्रह के लिए कितने आशावादी है, इस पर उन्होंने कहा, ''फिलहाल मैं नहीं हूं, लेकिन अगर हम एकजुट हो जाएं और लोग पहले जागरूक हो जाएं और फिर खुद जागरूक हो जाएं, तो मुझे यकीन है कि हम उदाहरण के तौर पर लद्दाख के संवेदनशील नाजुक पहाड़ों का अधिकतम लाभ उठा सकते हैं.''
उन्होंने कहा, ''हम लोगों से सादगी से रहने की मांग करते रहे हैं. इसी तरह, मैं सरकार से मांग कर रहा हूं कि उनकी सुरक्षा के लिए नीतियां बनाएं, आप जानते हैं, संपूर्ण हिमालय और विशेष रूप से लद्दाख के मामले में 6वीं अनुसूची में एक संवैधानिक सुरक्षा है, जिसकी लोग मांग कर रहे हैं और सरकार ने वादा किया है. दो बार यह घोषणापत्रों में शीर्ष पर था और चुनाव जीते गए, लेकिन फिर वे धीरे-धीरे पीछे हट गए और अब मैं वास्तव में चाहूंगा कि अगर हमें वसुधैव कुटुंबकम कहना है, तो हमारे पास नाजुक प्रकृति और संस्कृति की रक्षा के लिए नीतियां होनी चाहिए. लद्दाख की स्वदेशी जनजातीय संस्कृति को संरक्षित करने की जरूरत है. अगर ऐसे कदम उठाए जाते हैं, तो मेरा मतलब है कि उन्होंने जो वादे किए हैं, उनके आधार पर, लद्दाख की एक तिहाई आबादी उन्हें अपना वादा याद दिलाने के लिए सड़कों पर आई है. तब मुझे ग्रह और लोकतंत्र के भविष्य से कुछ आशा होगी.''
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, ''कितने लोगों ने स्टार्टअप शुरू किया है? और आप जानते हैं, स्टार्टअप्स ने पिछले 2 वर्षों में जितने लोगों को नौकरी पर रखा था, उससे कहीं अधिक लोगों को नौकरी से निकाल दिया है। यहां तक कि स्टार्टअप्स की फंडिंग में भी भारी गिरावट आई है...''
विनय सहस्त्रबुद्धे ने कहा, ''...हमने उद्यमिता स्टार्टअप के लिए कई अवसर प्रदान किए हैं. मुझे बताइए, मुद्रा जैसी योजना पहले कहां थी? पिछली सरकारों ने इसकी कल्पना क्यों नहीं की? मुझे बताएं कि हम सभी विश्वकर्माओं की अनदेखी क्यों कर रहे हैं? कल ही विश्वकर्मा जयंती थी और हमने इसे मनाया और हमने इसे मनाया क्योंकि सरकार अब सभी विश्वकर्माओं के लिए एक कल्याण कार्यक्रम लेकर आई है... हमने व्यवहारिक रूप से समाज के हर दूसरे वर्ग का ख्याल रखा है...''
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि जिस युवा ने पीएम मोदी को नौकरी की उम्मीद में दो बार वोट दिया, वह तीसरी बार वोट क्यों देगा जबकि उसके पास अभी भी नौकरी नहीं है? उन्होंने कहा कि देश में बेरोजगारी बढ़ रही है.
आडियाज ऑफ इंडिया समिट में बीजेपी नेता विनय सहस्त्रबुद्धे और कांग्रेस नेता शशि थरूर से बातचीत हो रही है. इस बीच बीजेपी नेता विनय सहस्त्रबुद्धे ने एक सवाल के जवाब में कहा कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी 300 से ज्यादा सीटें जीतेगी क्यों 370 का लक्ष्य है.
गैलेंट समूह के चेयरमैन चंद्रप्रकाश अग्रवाल ने करदाता की समस्या का जिक्र किया. उन्होंने कहा, ''एक कोरबारी या एक उद्योगपति के रूप में हम सरकार के टैक्स कलेक्शन का काम मुफ्त में करते हैं, आज की तारीख में हम जीएसटी कलेक्ट करते हैं, अपनी इनकम, इनकम टैक्स के लिए पार्ट करते हैं, सरकार का कलेक्शन बढ़ रहा है, सरकार खुश है और डिजिटल इंडिया के कारण रेवेन्यू काफी आने लगा है, लेकिन पूरे सिस्टम में ईमानदार करदाता की समस्या के समाधान के लिए कोई ठीक निवारण तंत्र नहीं है. आप लिखते रहिए, आप रहिए लेकिन आपको उसका राज्य या केंद्र स्तर पर कोई सॉल्यूशन नहीं मिल पाता है... सरकार को पनिशमेंट के साथ-साथ अवॉर्ड, प्रॉब्लम के साथ-साथ रेजॉल्यूशन ये दोनों साइड इंप्रूव करना चाहिए.''
