नई दिल्ली: राजस्थान हाई कोर्ट में सचिन पायलट समर्थक गुट ने जो याचिका लगाई थी उस मामले में सुनवाई टल गई है. दरअसल, याचिकाकर्ताओं ने खुद ही कोर्ट से याचिका में सुधार के लिए और वक्त मांग लिया. स्पीकर के नोटिस के खिलाफ बागी विधायकों ने याचिका दायर की थी और अब सुधार के लिए कोर्ट से समय मांगा है. राजस्थान हाई कोर्ट में ये मामला वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चल रहा था.
बागी विधायकों की तरफ से कोर्ट में पेश हुए वकील हरीश साल्वे ने कहा कि असंतुष्ट विधायक राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष द्वारा जारी अयोग्यता नोटिस की संवैधानिक वैधता को चुनौती देना चाहते हैं. साल्वे ने कहा कि याचिकाकर्ता संविधान की दसवीं अनुसूची में निहित दल-बदल विरोधी कानून को चुनौती देंगे.
कांग्रेस के मुख्य सचेतक महेश जोशी के वकील अभय कुमार भंडारी ने कहा कि याचिकाकर्ता की तरफ से याचिका में संशोधन के लिए समय मांगा गया है. कोर्ट ने उन्हें समय दिया है. अगली सुनवाई तब होगी जब वे संशोधित याचिका दायर करेंगे.
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि अशोक गहलोत सरकार ने दो दिन लगातार विधायक दल की बैठक बुलाई थी. इस बैठक के लिए बकायदा व्हिप भी जारी किया गया था. इसके बावजूद सचिन और उनके साथ हरियाणा के मानेसर में ठहरे उनके गुट के विधायकों ने बैठक में हिस्सा नहीं लिया. इसके बाद कांग्रेस के चीफ व्हिप महेश जोशी ने स्पीकर सीपी जोशी से शिकायत की और बागी विधायकों की सदस्यता खत्म करने की मांग की. इस पर स्पीकर सीपी जोशी ने सचिन पायलट समेत सभी बागी विधायकों को नोटिस जारी किया और उनसे 17 जुलाई की दोपहर 1 बजे तक जवाब मांगा है. जवाब मिलने के बाद स्पीकर आगे की कार्रवाई करेंगे. नोटिस पर सचिन पायलट गुट का कहना है कि हमने व्हिप का उल्लंघन नहीं किया है.
इन विधायकों को भेजा गया नोटिस
यह नोटिस सचिन पायलट, रमेश मीणा, इंद्राज गुर्जर, गजराज खटाना, राकेश पारीक, मुरारी मीणा, पी. आर. मीणा, सुरेश मोदी, भंवर लाल शर्मा, वेदप्रकाश सोलंकी, मुकेश भाकर, रामनिवास गावड़िया, हरीश मीणा, बृजेन्द्र ओला, हेमाराम चौधरी, विश्वेन्द्र सिंह, अमर सिंह, दीपेंद्र सिंह और गजेंद्र शक्तावत को भेजा गया है.
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