Haryana Violence: हरियाणा के नूंह और मेवात में भड़की सांप्रदायिक हिंसा में अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों की संख्या में सुरक्षाबल तैनात हैं. राज्य के बाकी इलाकों में भी तनाव है, जिसे देखते हुए कर्फ्यू और धारा-144 लगाई गई है. शोभा यात्रा के दौरान भड़की इस हिंसा पर सरकार सख्त से सख्त कार्रवाई की बात कर रही है तो विपक्ष नाकामी के आरोप लगा रहा है. इसी बीच मौके पर मौजूद चश्मदीदों के बयान भी सामने आ रहे हैं, जो इस भयावह मंजर की कहानी बयां कर रहे हैं. 


मंदिर के नजदीक भड़की हिंसा
दरअसल नूह के शिव मंदिर तक ही शोभा यात्रा निकाली जा रही थी. इसीलिए मंदिर में पहले से ही भारी संख्या में भक्त मौजूद थे. इसी मंदिर के करीब 600 मीटर की दूरी पर हिंसा भड़क गई थी, जिसके बाद 50 से ज्यादा गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया. मंदिर के चारों तरफ पत्थरबाजी और फायरिंग की घटनाएं हो रही थीं. 


फंस गए थे करीब चार हजार लोग 
आज तक से बात करते हुए शिव मंदिर के पुजारी ने बताया कि कैसे हिंसा के दौरान मंदिर में करीब 4 हजार लोग फंस गए. उन्होंने बताया, "दोपहर के बाद अचानक स्थिति बिगड़ गई. हमें मंदिर के अंदर ही रखा गया था. मंदिर के अंदर उस वक्त करीब चार हजार लोग थे. जिसमें बहन-बेटियां भी शामिल थीं. करीब 3 बजे हिंसा शुरू हुई, जिसके करीब एक घंटे बाद पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति पर काबू पाया गया. करीब 6 बजे लोगों को यहां से निकाला गया."


विधायक ने सरकार पर लगाए आरोप
इसी चैनल के साथ बातचीत में नूंह से विधायक आफताब अहमद ने हरियाणा सरकार पर हिंसा को लेकर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि ये पुलिस और हरियाणा सरकार की विफलता का नतीजा है. कहीं मोनू मानेसर का नाम आ रहा है, कहीं बिट्टू बजरंगी का नाम आ रहा है. सोशल मीडिया पर इन लोगों ने चुनौती दी थी. यहां षड़यंत्र रचा गया और माहौल तैयार किया गया. इसे लेकर हमने प्रशासन को पहले ही आगाह किया था और बताया था कि भावनाओं को भड़काने का काम किया जा रहा है. इसके बावजूद कोई कदम नहीं उठाए गए. 


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