MCD Mayor: दिल्ली नगर निगम चुनाव के नतीजे घोषित हो चुके हैं. दिल्ली की कुल 250 निगम सीटों में से 134 सीटों पर आम आदमी पार्टी को जीत मिली है तो वहीं बीजेपी ने 104 सीटों पर जीत हासिल की है. 9 सीटों पर कांग्रेस और 3 पर अन्य की जीत हुई है. इन नतीजों के बाद अब सबकी निगाह इस बात पर टिकी है कि आख़िर अब एकीकृत नगर निगम का पहला मेयर कौन होगा? बहुमत का आंकड़ा आम आदमी पार्टी के पास है, इसलिए मेयर बनाने की सबसे बड़ी दावेदारी भी AAP की ही होगी. ऐसे में AAP से मेयर का चेहरा कौन होगा इस पर पार्टी के भीतर मंथन का दौर चल रहा है. 


हालांकि नियमों के मुताबिक एमसीडी का पहला मेयर महिला होगी, इसलिए AAP के महिला पार्षदों के नाम पर सबसे ज्यादा चर्चा है. ऐसे में AAP के महिला उम्मीदवारों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो AAP ने 250 सीटों में से 140 महिला उम्मीदवार उतारे थे, जिसमें से 75 उम्मीदवार चुनाव जीत कर आई हैं और अब इन्हीं 75 में से एक महिला पार्षद दिल्ली नगर निगम में मेयर बनने जा रही है.


कौन होगी AAP की पहली महिला मेयर?
सूत्रों के मुताबिक AAP में मेयर पद के लिये संभावित उम्मीदवारों की चर्चा के बीच कुछ नाम ऐसे है, जिस पर सबसे ज्यादा मंथन किया जा रहा है. 


1. पहला नाम है प्रोमिला गुप्ता का. प्रोमिला गुप्ता दिल्ली महिला आयोग की सदस्य रह चुकी हैं और आम आदमी पार्टी की काफी सक्रिय सदस्य हैं. प्रोमिला गुप्ता तिमारपुर के 11 नंबर वार्ड से चुनाव जीती है.
2. दूसरा नाम सारिका चौधरी का है. सारिका भी दिल्ली महिला आयोग की सदस्य रह चुकी हैं और आम आदमी पार्टी की संस्थापक सदस्यों में से एक हैं. सारिका दरियागंज के वार्ड नंबर 142 से चुनाव जीती हैं.
3. तीसरा नाम है AAP की दिल्ली महिला इकाई की अध्यक्षा निर्मला कुमारी, निर्मला कुमारी भी शुरुआती दिनों से ही पार्टी के साथ है और पार्टी के संगठन के लिये काम भी करती रही हैं. निर्मला कुमारी विकासपुरी के सैनिक एन्क्लेव वार्ड नंबर 112 से चुनाव जीती है.
4. चौथा नाम है आम आदमी पार्टी की SC/ST विंग की उपाध्यक्ष प्रियंका गौतम, प्रियंका घडौली के वार्ड नंबर 194 से चुनाव जीती हैं. फिलहाल अभी ये सिर्फ वो नाम हैं, जिन पर चर्चाएं हो रही हैं, हालांकि मेयर के नाम पर अंतिम मुहर लगनी बाकी है. 


आखिर कैसे होगा दिल्ली के मेयर का चुनाव?
दिल्ली नगर निगम के 5 साल के कार्यकाल में एक नहीं बल्कि 5 मेयर होंगे. एमसीडी में हर साल एक नया मेयर होता है. पहले साल मेयर का पद महिला के लिये रिजर्व होता है और दूसरा साल जनरल के लिये, जबकि तीसरा साल फिर मेयर का पद किसी अनुसूचित जाति सीट से जीते पार्षद के नाम होता है. बाकी के बचे दो साल जनरल सीट पर दो अलग-अलग मेयर होंगे. चुनाव के नतीजे आने के बाद, जब सदन की पहली बैठक होती है तब मेयर के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होती है.


ये बैठक नगर निगम कमिश्नर के तरफ से बुलायी जायेगी. इसके बाद चुने गए पार्षदों में से कुछ पार्षद मेयर पद के लिए नामांकन करते हैं और फिर पार्षद ही मेयर का चुनाव करते हैं. दिल्ली नगर निगम के मौजूदा एक्ट के अनुसार, हर साल अप्रैल में पहली बैठक में नया मेयर और डिप्टी मेयर चुना जाता है.


मेयर के चुनाव में 2 हफ्ते का वक्त
मेयर के चुनाव के लिये दिल्ली विधानसभा स्पीकर के तरफ से 14 विधायक भी मनोनीत किये जायेंगे, जो मेयर चुनाव के लिए वोट करेंगे और साथ ही दिल्ली के सभी 7 सांसद और 3 राज्यसभा सांसद के पास भी इस चुनाव में वोट करने का अधिकार होगा. चूंकि नगर निगम के एकीकरण और परिसीमन के बाद इस बार चुनाव देरी से हुये है और मौजूदा एक्ट के हिसाब से हर साल अप्रैल में निगम की पहली बैठक होती है और इस बैठक में मेयर का चुनाव होता है.


इस लिहाज से देखा जाए तो जो महिला पहली मेयर होगी, उनका कार्यकाल क़रीबन 3 महीने का ही रहेगा. बताया जा रहा है कि मेयर के चुनाव की इस पूरी प्रक्रिया में अभी करीब 2 हफ्ते का वक्त लग सकता है. इसलिये मेयर कौन होगा इस बात को लेकर चर्चाएं राजनीतिक गलियारों में काफी ज्यादा हैं.


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