IAF Women Power: इंडियन एयर फोर्स (IAF) में महिलाओं की शक्ति (Women Power) लगातार बढ़ रही है. वो चाहे महिला पायलट (Female Pilot) के रूप में हो या ग्राउंड क्रू के रूप में. तो वहीं, देश की नारी शक्ति अब चीन (China) से सटे बॉर्डर पर भी अपना प्रदर्शन कर रही हैं. महिला पायलट अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) और असम (Assam) के पूर्वी सेक्टर में एयरक्राफ्ट और चॉपर्स उड़ा रही हैं. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक देश में बने एएलएच ध्रुव मार्क 3 चॉपर्स को महिलाओं ने उड़ाया है.


पूर्वी कमान में भारतीय वायुसेना के अधिकारियों ने बताया कि महिला पायलट्स और ग्राउंड क्रू अधिकारी पूरे देश में तैनात हैं. वो चाहे दुनिया का सबसे ऊंचा युद्धक्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर सेक्टर हो या फिर अरुणाचल प्रदेश का वियनगर हो. ये महिलाएं सैनिकों के साथ-साथ स्थानीय नागरिकों की मदद करती हुई देखी जा सकती हैं.


जमीन से लेकर आसमान तक नारी शक्ति की धूम


SU-30 MKI फाइटर जेट की भारत की पहली महिला सिस्टम ऑपरेटर फ्लाइट लेफ्टिनेंट तेजस्वी ने कहा कि हमारे पास शानदार महिलाएं हैं जो पुराने बंधनों को तोड़ चुकी हैं. इनके पास देश की सेवा करने भावना है. इसी सपने के साथ ही ये आगे बढ़ रही हैं. उन्होंने कहा कि लड़ाकू विमानों के बेड़े में महिलाओं का होना अब कोई नई बात नहीं है. पुरुषों और महिलाओं सहित हर कोई समान रूप से कड़ी मेहनत करता है और उन्हें ट्रेन किया जाता है. हम समान पायदान पर हैं. आसमान से लेकर जमीन तक, हम सभी पहले और सबसे अहम वायु योद्धा हैं. दूसरी चीजें इसके बाद आती हैं.


भारतीय वायु सेना (IAF) ने पहली बार महिलाओं को फाइटर स्ट्रीम में आने की इजाजत उस वक्त दी, जब अवनी चतुर्वेदी (Avani Chaturvedi) और भावना कंठ (Bhawana Kanth) सहित तीन महिलाओं को फाइटर स्ट्रीम में कमीशन किया गया. इसके कुछ ही समय बाद कंठ मिग-21 में एकल उड़ान भरने वाली पहली महिला पायलट (Female Pilot) बनीं. इसके कुछ ही दिनों बाद शिवांगी सिंह (Shivangi Singh) राफेल विमान उड़ाने वाली महिला पायलट बनीं.


ये भी पढ़ें: IAF: विंग कमांडर अभिनंदन की स्क्वाड्रन इस महीने हो रही है रिटायर, कारगिल से बालाकोट तक लहराया परचम


ये भी पढ़ें: क्या होता है 'हाइब्रिड वार', भारतीय वायुसेना प्रमुख ने क्यों कहा हमें तैयार रहना है