केंद्र सरकार ने शुक्रवार को एक संशोधित एडवाइजरी जारी कर गैर-कोरोना अस्पतालों में काम कर रहे बिना लक्षण वाले स्वास्थ्यसेवा कर्मियों, कंटेनमेंट जोन में निगरानी ड्यूटी पर तैनात कर्मियों और कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने संबंधी गतिविधियों में शामिल पैरामिलिट्री फोर्स/पुलिसकर्मियों को रोग निरोधक दवा के तौर पर हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) का इस्तेमाल करने की सिफारिश की है. दवा लेने से पूरी तरह सुरक्षा नहीं इससे पहले जारी एडवाइजरी के अनुसार, COVID-19 को फैलने से रोकने और इसका इलाज करने में शामिल बिना लक्षण वाले सभी स्वास्थ्यसेवा कर्मियों और संक्रमित लोगों के घरों में संपर्क में आए लोगों में संक्रमण के खिलाफ इस दवा का इस्तेमाल करने की भी सिफारिश की गई है. हालांकि, आईसीएमआर द्वारा जारी संशोधित एडवाइजरी में आगाह किया गया है कि दवा लेने वाले व्यक्ति को यह नहीं सोचना चाहिए कि वह एकदम सुरक्षित हो गया है. हार्ट पेशेंट, बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए नहीं ये दवा नई एडवाइजरी के अनुसार NIV पुणे में HCQ की जांच में यह पाया गया कि इससे संक्रमण की दर कम होती है. इसमें कहा गया है कि यह दवा उन लोगों को नहीं देनी चाहिए, जो नजर कमजोर करने वाली रेटिना संबंधी बीमारी से ग्रस्त है, एचसीक्यू को लेकर अति संवेदनशीलता है और जिन्हें दिल की धड़कनों के घटने-बढ़ने की बीमारी है. एडवाइजरी में कहा गया है कि इस दवा को 15 साल से कम आयु के बच्चों और गर्भवती एवं दूध पिलाने वाली महिलाओं को न देने की सिफारिश की जाती है. इसमें कहा गया है कि यह दवा औपचारिक सहमति के साथ किसी डॉक्टर की निगरानी में दी जाए. भारत ने पिछले महीने ही कई अमेरिका, जर्मनी समेत कई देशों को भारी मात्रा में HCQ का निर्यात किया था, जिसके लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया था. ये भी पढ़ें अमेरिकी रक्षा विभाग के लीक दस्तावेज से खुलासा- 2021 की गर्मी तक नहीं जाएगा कोरोना, वैक्सीन की उम्मीद भी नहीं WHO के पूर्व अधिकारी दावा- वैक्सीन से पहले खत्म हो सकता है कोरोना वायरस