लखनऊ: यूपी सरकार ने हाथरस मामले में जिले के एसपी सहित पांच पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है. एसपी विक्रांत वीर सिंह, क्षेत्राधिकारी (सीओ) राम शब्द, इंस्पेक्टर दिनेश कुमार वर्मा, सब इंस्पेक्टर जगवीर सिंह और हेड मोहर्रिर महेश पाल को निलंबित कर दिया गया है. शामली के एसपी विनीत जायसवाल को हाथरस का एसपी बनाया गया है. इसके साथ ही राज्य सरकार ने निर्देश दिया कि दोनों पक्षों (पीड़ित और आरोपी) और मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों का नार्को टेस्ट करवाया जाए. इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था.


बता दें कि इस मामले की जांच के लिए यूपी सरकार ने एसआईटी का गठन किया था. एसआईटी ने जो प्रारंभिक रिपोर्ट दी उसके आधार पर ही शुक्रवार को ये कार्रवाई हुई. इस बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि ‘मोहरों’ के निलंबन से क्या होगा, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस्तीफा देना चाहिए.


प्रियंका गांधी का ट्वीट


प्रियंका गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा, “ ‘‘ योगी आदित्यनाथ जी, कुछ मोहरों को निलंबित करने से क्या होगा? हाथरस की पीड़िता, उसके परिवार को भीषण कष्ट किसके आदेश पर दिया गया? हाथरस के डीएम, एसपी के फोन रिकार्ड सार्वजनिक किए जाएं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मुख्यमंत्री जी अपनी जिम्मेदारी से हटने की कोशिश न करें. देश देख रहा है. योगी आदित्यनाथ इस्तीफा दो.’’


गांव के बाहर एबीपी न्यूज़ की टीम मौजूद


बता दें कि हाथरस में प्रशासनिक लापरवाही को लेकर मामला गरमया हुआ है. एबीपी न्यूज़ के रिपोर्टर्स की टीम पीड़िता के गांव के बाहर अडिग है. गुरुवार सुबह से प्रशासन ने पीड़िता के गांव को छावनी में तब्दील कर रखा है और मीडिया समेत किसी भी बाहरी व्यक्ति को गांव में पीड़िता के परिजनों से अब तक मिलने नहीं दिया गया है.


शुक्रवार को एबीपी न्यूज़ संवाददाता से पुलिस ने बदसलूकी की. इस मामले में प्रशासन ने एसआईटी जांच और कोरोना को आधार बनाकर मीडिया को बाहर रोक रखा है. इसी बीच पीड़िता के परिवार का एक लड़का बाहर आकर मीडिया से मिला और उसने कहा कि उसके परिवार पर दबाव बनाया जा रहा है. बाहर आए परिजन ने दावा किया कि 150 से 200 पुलिसकर्मी पीड़िता के घर पर मौजूद हैं और घर के सभी लोगों का मोबाइल ले लिया गया है.


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