गैलेंट समूह के चेयरमैन चंद्रप्रकाश अग्रवाल ने कहा, ''आइडिया ऑफ इंडिया ये है कि देश हमारा चल पड़ा है, ग्रोथ पाथ पर है, 140 करोड़ की पॉपुलेशन हमारे पास है, यंगस्टर्स का परसेंटेंज उसमें ज्यादा है, अगर जनरली आप देखो तो हमारे यहां टैलेंट की कोई कमी नहीं है, दुनिया की बड़ी-बड़ी संस्थाएं इस समय भारतीय की ओर से मैनेज की जा रही हैं. यहां तक कि कुछ देशों के प्रीमियर भी इंडियंस हैं. हमारे पास मार्केट है, पिछले 10-15 वर्षों में हमारी बाइंग कैपेसिटी भी आम आदमी की बढ़ी है, हमारे पास नैचुरल रिसोर्सेज भी हैं, कोई ऐसी चीज नहीं है जो हमारे यहां नहीं है, तो हमें नहीं लगता है कि आने वाले टाइम में जो हम लोग ड्रीम कर रहे हैं, थर्ड इकोनॉमी, फिर फर्स्ट एंड सेकेंड इकोनॉमी, 2047 तक का जो ड्रीम हमारे सम्मानीय प्रधानमंत्री दिखला रहे हैं वो अन रियलिस्टिक तो नहीं लगता है. ये जिम्मेदारी हम लोग ऐसा न मान लें कि ये मोदी जी की है या कोई भी पीएम हो, ये हम सबकी है. हम लोग जहां हैं, जैसे हैं, जिस तरह से भी, जिस फील्ड में भी हैं, वहीं अगर अपना बेस्ट दे रहे हैं तो डेफिनेटली इंडिया के फ्यूचर में कहीं कोई डाउट नहीं है कि हम लोग वर्ल्ड में टॉप पोजिशंस में होंगे.''
Ideas of India Summit 2024: एबीपी नेटवर्क के खास कार्यक्रम आइडियाज ऑफ इंडिया समिट 2024 में गैलेंट ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और एमडी चंद्र प्रकाश अग्रवाल ने अपने सफर के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि यूपी स्टील की बड़ी मार्किट है.
Ideas of India Summit 2024: एबीपी नेटवर्क के खास कार्यक्रम आइडियाज ऑफ इंडिया समिट 2024 में प्रोफेसर सुनील खिलनानी ने लोकतंत्र सहित कई मुद्दों को लेकर बात की.
Ideas of India Summit 2024: एबीपी नेटवर्क के खास कार्यक्रम आइडियाज ऑफ इंडिया समिट 2024 में प्रोफेसर सुनील खिलनानी ने कहा कि लोकतंत्र में चर्चा जरूरी है. लोकतंंत्र विश्व के किसी भी देश में आसानी से नहीं आई.
Ideas of India Summit 2024: एबीपी नेटवर्क के खास कार्यक्रम आइडियाज ऑफ इंडिया समिट 2024 में प्रोफेसर सुनील खिलनानी ने कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कई सवाल किए. थरूर ने लोकतंत्र को लेकर सवाल किया तो खिलनानी ने कहा कि यह जरूरी है कि लोकतंत्र चलते रहे.
राजेश मसाले के फाउंडर राजेश अग्रहरि ने कहा कि अगर आपके अंदर कड़ी मेहनत, दूर दृष्टि, कड़ी मेहनत और पक्का इरादा है, तो आप ब्रांड खड़ा कर सकते हैं. मेरे पिता जी की चक्की थी, जहां से हमने अपना व्यापार शुरू किया. आज हमारा टर्नओवर 1500 करोड़ रुपये का है. कभी भी क्वालिटी से समझौता नहीं करना चाहिए. हमें उस गरीब तबके के बारे में भी सोचना चाहिए, जो हमारे पीछे खड़ा है.
