हैदराबाद: हैदराबाद गैंगरेप को चारों आरोपी मारे गए हैं. तेलंगाना पुलिस ने चारों आरोपियों का एनकाउंटर कर दिया है. बताया जा रहा है कि पुलिस इन चारों लोगों को वारदात की जगह ले जा रही थी, जहां से इन चारों लोगों ने भागने की कोशिश की. एनकाउंटर के बाद पीड़िता का परिवार खुश है. रेप पीड़िता के पिता और बहन ने कहा है कि आज हम सरकार और पुलिस के शुक्रगुजार हैं. पीड़िता की बहन ने कहा है कि आज हमारे साथ न्याय हो गया है. आज जो हुआ है वह अपराधियों के लिए एक उदाहरण है. वहीं पीड़िता के पिता ने कहा  कि हमें 10 दिन बाद आखिरकार न्याय मिल गया. आज हमारी बच्ची को इंसाफ मिल गया है.


चार लोगों ने रची थी साजिश


महिला डॉक्टर ने 27 नवंबर को घर से शाम 5.50 बजे निकलकर टोंदुपल्ली टोल गेट पर शाम 6 बजे स्कूटी पार्क की और अपने क्लीनिक के लिए कैब से निकली. इस बीच वहां खड़े एक ट्रक के साथ मौजूद चार लोगों ने यह साजिश रची. उसके वापस लौटने से पहले ही स्कूटर को पंक्चर कर दिया गया. जब वेटेरिनरी डॉक्टर वापस लौटी करीब 9 बजे तो उसने देखा कि स्कूटी पंकचर है. ऐसे में उसे मदद कि ज़रूरत थी.


महिला को जबरन उठा के ले गए थे आरोपी


उसने अपनी बहन को फोन कर बताया कि कुछ ट्रक वालों से उसे डर लग रहा है. इस बीच हाईवे पर युवती का मुंह बंद कर उसे ट्रक के पीछे ले जाया गया. वहीं पास में एक ग्राउंड है जहां उसे घसीट कर ले गए और इस घिनौने वारदात को अंजाम दिया. हैरानी वाली बात यह कि इस ग्राउंड में वॉचमैन का घर भी है लेकिन उसने भी इसे नोटिस नहीं किया.


घरवालों के मुताबिक, प्रियंका ने बुधवार को अपनी बहन को कॉल करके कहा था, ‘’मेरी स्कूटी टूट गई है. मुझे बहुत डर लग रहा है.’’ जब प्रियंका के परिवार ने बाद में उससे संपर्क करने की कोशिश की तो उसका मोबाइल फोन बंद हो गया. जब प्रियंका घर वापस नहीं लौटी तो परिजनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. इसके बाद गांववालों ने ब्रिज के पास जले हुए शव को देखकर पुलिस को जानकारी दी. बाद में प्रियंका के पिता श्रीधर रेड्डी ने शव की पहचान की.


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