Ideas of India Summit 2023: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी एबीपी के कार्यक्रम आइडिया ऑफ इंडिया 2023 में अपने विचार रखने के लिए पहुंचे. शनिवार (25 फरवरी) को कार्यक्रम के दूसरे दिन उन्होंने भारत में सड़क परिवहन को उन्नत बनाने पर भी बात की. उन्होंने इस दौरान देश में बढ़ते सड़क हादसों पर फिक्र जताई और लोगों से सड़क के नियम कायदों का पालन करने की भी अपील की. 


'हमने 8-9 साल में कर दिखाया 60 साल का काम'


केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस मौके पर कहा कि सरकार की तरफ से इस साल सड़क परिवहन विभाग के बजट में बढ़ोतरी की गई है. साल 2024 में आम चुनावों की राह हाईवे से होकर गुजरेगी के सवाल पर उन्होंने जवाब दिया कि हर सरकार को 5 साल काम करने का अवसर मिलता है. इसके बाद ही जनता उन्हें रिपोर्ट कार्ड थमाती है. इस काम के आधार ही जनता वोट देती है.


गडकरी ने कहा कि मैं हमेशा एक बात याद रखता हूं कि फाइनेंशियल ऑडिट अहम है, लेकिन उससे भी अहम है परफॉर्मेंस ऑडिट.हमारे पार्टी का हमारे मंत्रियों का जो परफॉर्मेंस ऑडिट कार्ड है ये निश्चित तौर पर बहुत अहम है. मैं यकीन के साथ कह सकता हूं कि 75 साल देश की आजादी को हो रहे हैं, लेकिन इस 8 साल में मोदी जी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने जो काम किया है उसकी तुलना अगर कांग्रेस के 50 साल के राज से करेंगे तो कई गुना हमारी सरकार ने काम करके दिखाया है.


उन्होंने कहा कि ये जो हमारा परफॉर्मेंस है यही हमारी ताकत है और लोगों की यही हमसे अपेक्षा है. 2024 के लोकसभा चुनाव में हम अपने काम के बल पर जीत हासिल करेंगे. उन्होंने कहा कि कौन क्या बोलता है इससे हमको कोई वास्ता नहीं है, हमकों केवल अपने काम से मतलब है. उन्होंने ये भी कहा कि आने वाले 5 साल में भारत ग्लोबल ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग हब के तौर पर अपनी पहचान बनाएगा. देश में सड़कों के विकास को लेकर वो बोले कि उनका मकसद हर दिन 60 किलोमीटर सड़क बनाना है.




'जनता के बीच काम से लोकप्रियता हासिल करनी चाहिए'


केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि अगर जनता के बीच जाकर हम अपने काम की बात करेंगे और उससे लोकप्रियता हासिल करेंगे तो करना चाहिए. राजनीति सामाजिक और आर्थिक सुधारों का औजार है और देश के लिए हमारी पार्टी में 3 बातें थीं. उन्होंने कहा कि जब मैं अध्यक्ष था तो बीजेपी के दिल्ली ऑफिस में अटल जी और आडवाणी जी की फोटो के साथ लिखा था. राष्ट्रवाद हमारी आत्मा है. सुशासन और विकास हमारा एकमात्र लक्ष्य है.


उन्होंने कहा कि इसी के साथ अंत्योदय यानी जो शोषित है. पीड़ित है. दलित है. सामाजिक तौर पर पिछड़े हुए हैं, जिनके पास घर नहीं है, जिनके शरीर पर कपड़ा नहीं है. खाने के लिए रोटी नहीं है. उनको भगवान मानकर हम उनकी निरंतर सेवा करते रहेंगे. जिस दिन उनको रोटी, कपड़ा और मकान मिलेगा. उसी दिन हमारा काम पूरा होगा ऐसा हम समझेंगे. ये पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी की सोच हमारा उद्देश्य है. 


'2024 तक 50 फीसदी एक्सीडेंट करने का लक्ष्य'


इस दौरान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने देश में हो रही सड़क दुर्घटनाओं को लेकर भी फिक्र जताई. उन्होंने कहा कि हमने 2024 तक इन हादसों में 50 फीसदी कमी लाने का लक्ष्य रखा था, हालांकि इसमें हम इतनी कमी नहीं ला पाए. उन्होंने कहा कि मैं सड़क हादसों को लेकर बहुत फ्रिकमंद हूं और मेरे विभाग का यही ब्लैक स्पॉट है. मैं ये कबूल करने में संकोच नहीं करूंगा कि मैं इसमें कामयाब नहीं हो पाया.


उन्होंने बताया कि हमारे देश में हर साल 5 लाख हादसे होते हैं और डेढ़ लाख मौतें होती हैं. इसके साथ ही 18 से 34 साल की उम्र में 60 फीसदी लोग मरते हैं. युवा इंजीनियर लड़के -लड़कियां मौत का शिकार होते हैं. इन मौतों को रोकने के लिए हमें सबका सहयोग चाहिए. केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि इसके लिए इंसानी व्यवहार बदलना चाहिए. अगर रेड सिग्नल है तो रुकना चाहिए.


इस दौरान उन्होंने शनिवार (25 फरवरी) का वाकया भी शेयर किया. उन्होंने कहा, "मैं आपको बताता हूं कि आज मैंने 4 सीएम की गाड़ी में अमेजन की क्लिप लगी देखी, मैंने ड्राइवर को डांटा कहा निकालो इसे. खबरदार फिर से लगाई तो. मैंने बेल्ट लगाने को कहा है."  उन्होंने आगे कहा कि बेल्ट लगाना जरूरी है, स्पीड लिमिट का पालन करना चाहिए, हेलमेट पहनना चाहिए.


उन्होंने इस दौरान इस बात पर जोर दिया कि इंसानी व्यवहार को बदलना की जरूरत है, जिसमें मीडिया को सहयोग चाहिए. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमने अपनी तरफ से सुधार किए एयरबैग लाए. उनकी क्वालिटी में सुधार किया. 


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