सुबोध गुप्ता ने अपने सफर के बारे में बताते हुए कहा कि मैं एक छोटे से कस्बे खगौल से आता हूं. मेरे पिता रेलवे में थे. वहां रेलवे कॉलोनी की वजह से कला का लोगों पर प्रभाव था. मैं वहां रंगमंच में हिस्सा लेता था, जहां मैं उनके लिए पोस्टर बनाता था. लोगों ने मुझसे कहा कि तुम पोस्टर अच्छा बनाते हो, तुम्हें आर्ट स्कूल में जाना चाहिए. मैंने पटना कॉलेज से पढ़ाई की है. लेकिन आज भी वहां आर्ट को लेकर गंभीरता नहीं है. हर आर्ट क्लास देरी से चल रही है. इस वजह से आर्टिस्ट आपको देखने को नहीं मिल रहे हैं.
कार्यक्रम में जब उनसे सवाल किया गया कि आज के दौर में कला साइंस जैसी चीजों से दूर होती जा रही है. इसे लेकर कला की आलोचना होती है. इस पर सुबोध गुप्ता ने कहा कि कला हमारी रगों में बसी हुई है. जब कोई भाषा नहीं थी, तब भी हम बात करते थे. इसके लिए गुफाओं की चित्रकारी का इस्तेमाल होता था. कला का बहुत ज्यादा महत्व है. कला की सबसे ज्यादा खास बात ये है कि इसे देखने वाले व्यक्ति के मन में उसे लेकर एक अलग छवि बनती है. चाहे किसी भी देश का व्यक्ति क्यों न हो, वह कला को अपनी भाषा में जरूर समझ जाता है.
आइडिया ऑफ इंडिया में आर्टिस्ट सुबोध गुप्ता ने भी हिस्सा लिया है. कार्यक्रम में जब उनसे सवाल किया गया कि आर्ट इन दिनों कमर्शियल हो गया है और इंटरटेनमेंट बनता जा रहा है. इस पर आपकी क्या राय है. सुबोध गुप्ता ने कहा कि आज हर कोई कला को थ्री पेज के तौर पर जानता है. उस नजरिए से देखने पर आपको कला आर्टिफिशियल लगेगी. हमारे देश में आर्ट गैलरियों की कमी है. पिछले 20 साल से सिर्फ 10-15 गैलरी हैं. ऐसा ही हाल म्यूजियम का है. अभी हम कला के क्षेत्र में कमर्शियल होने के मुद्दे पर काफी पीछे हैं.
देवेंद्र फडणवीस ने अगले पांच साल में भारत की स्थिति पर कहा कि मैं ऐसा मानता हूं कि पीएम जो कहते हैं कि यही वक्त है, सही वक्त है.. मैं उसको देख पा रहा हूं. आज देश जिस गति से बढ़ रहा है, राजनीति में जो अवसर हमारे देश को मिल रहे हैं, अगर हमने इस वक्त को गवाया तो विकसित भारत का सपना पूरा नहीं कर पाएंगे. महाराष्ट्र में जब हमारी सरकार थी तो तब एफडीआई समेत कई अन्य चीजों में नंबर वन थे, लेकिन बीच में सरकार बदली तो पिछड़ गए. अब फिर हमारी सरकार बनी तो हम नंबर वन हैं. मैं अगले पांच साल में ऐसा भारत देख रहा हूं जो ऑटो पायलट मोड में जाता दिख रहा है.
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए हमें अभी और मेहनत करने की जरूरत है. हम 48 सीटों पर जीत हासिल करना चाहते हैं. जब उनसे सवाल किया गया कि आपने कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी पर मेहनत कर ली है. अब आगे क्या बचा है. इस पर उन्होंने कहा कि अभी आगे-आगे देखिए क्या-क्या बचा है.
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने राज्य में पार्टियों के टूटने और नई सरकार बनने पर भी बात की. उन्होंने कहा कि 2019 में अगर जनता के मैंडेट को ठुकराया नहीं जाता है, तो राज्य में इस तरह की स्थिति देखने को नहीं मिलती. हमारे पीठ में खंजर घोंपा गया. हम एक बार फिर से महाराष्ट्र में स्थिर सरकार के साथ आए हैं. फडणवीस शिवसेना और एनसीपी के दो धड़ों में टूटने का जिक्र कर रहे थे.
