नई दिल्ली: देश में कोरोना महामारी के निशान देश के 30 से अधिक सूबों में पहुंच चुके हैं. साथ ही इसके आंकड़ों और कोविड 19 मामलों का दायरा भी बढ़ रहा है. लिहाज़ा सरकार ने अब देश के सभी जिलों को अपने लिए एक कोविड रोकथाम प्लान बनाने को कहा है. एक तरफ जहां जमीनी स्तर पर तैयारियां मजबूत करने की कवादय है वहीं बीमारी को इलाकों तक ही सीमित करने की रणनीति बनाई गई है.


केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक निर्धारित रोकथाम प्लान के तहत देश के सभी जिलों में रोकथाम प्लान पर काम हो रहा है. मंत्रालय प्रवक्ता लव अग्रवाल ने बताया कि सारा जोर चेन ऑफ ट्रांसमिशन यानी संक्रमण की कड़ी तोड़ने और बीमार लोगों को जरूरी चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने पर है. निर्धारित योजना के तहत तैयारी की गई है कि जैसे-जैसे मामले बढ़ें तो उसके अनुपात में जमीनी स्तर पर तैयारियां भी मुकम्मल हों. इसके लिए आवश्यक चिकित्सा ढांचे को बढ़ाने के अलावा व्यापक वर्क फोर्स को भी तैयार किया जाए.


स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश के सभी राज्य सरकारों और जिला प्रशासनों को कोविड रोकथाम प्लान बनाने को कहा है. यह ताकीद कोविड मामलों वाले जिलों के साथ ही उन जिलों को भी दी गई है जहां भी तक कोई मामला सामने नहीं है.


कोविड19 में 80 फीसद से ज्यादा मामले मामूली लक्षण वाले होते हैं. लिहाजा ऐसे लोगों की साज-संभाल के लिए सभी सूबों को होटल, लॉज औऱ जरूरत पड़ने पर होस्टलों को कोविड केयर सेंटर में बदलने के निर्देश दिए गए हैं. वहीं फील्ड स्तर पर ट्रेनिंग और ओरिएंटेशन को आसान बनाने के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण की भी शुरुआत की गई है. इसके लिए मानव संसाधन मंत्रालय के दीक्षा पोर्टल पर इंटीग्रेटेड गवर्नमेंट ऑनलाइन ट्रेनिंग के जरिए प्रशिक्षण की कवायद हो रही है.


हॉटस्पॉट और कोविड मामलों वाले क्लस्टर में रोकथाम के लिए डोर-टू-डोर सर्वे जैसी योजनाओं पर भी काम हो रहा है. इस कड़ी में पुणे सेंट्रल क्षेत्र में 35 वर्ग किमी इलाके के भीतर दरवाजे-दरवाजे जाकर सर्वेक्षण किया जा रहा है. लव अग्रवाल के मुताबिक इसके लिए स्वास्थ्य टीमें लोगों के घर जाकर उन लोगों की सेहत पड़ताल कर रही है जिन्हें रक्तचाप,मधुमेह संबंधी बीमारी है. साथ ही ट्रेवल हिस्ट्री वाले लोगों की भी जांच की जा रही है.


इस बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक कोविड 19 मरीजों की संख्या के कारण हॉटस्पॉट बने इलाकों में लॉकडाउन को और भी बढ़ा दिया गया है. मंत्रालय की प्रवक्ता पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने बताया कि इन इलाकों में पुलिस निगरानी और भी कड़ाई से की जा रही है. साथ ही इलाकों में सोशल डिस्टेंसिंग लागू करने के लिए एरिया मैपिंग और बैरिकेडिंग का भी सहारा लिया जा रहा है.


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