Mansukh Mandaviya On Ayushman Card Scheme: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने शुक्रवार को कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार को जनहित में केंद्रीय चिकित्सा बीमा योजना एबी-पीएमजेएवाई को जमीनी स्तर पर लागू करना चाहिए. अपनी पश्चिम बंगाल यात्रा के दौरान मांडविया ने कहा कि केंद्र सरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राज्य के सभी नागरिकों को गुणवत्ता पूर्ण स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है.


मंत्री ने आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) समेत राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने वाले विभिन्न कार्यक्रमों की समीक्षा की. उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार को पश्चिम बंगाल के लोगों के हित में जमीनी स्तर पर एबी-पीएमजेएवाई स्वास्थ्य बीमा योजना को लागू करना चाहिए. हम यह सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी कदम उठा रहे हैं कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता उच्चतम स्तर की रहे.’’


आयुष्मान भारत का किया जिक्र :


अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने आयुष्मान भारत स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों, राष्ट्रीय तपेदिक उन्मूलन कार्यक्रम, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत जारी धन की स्थिति, प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (पीएम-एबीएचआईएम), टेलीमेडिसिन सेवा, चिकित्सा शिक्षा और ‘सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन’ कार्यक्रम की समीक्षा की. आयुष्मान भारत स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों का जिक्र करते हुए मंत्री ने कहा, ‘‘आयुष्मान भारत स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र लोगों को उनके घर के पास व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं उपलब्ध कराने के लिहाज से एक बड़ी पहल है.’’


धन के प्रभावी इस्तेमाल के लिए उठाएंगे कदम


मांडविया ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत पश्चिम बंगाल में 288.72 करोड़ रुपये की लागत से 800 उप-केंद्रों को मंजूरी दी गई है. 10 करोड़ रुपये की लागत से दो शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और 27.75 करोड़ रुपये की लागत से 37 नये शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) को मंजूरी दी गई है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा 404 आयुष्मान भारत शहरी स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों को मंजूरी दी गई है. केंद्र सरकार 2025 तक देश से तपेदिक का उन्मूलन करने के लिए प्रतिबद्ध है. साथ ही उन्होंने कहा कि हम राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत जारी धन के प्रभावी इस्तेमाल को सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी कदम उठा रहे हैं.


मांडविया ने कहा कि 15वें वित्त आयोग के तहत राज्य में 180.12 करोड़ रुपये की लागत से 223 ब्लॉक सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयों और 290 करोड़ रुपये की लागत से 719 उप-केंद्रों को मंजूरी दी गई है. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में 10,358 आयुष्मान भारत स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र संचालित हो रहे हैं.


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