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस से जब इशारों में पूछा गया कि क्या वह केंद्र की राजनीति में शामिल होंगे. इस पर उन्होंने कहा कि दिल्ली का मौसम सिर्फ इंज्वॉय कर वापस आते हैं. हम दिल्ली रहते नहीं हैं. हम दिल्ली जाएंगे, लेकिन मौसम का आनंद लेकर वापस लौट आएंगे. मुंबई का मौसम दिल्ली से भी अच्छा है.
अगर फिल्म के स्टार एक्टर किसी राजनीतिक बात को कहते हैं, लेकिन फिल्म उस बारे में बात नहीं कर रही होती है, तो क्या इसका फिल्म पर कोई असर होता है? इसके जवाब में मधुर भंडारकर ने कहा कि जब मैं इंदु सरकार फिल्म बना रहा था तो मैंने कई बड़े एक्टर्स से बात की. लेकिन वह राजनीतिक टॉपिक होने की वजह से इस फिल्म में काम करने से बच रहे थे. वे अपने आर्थिक और सामाजिक जिम्मेदारी को काफी अच्छे से समझते हैं. उनका कहना है कि अगर वह किसी राजनीतिक पार्टी की तरफ झुकते हैं तो उन्हें इसकी वजह से ट्विटर पर ट्रोलिंग भी झेलनी पड़ सकती है.
बॉलीवुड के राजनीतिकरण पर फिल्ममेकर लीना यादव ने कहा कि राजनीति के बिना फिल्में नहीं बनाई जा सकती हैं. हर फिल्ममेकर अपनी कहानी में राजनीति को सामने रखता है. बॉलीवुड एक समुदाय के रूप में नहीं है. फिल्ममेकर आपस में बातचीत नहीं करते हैं. सोशल मीडिया पर हर किसी को अपना रुख स्पष्ट करने का दबाव रहता है.
फिल्ममेकर मधुर भंडारकर ने कहा कि बॉलीवुड इंडस्ट्री एक सेक्युलर इंडस्ट्री है. हमारे यहां हर कोई सबके साथ काम करता है. इंदु सरकार फिल्म बनाते हुए जब मैं नेहरू मेमोरियल रिसर्च के लिए पहुंचा तो मुझे पता चला कि कुछ लोगों ने इमरजेंसी को सपोर्ट किया था जबकि कुछ ने इसका विरोध किया. पहले कोई माध्यम नहीं था तो ये बातें लोगों तक नहीं पहुंची, लेकिन हर किसी की अपनी पंसद होती है. हर किसी के अपने-अपने राजनीतिक विचार होते हैं. लेकिन बहुत ही कम लोग होते हैं, जो अपनी बात रखते हैं.
फिल्ममेकर विपुल शाह ने उस सवालों का भी जवाब दिया, जिसमें कहा गया कि उनके जरिए बनाई गई केरल स्टोरी फिल्म ने समाज को बांटने का काम किया है. उन्होंने कहा कि अब तक मैंने 18 फिल्में बनाई हैं, जिसमें से दो में मुस्लिम विलेन रहे हैं और 16 में हिंदू विलेन, तो क्या मैं हिंदू समाज को बांट रहा हूं. केरला स्टोरी तीन लोगों की सच्ची कहानी थी, अगर आप ऐसे समाज में रह रहे हैं, जहां आपको सच्चाई नहीं दिखाने दी जाती है, तो आप फिर बहुत ही खतरनाक समाज में रह रहे हैं.
फिल्म प्रोड्यूसर और फिल्ममेकर विपुल शाह से जब सवाल किया गया कि क्या सिनेमा हमें एकजुट कर रहा या बांट रहा है? इस पर उन्होंने कहा कि कुछ फिल्में राजनीतिक नहीं होती हैं, लेकिन उन्हें बना दिया जाता है. पहले बॉलीवुड में लोग अपनी राजनीतिक पसंद को दिखाते नहीं थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है. लेकिन इससे बॉलीवुड बंटा नहीं है. हम कुछ मुद्दों पर सहमत हो सकते हैं, कुछ पर नहीं. बावजूद इसके हम सभी लोग दोस्त ही हैं. उन्होंने कहा कि बॉलीवुड को लेकर कहा जा रहा है कि वह बंटता जा रहा है. लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है. हर समाज में अलग-अलग विचार के लोग होते हैं. यहां पर भी हैं.
