नई दिल्लीः देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर में अप्रैल में लगभग 3.27 करोड़ लोगों ने ट्रेन से लंबी दूरी की यात्रा की. जबकि महामारी से पहले के लास्ट नॉर्मल साल 2019 के अप्रैल महीने में 30 करोड़ यात्रियों ने ट्रेनों में लंबी दूरी की यात्रा की थी. इस साल मई में अब तक 1.76 करोड़ यात्रियों ने मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों से यात्रा की.


इस साल अप्रैल से रेगुलर ट्रेन सर्विस में न केवल मांग में कमी के कारण बल्कि गैर-जरूरी यात्रा को हतोत्साहित करने के लिए कटौती की गई है. दूसरी लहर से पहले प्रतिदिन लगभग 1500 रेगुलर ट्रेनें चलती थी जिनकी संख्या घटाकर 865 प्रतिदिन कर दी गई है. इसमें स्पेशल ट्रेनें भी शामिल हैं.


औद्योगिक केंद्रों से गृह राज्यों में लौटने के लिए  लोगों ने की यात्रा 
2020 की शुरुआत में महामारी फैलने से पहले हर दिन 1,768 लंबी दूरी की ट्रेनें चलती थीं. इस साल अप्रैल में ज्यादातर पैसेंजर ट्रैफिक पूर्वी राज्यों और उत्तर प्रदेश को डायरेक्टेड किया गया था. ट्रैफिक महाराष्ट्र, गुजरात और दिल्ली के विभिन्न स्थानों से ऑरिजन हुआ. लेटेस्ट डेटा इस बात का एक स्नैपशॉट प्रोवाइड कराता है कि इस वर्ष लोकल लॉकडाउन के कारण कार्यस्थलों के बंद रहने से लोगों ने कैसे यात्रा की.
 
दिल्ली, महाराष्ट्र और गुजरात जैसे बड़े औद्योगिक केंद्रों से प्रवासियों को बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और ओडिशा में उनके गृह राज्यों में वापस लाने के लिए स्पेशनल ट्रेनों से यात्रा की गई. 


फरवरी और मार्च में पैसेंजर ट्रैफिक में आया था काफी सुधार
इस साल फरवरी और मार्च में पैसेंजर ट्रैफिक में सुधार होना शुरू हो गया था. उदाहरण के लिए आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि फरवरी में 7.5 करोड़ यात्रियों ने लंबी दूरी की मेल या एक्सप्रेस ट्रेनों में यात्रा की जबकि मार्च में 5.8 करोड़ यात्रियों ने यात्रा की. 1 अप्रैल से शुरू होने वाले इस वित्तीय वर्ष में, आंकड़े बताते हैं कि 2.72 करोड़ लोग या लगभग आधे यात्रियों ने लंबी दूरी की ट्रेनों के जनरल क्लास में यात्रा की. नॉन एसी स्लीपर क्लास में करीब 1.65 करोड़ लोगों ने सफर किया.


वित्तीय वर्ष 2020-2021 में 122 करोड़ यात्रियों ने यात्रा की
भारतीय रेलवे में वित्तीय वर्ष 2020-2021 में 122 करोड़ यात्रियों ने यात्रा की जिसमें श्रमिक स्पेशल के 63 लाख प्रवासी भी शामिल हैं. इनमें से केवल लगभग 28 करोड़ यात्री रिजर्वेशन श्रेणी के थे. अगस्त के बाद अर्थव्यवस्था के क्रमिक अनलॉक के साथ, इस बार मामले फिर बढ़ने से पहले लंबी दूरी की यात्रा की जाने लगी थी. एक नॉर्मल साल में, उदाहरण के लिए 2019-20 में लगभग 800 करोड़ यात्रियों ने लंबी दूरी की ट्रेनों में यात्रा की.


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