नई दिल्ली: दुनिया भर में अलग-अलग देशों में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. भारत में भी कोरोना के रोज नए मामले सामने आ रहे हैं. अब तक 10 हजार से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं. वहीं 339 लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन भारत में दुनिया के बाकी देशों के मुकाबले स्थिति काफी ठीक है.


भारत सरकार ने जनवरी से ही कोरोना से लड़ने के लिए तैयारी शुरू कर दी थी. यही वजह है कि आज जब कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है तो अस्पतालों को चिंता करने की जरूरत नहीं पड़ रही, क्योंकि सरकार ने इसके लिए पहले से ही कई कदम उठाए थे. वहीं अस्पतालों में आइसोलेशन बेड,आईसीयू बेड,कोरोना वार्ड जैसी तमाम चीजें पहले से ही तैयार कर ली गई थी. इस समय भारत में कोरोना मरीजों के लिए 105980 बेड है. वहीं हर राज्य में कोरोना के लिए खास तौर पर अस्पताल तैयार कर लिए गए हैं.


इसलिए भारत सरकार ने कई अस्पतालों में तैयारी पहले से कर ली है. 29 मार्च को भारत मैं कोरोना संक्रमित लोगों की कुल संख्या 979 थी, वहीं कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के लिए 41974 बेड की व्यवस्था थी, जिसमें से महज 196 मरीजों को इसकी जरूरत थी. वही 12 अप्रैल को संक्रमित मरीजों की संख्या 8356 पहुंची तो सिर्फ 1671 मरीजों को ब्लड की जरूरत थी, जबकि भारत सरकार ने उस दिन तक 105980 बेड की व्यवस्था कर दी थी.


भारत सरकार ने देश भर में राज्य सरकारों को कहकर कोविड-19 के लिए एक अलग अस्पताल बनाने के लिए कहा है. हर राज्य को अपने यहां ऐसे अस्पताल व्यवस्था करनी है, जहां सिर्फ कोरोना के मरीजों का ही इलाज होगा. जैसे दिल्ली में लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल में 2000 बेड की व्यवस्था की गई है और इस अस्पताल में फिलहाल सिर्फ कोरोना  संक्रमित मरीजों का ही इलाज होगा.


इसी तरह सरकार ने दिल्ली के एम्स अस्पताल में ढाई सौ बेड की व्यवस्था की है. इसके अलावा 50 आईसीयू बेड और 70 वेंटीलेटर्स की व्यवस्था की गई है. वहीं सफदरजंग में चार सौ बेड और सौ आईसीयू बेड तैयार कर लिए गए हैं. इसके अलावा देश की अलग-अलग जगहों पर सेना के 51 अस्पतालों को कोविड-19 के लिए तैयार किया गया है.


इन मिलिट्री हॉस्पिटल में 9000 बेड कोविड-19 के लिए अलग से रखे गए. वहीं रेलवे ने अपने 20000 ट्रेन कोच में कोरोना से लड़ने के लिए खास इंतजाम किए हैं. इन कोच में मरीजों के लिए बेड, आइसोलेशन वार्ड और आईसीयू जैसी व्यवस्था की गई है. ये ट्रेन कोच भारत में अलग-अलग जगहों पर मौजूद है और पहले चरण में 5000 ट्रेन के डिब्बों को करुणा से लड़ने के लिए तैयार किया गया है.


वहीं पीएसयू द्वारा भी उनके अस्पतालों में कोरोना से लड़ने के लिए बेड की उपलब्धता कराई गई है. डिफेंस पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग और ऑर्डिनेंस फैक्ट्री की तरफ से 280 आइसोलेशन बेड 10 अस्पतालों में बनाए गए हैं. वहीं बेंगलुरु में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की तरफ से आइसोलेशन फैसिलिटी आईसीयू और 90 बेड का एक वार्ड बनाया गया है.


भारत सरकार के मुताबिक हर कोरोना संक्रमित मरीज को अस्पताल में एडमिट कर आईसीयू वेंटीलेटर पर रखने की जरूरत नहीं होती है, लेकिन लेकिन सरकार ने अपनी तरफ से हर तैयारी कर ली है. वहीं आने वाले दिनों में इन बेड की संख्या और बढ़ेगी.


इसके अलावा वेंटिलेटर की भी जरूरत पड़ेगी जिसके लिए भारत सरकार ने तैयारी कर ली है. भारत में इस समय कुल 14 हजार वेंटीलेटर्स मौजूद हैं. इन सभी वेंटिलेटर उसको कोविड-19 पेशेंट के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. इसके अलावा भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड को 30 हजार वेंटीलेटर बनाने के लिए कहा गया है.


इसके अलावा यूपी के नोएडा में मौजूद अगवा हेल्थ केयर को 10 हजार वेंटिलेटर बनाने का ठेका दिया गया है. जिसकी  डिलीवरी शुरू हो चुकी है. इसके अलावा ऑटोमोबाइल कंपनी को भी वेंटिलेटर बनने के लिए कहा गया है. कुल मिलाकर 45 से 50 हजार से ज्यादा वेंटिलेटर भारत केे पास होंगे. वहीं इसे और बढ़ाने की तैयारी भी की जा रही है.


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