नीतू सिंह ने बताया कि 21 दिन या 45 दिन में कोई अंग्रेजी नहीं सीख सकता है. इसकी वजह ये है कि अंग्रेजी एक भाषा है और इसे सीखने में वक्त लगता है. कोचिंग सेंटर्स में आपको अगर कोई चीज 2 साल में सीखनी है, तो हम उसे 1 साल में सीखने लायक बना देते हैं. 21 या 45 दिन में कोई अंग्रेजी नहीं सिख सकता है, जब तक कि वह अपनी पूरी आत्मा और दिल इस चीज में नहीं लगा दे.
क्या हिंदी मीडियम से आने वाले छात्रों को सिविल सर्विस में नहीं आना चाहिए, क्योंकि उन्हें काफी परेशानी होगी? जब दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर विजेंद्र चौहान से ये सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इंग्लिश कहीं न कहीं एक वर्ग की भाषा बन चुकी है. इसे बोलने वाले लोगों को सुनकर पता चल जाता है कि वे किस वर्ग से आते हैं. अगर हर कोई इंग्लिश बोलने लगा तो एक वक्त ऐसा भी आएगा जब हर कोई कहेगा कि अब हमें फ्रेंच बोलना है. हालांकि, अब हिंदी को लेकर स्थिति सुधर रही है और हिंदी बोलना अब शर्म की बात नहीं होती है.
केडी कैंपस की फाउंडर और टीचर नीतू सिंह से जब सवाल किया गया कि अंग्रेजी को लेकर इतनी ज्यादा चर्चा क्यों होती है. हर कोई इसे क्यों सीखना चाहता है. इस पर नीतू सिंह ने कहा कि इंग्लिश आपको दुनिया से जोड़ता है. इंग्लिश बेहद ही आसान भाषा है. इंग्लिश सिर्फ एक भाषा है, इसलिए इसे आपको सिर्फ बोलना चाहिए, ताकि आप दूसरों तक अपनी बात पहुंचा पाएं.
मिशन की प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ. निगार शाजी ने बताया कि भारत को दुनिया की अन्य स्पेस एजेंसियों के बराबर खड़ा करने के लिए आदित्य मिशन लॉन्च किया गया. भारत ने हाल ही में चंद्रमा पर लैंडिंग की. इस तरह के मिशन से दुनिया में भारत का मान बढ़ता है और हर कोई उसकी बढ़ती स्पेस ताकत को देखता है. आर्थिक रूप से मजबूत होने के अलावा टेक्नोलॉजी सेक्टर में भी मजबूत होना जरूरी है, ताकि हमारा मान और भी ज्यादा बढ़ सके.
इसरो के आदित्य मिशन और ये इतना अहम क्यों है, जब इस बारे में जवाब किया गया तो मिशन की प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ. निगार शाजी ने बताया कि हम लोग सूर्य पर पूरी तरह से निर्भर हैं. इसलिए हमें इसकी स्टडी करने की जरूरत है. इसरो यही काम कर रहा है. उन्होंने बताया कि इसरो के पास 50 स्पेसक्राफ्ट हैं, जो अंतरिक्ष में मौजूद हैं. इसलिए स्पेस के मौसम का समझना भी जरूरी है, ताकि स्पेसक्राफ्ट्स को बचाया जा सके. आदित्य मिशन के जरिए स्पेस के बदलते मौसम पर भी नजर रखी जा सकती है.
डॉ. निगार शाजी से महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ये बेहद जरूरी है. मैं खुद को शारीरिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए ट्रैकिंग करती हूं. जब मुझे समय मिलता है तो मैं घर का काम भी करती हूं. अगर मानसिक तौर पर खुद को स्वस्थ रखने की बात हो तो मैं भगवान का नाम लेती हूं.
इसरो के आदित्य एल-1 मिशन की प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ. निगार शाजी ने इसरो को लेकर बात करते हुए कहा कि भारतीय स्पेस एजेंसी में किसी तरह का कोई भेदभाव नहीं है. यहां महिलाओं और पुरुषों के बीच कोई भेदभाव नहीं होता है. अगर आप अपनी क्षमता दिखाते हैं कि आप किसी काम को कर सकते हैं, तो आपको वो काम करने दिया जाता है. इस तरह मुझे आदित्य मिशन पर काम करने का मौका मिला.
