Assam CM Himanta Biswa Sharma: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने शनिवार (23 द‍िसंबर) को कहा कि वेद, उपनिषद और भगवद्गीता वह आधार हैं जिस पर भारतीय संविधान लिखा गया. यह धर्मनिरपेक्ष है क्योंकि इसके निर्माता हिंदू थे और इन ग्रंथों में विश्वास करते थे. सरमा यहां ब्रह्म सरोवर में आयोजित अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव को संबोधित कर रहे थे. 


उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के विपरीत, जिसका संविधान इस्लाम की बुनियाद पर बना है, भारत का संविधान उन लोगों ने लिखा जो वेदों, उपनिषदों और भगवद्गीता में विश्वास करने वाले हिंदू थे. 


भगवान कृष्ण के साथ असम के सदियों पुराने संबंध का जिक्र करते हुए सरमा ने कहा कि वह असम के 'दामाद' थे क्योंकि वह रुक्मिणी के साथ परिणय सूत्र में बंधे थे. असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रागज्योतिषपुर के राजा भगदत्त ने महाभारत के युद्ध में कौरवों के लिए लड़ाई लड़ी थी और उनकी वीरता का भगवद्गीता में विशेष उल्लेख मिलता है. 


'पांडव योद्धा भीम ने की थी असम की हिडिंबा से शादी'  


सरमा ने कहा, ''पांडव योद्धा भीम ने असम की हिडिंबा से शादी की और उनके विवाह से एक महान योद्धा घटोत्कच का जन्म हुआ, जिसने कुरुक्षेत्र के युद्ध में पांडवों का साथ दिया था.'' उन्‍होंने  पांडव योद्धा अर्जुन का भी उल्लेख किया जिन्होंने मणिपुर में विवाह किया था. 


'गीता को जीवन में उतारने से म‍िलेगी पूर्ण मानव बनने में मदद'   


भगवद्गीता की शिक्षाओं पर विस्तार से चर्चा करते हुए शर्मा ने कहा कि संक्षेप में यह सिखाता है कि एक पूर्ण इंसान कैसे बनें और भगवान के साथ कैसे रहें. मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताते हुए कहा कि एक दिन ऐसा आएगा जब गीता को जीवन का एक तरीका बनाने के बाद कोई हिंदू, कोई ईसाई, कोई मुस्लिम नहीं होगा, जिससे उन्हें पूर्ण मानव बनने में मदद मिलेगी. 


उन्होंने कहा कि भारत का अस्तित्व 5,000 साल पहले से है और इसकी सभ्यता बहुत प्राचीन है, ऐसा नहीं है कि यह अगस्त 1947 में अंग्रेजों के चले जाने पर अस्तित्व में आया था. 


'भागीदार राज्य बनाने को जताया हरियाणा सीएम खट्टर का आभार' 


सरमा ने कहा कि कर्म ही पूजा है और भगवद्गीता सभी को यही सिखाती है. आप जो भी करें उसमें पूरी निष्ठा होनी चाहिए, चाहे वह शिक्षा हो या देश की सेवा. सरमा ने उन्हें आमंत्रित करने और असम को महोत्सव में भागीदार राज्य बनाने के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को धन्यवाद दिया. 


उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश अपने गौरवशाली अतीत को मजबूत कर रहा है और अधर्म पर विजय पाने के लिए आगे बढ़ रहा है, जो सनातन धर्म का मूल सार है. अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के पीछे प्रधानमंत्री मोदी और अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के पीछे हरियाणा के मुख्यमंत्री खट्टर का दिमाग था. योग और गीता दोनों एक संपूर्ण इंसान को गढ़ने में मदद करते हैं. 


'गीता का संदेश कुरुक्षेत्र की पवित्र भूमि से दूर-दूर तक फैलेगा' 


उन्होंने उम्मीद जताई कि गीता का संदेश कुरुक्षेत्र की पवित्र भूमि से दूर-दूर तक फैलेगा और देश की बुनियाद को और मजबूत करेगा. अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव 2023 का आयोजन 7 से 24 दिसंबर तक हरियाणा के कुरुक्षेत्र में क‍िया जा रहा है. इस आयोजन में 18,000 से अधिक छात्रों ने भाग लिया और 2.5 करोड़ छात्र ऑनलाइन जुड़े. हरियाणा सरकार 2016 से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गीता महोत्सव का आयोजन कर रही है. 


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