Delhi High Court: देश का नाम बदलकर भारत या हिंदुस्तान करने की मांग वाली याचिका पर बुधवार (12 मार्च, 2025) को दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई हुई, मामले का दिल्ली हाई कोर्ट ने निपटारा कर दिया है. अदालत ने याचिकाकर्ता को गृह मंत्रालय के पास अर्जी दाखिल करने को कहा है. इसी के साथ अदालत ने गृह मंत्रालय से रिप्रजेंटेशन पर जल्द से जल्द फैसला लेने को भी कहा.
वहीं केंद्र सरकार के वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता ने गृह मंत्रालय को पक्षकार नहीं बनाया है, जबकि ऐसे मामले में फैसला गृह मंत्रालय को लेना होता है. याचिका में सरकार को संविधान में संशोधन करने और इंडिया शब्द के स्थान पर 'भारत' या 'हिंदुस्तान' शब्द रखने का निर्देश देने की मांग की गई थी. इस मामले में पिछली सुनवाई 17 फरवरी, 2025 को हुई थी. उस दौरान जस्टिस सचिन दत्ता ने केंद्र सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए दिया गया समय बढ़ा दिया था.
दिल्ली के नमह ने की थी संविधान के अनुच्छेद 1 में संशोधन की मांग
दिल्ली के रहने वाले यातिकाकर्ता नमह ने संविधान के अनुच्छेद 1 में संशोधन की मांग करते हुए कहा था कि संविधान में ‘इंडिया जो भारत है’ लाइन को बदलकर ‘भारत या हिंदुस्तान राज्यों का संघ’ किया जाना चाहिए. नमह इसके पहले सुप्रीम कोर्ट भी जा चुके हैं. उनका कहना था कि देश को उसका मूल और प्रामाणिक नाम भारत दे देना चाहिए. साल 2020 में भी सुप्रीम कोर्ट ने संबंधित मंत्रालय को मामले का संज्ञान लेने के निर्देश भी दिए थे. हालांकि, इस पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही अब तक नहीं हुई थी.
RSS ने भी उठाए थे सवाल
देश का नाम बदलने को लेकर सोमवार (10 मार्च, 2025) को आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने भी सवाल उठाए. उनका कहना था कि देश को इंडिया नहीं भारत कहना चाहिए. उन्होंने कहा था कि कॉन्स्टिट्यूशन ऑफ इंडिया को कॉन्स्टिट्यूशन ऑफ भारत कर देना चाहिए, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को रिजर्व बैंक ऑफ भारत कर देना चाहिए. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि देश का नाम भारत है तो भारत ही कहो एक और नाम इंडिया क्यों कहना है?
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