इसरो के आदित्य एल-1 मिशन की प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ. निगार शाजी ने बताया कि मुझे शुरू से ही कुछ ऐसा करने का मन था, जो किसी ने नहीं किया है. मेरे पिता चाहते थे कि हम लोग आर्थिक रूप से सशक्त और आजाद रहें. जब मैंने पढ़ाई शुरू की, तो इंजीनियरिंग में बहुत कम लड़कियां होती थीं. मैं मैकेनिकल इंजीनियरिंग करना चाहती थीं, लेकिन सीट नहीं मिली. इसके बाद मैंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की.
इसरो के आदित्य एल-1 मिशन की प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ. निगार शाजी ने बताया कि मुझे शुरू से ही कुछ ऐसा करने का मन था, जो किसी ने नहीं किया है. मेरे पिता चाहते थे कि हम लोग आर्थिक रूप से सशक्त और आजाद रहें. जब मैंने पढ़ाई शुरू की, तो इंजीनियरिंग में बहुत कम लड़कियां होती थीं. मैं मैकेनिकल इंजीनियरिंग करना चाहती थीं, लेकिन सीट नहीं मिली. इसके बाद मैंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की.
ISRO, ISTRAC की डिप्टी डायरेक्टर नंदनी हरीनाथ ने बताया कि उनका परिवार काफी पढ़ा लिखा है. इस वजह से उन्हें पढ़ाई के लिए बाहर जाने या अपना करियर बनाने में ज्यादा परेशानी नहीं हुई है. उन्होंने बताया कि हमारे परिवार में काफी खुला और आजाद माहौल था. मेरे पिता हमेशा राजनीति, विज्ञान समेत अलग-अलग विषयों पर हमें बताया करते थे. इसलिए मैं कह सकती हूं कि मेरे माता-पिता की वजह से मैं यहां तक आई हूं.
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स की डायरेक्टर प्रोफेसर (डॉ.) अन्नपूर्णी सुब्रमण्यम ने कहा कि अपने सफर की शुरुआत करते हुए बताया कि मेरे माता-पिता संगीतकार थे. इसलिए उन्होंने मुझे म्यूजिक की तरफ ले जाने का प्रयास किया. लेकिन जब उन्हें साइंस और एस्ट्रोफिजिक्स में मेरी दिलचस्पी के बारे में पता चला तो उन्होंने मुझे सपोर्ट किया. मास्टर्स तक पढ़ाई करने के बाद मैंने बाहर जाने की तैयारी शुरू की.
कार्यक्रम में महिलाओं की साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ्स की फील्ड में भागीदारी तीन प्रमुख हस्तियां कार्यक्रम में शामिल हुई हैं. इसमें ISRO, ISTRAC की डिप्टी डायरेक्टर नंदनी हरीनाथ, इसरो के आदित्य एल-1 मिशन की प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ. निगार शाजी और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स की डायरेक्टर प्रोफेसर (डॉ.) अन्नपूर्णी सुब्रमण्यम शामिल हैं.
महिंद्रा ग्रुप के सीईओ से जब सवाल किया गया कि युवाओं में नौकरी को लेकर अनिश्चितता है. कैंपस प्लेसमेंट धीमी हो गई है. उन्होंने कहा कि हम युवाओं और छात्रों को नौकरी पर रख रहे हैं. भारत के साथ बढ़ने की ताकत है. भारत 2030 तक अपनी वर्कफोर्स के चरम पर होगा.
महिंद्रा ग्रुप के सीईओ और फिक्की अध्यक्ष ने कहा कि भारत को 30 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लिए मैन्युफेक्चरिंग को जीडीपी का 25 फीसदी होना होगा. एक्सपोर्ट में 11 फीसदी की दर से इजाफा होना चाहिए. दुनिया ने कई सारी चुनौतियों का सामना किया है, लेकिन भारत इससे बचा रहा है. भारत में मेक इन इंडिया सफल रहा है. भारत में 99 फीसदी मोबाइल फोन बन रहे हैं. उन्होंने बताया कि भारत में हर जरूरी सामान बन रहा है और उन्हें हाल में बनाए गए पोर्ट, एयरपोर्ट के जरिए बाहर भेजा जा रहा है.
महिंद्रा ग्रुप के सीईओ ने कहा कि आने वाले सालों में भारत दुनिया की जीडीपी में उतना योगदान करेगा, जितना अकेले यूरोपियन यूनियन करता है. जी20 की थीम वसुधैव कुटुंबम का था, जिसका मतलब एक पृथ्वी, एक परिवार और एक भविष्य है. पीएम मोदी का विकसित भारत का संकल्प बेहद शानदार है. वह भारत को 2027 तक 30 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना चाहते हैं. भारत आने वाले समय में वैश्विक मंच पर बड़ी भूमिका निभाएगा.
महिंद्रा ग्रुप के सीईओ और फिक्की अध्यक्ष डॉ अनीश शाह ने कहा कि भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. भारत जल्द ही दुनिया की सबसे बड़ी सभ्यता भी होगा. भारत दुनियाभर में नेतृत्व करने की भूमिका भी निभा रहा है. भारत भूराजनैतिक, आर्थिक और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर नेतृत्व कर रहा है. हम लोग 7 फीसदी से बढ़ रहे हैं और अगले साल 8 फीसदी से बढ़ने लगेंगे.
एबीपी नेटवर्क के चीफ एडिटर अतिदेब सरकार ने कहा कि आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने 2018 में कहा था कि भारत को सक्षम राष्ट्र होना चाहिए. लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि दूसरों को दबाया जाए. भागवत ने हिंदुत्वा को लेकर बताया था कि ये विविधता में एकता, बलिदान, सद्भाव, कृतज्ञता है, जिसमें सच आधार है.
एबीपी नेटवर्क के चीफ एडिटर अतिदेब सरकार ने कहा कि भारत अपनी आजादी के 70 साल पूरा कर चुका है. इस मौके पर इतिहासकार सुहैल खिलनानी ने कहा कि भारत संघवाद, लोकतंत्र और विकास भारत के आधार हैं. अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद से कहा जा रहा है कि भारत को एक हिंदू राष्ट्र होना चाहिए.
सीईओ अविनाश पांडे ने बताया कि इस कार्यक्रम में कौन-कौन हिस्सा ले रहा है. उन्होंने कहा कि आइडिया ऑफ इंडिया कार्यक्रम में राजनीतिक वैज्ञानिक और इतिहासकार सुहैल खिलनानी, कलाकार सुबोध गुप्ता, आमिर खान, किरण राव, कवि जावेद अख्तर, डॉ शशि थरूर, अर्थशास्त्री अरविंद पनगढ़िया, फिक्की अध्यक्ष, एक्टर पद्मा लक्ष्मी समेत कलाकार, नेता हिस्सा ले रहे हैं.
एबीपी नेटवर्क के सीईओ अविनाश पांडे ने कहा कि इस साल दुनियाभर में 60 देशों में चुनाव हो रहे हैं. लोग मतदान करेंगे और उनकी आवाज को सुना जाएगा. ये साल ऐसा है, जब दुनिया दो युद्धों का सामना कर रही है, जिसमें लोगों के घर तबाह हो रहे हैं. ऐसा लग रहा है कि ये युद्ध जारी रहने वाला है. उन्होंने कहा कि आइडिया ऑफ इंडिया कार्यक्रम में हम लोग इस देश के लोगों पर फोकस कर रहे हैं. उनकी इच्छाएं, आकाक्षाएं और डर क्या हैं.
एबीपी नेटवर्क के आइडिया ऑफ इंडिया कार्यक्रम का आगाज हो गया है. इस मौके पर सीईओ अविनाश पांडे ने कहा कि जब हम 2022 में आइडिया ऑफ इंडिया कार्यक्रम की शुरुआत की, तो लोगों का सवाल था कि क्या स्पीकर्स को सुनने के लिए लोग आएंगे. कुछ लोगों ने इसका जवाब हां में दिया. कुछ लोगों ने कहा कि हम लोग बहुत बड़ा सपना देख रहे हैं. लेकिन बड़ा सपने देखे बिना, जीवन कैसा हो सकता है. उन्होंने कहा कि एक बार फिर से आइडिया ऑफ इंडिया के तीसरे संस्करण का आगाज हो रहा है. ये कार्यक्रम ऐसे समय पर शुरू हो रहा है, जब दुनिया कई संकटों का सामना कर रही है.
आइडिया ऑफ इंडिया कार्यक्रम दो दिनों तक चलने वाला है. इस कार्यक्रम की शुरुआत शुक्रवार सुबह से हो रही है, जो शनिवार तक चलने वाला है. ये कार्यक्रम 23 और 24 फरवरी को आयोजित हो रहा है.
कार्यक्रम में महिलाओं की साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ्स की फील्ड में भागीदारी को लेकर बात होने वाली है. इस मुद्दे पर चर्चा में तीन प्रमुख हस्तियां शामिल हो रही हैं. इसमें ISRO, ISTRAC की डिप्टी डायरेक्टर नंदनी हरीनाथ, इसरो के आदित्य एल-1 मिशन की प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ. निगार शाजी और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स की डायरेक्टर प्रोफेसर (डॉ.) अन्नपूर्णी सुब्रमण्यम शामिल हैं.
एबीपी नेटवर्क के आइडिया ऑफ इंडिया कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 9.30 बजे दीप जलाने के साथ होगी. इसके बाद एबीपी नेटवर्क के सीईओ अविनाश पांडे स्वागत भाषण देंगे, जिसके बाद एबीपी नेटवर्क के चीफ एडिटर अतिदेब सरकार प्रमुख संबोधन करेंगे. सुबह 9.55 बजे सिंगर संजीवनी भिलांडे सरस्वती वंदना करेंगी. इसके साथ कार्यक्रम की अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा के लिए शुरुआत हो जाएगी.
आइडिया ऑफ इंडिया शिखर सम्मेलन में सबसे पहले विकसित भारत मुद्दे पर चर्चा होगी. इस मुद्दे पर चर्चा की शुरुआत सुबह 10 बजे से होगी, जिसमें महिंद्रा ग्रुप के सीईओ और एमडी डॉ अनीश शाह हिस्सा लेने वाले हैं. वह 2047 तक भारत को विकसित बनाने के मुद्दों पर चर्चा करेंगे.
आइडिया ऑफ इंडिया कार्यक्रम में शाम के समय 'हाउ टू मैक एक ब्लॉकबस्टर', द नेक्स्ट जेन, अयोध्या एंड आफ्टर, टेलिंग लापता टेल्स, मैं कोई ऐसा गीत गाऊं जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी.
एबीपी नेटवर्क के आइडिया ऑफ इंडिया शिखर सम्मेलन में विकसित भारत, STEM में महिलाओं की भागीदारी, सीखने की लालसा, कला की रचना, सहयोगात्मक संघवाद, इनसाइड द माइंड ऑफ जीनियस, होमग्रोन ब्रांड्स, द पावर ऑफ ट्रांसफोर्मेशन, द आइडिया ऑफ इंडिया, इंडिया इंफ्रा जाइंट्स, आम चुनाव 2024, ए मोर सस्टेंनेबल वर्ल्ड, द आउटसाइडर अपहिल बैटल जैसे मुद्दों पर बात की जाएगी.
आइडिया ऑफ इंडिया कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 9.30 बजे दीप जलाने के साथ होगी. इसके बाद 9.35 बजे एबीपी नेटवर्क के सीईओ अविनाश पांडे मेहमानों को संबोधित करेंगे. फिर एबीपी नेटवर्क के चीफ एडिटर अतिदेब सरकार का भाषण होगा. इस तरह कार्यक्रम की शुरुआत हो जाएगी.
एबीपी न्यूज के आइडिया ऑफ इंडिया शिखर सम्मेलन की शुरुआत ऐसे समय पर हो रही है, जब कुछ ही महीनों में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं. इसमें भारतीय राजनीति के कुछ दिग्गज लोग भी नजर आएंगे, जो कहीं न कहीं चुनाव से जुड़े मुद्दों पर भी बात करने वाले हैं. ऐसे नेताओं में महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और कांग्रेस सांसद शशि थरूर शामिल हैं.
एबीपी नेटवर्क के इस कार्यक्रम में ब्रिटिश संसद सुएला ब्रेवरमैन, कांग्रेस सांसद शशि थरूर, लेखक और गीतकार जावेद अख्तर, भारतीय अमेरिकी लेखक और मॉडल पद्मा लक्ष्मी, कलाकार सुबोध गुप्ता, लेखक अमीश त्रिपाठी, अभिनेत्री करीना कपूर, अर्थशास्त्री अरविंद पनगढ़िया, राजनीतिक विश्लेषक सुनील शेलानी, जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, पूनम महाजन, इतिहासकार विक्रम संपत समेत कई अन्य दिग्गज हस्तियां शामिल होंगे.
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