Hajj Yatra 2023: हज यात्रियों का पहला जत्था बुधवार 7 जून को कश्मीर की राजधानी श्रीनगर से पवित्र शहरों मक्का और मदीना के लिए यात्रा पर रवाना हुआ. श्रीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से सीधे जेद्दा के लिए इस क्षेत्र के 14 हजार से अधिक मुसलमानों ने अपनी इस आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत की. उत्साह और प्रार्थनाओं के बीच, तीर्थयात्रियों को उनके परिजनों ने एयरपोर्ट पर आकर विदा किया. इस दौरान हज यात्री काफी उत्साहित नजर आए. तीर्थयात्रियों को अलविदा कहने के लिए श्रीनगर के बेमिना इलाके के हज हाउस में परिवार, दोस्त और शुभचिंतक इकट्ठा हुए थे.


उत्साह के साथ फ्लाइट में चढ़े यात्री
तीर्थयात्रियों का पहला जत्था, जिसमें कश्मीर क्षेत्र के अलग-अलग हिस्सों से 630 लोग शामिल थे, ये सभी सऊदी अरब के लिए विशेष रूप से व्यवस्थित फ्लाइट में सवार हुए. इस दौरान सभी तीर्थयात्रियों के चेहरे पर उत्साह और श्रद्धा दिखाई दे रही थी, इस दौरान तीर्थयात्रियों ने एहराम के नाम से जाना जाने वाला साधारण सफेद वस्त्र धारण किया था. 


हज पर जाने वाले एक तीर्थयात्री ने कहा, "हम हज के दौरान जम्मू-कश्मीर और पूरी दुनिया में शांति के लिए प्रार्थना करेंगे." हज यात्रा इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है, जो सभी शारीरिक और आर्थिक रूप से सक्षम मुसलमानों के लिए अपने जीवनकाल में कम से कम एक बार करने का दायित्व है. यात्रा में कई महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान शामिल हैं जो पैगंबर मुहम्मद के नक्शेकदम पर चलते हैं. इसीलिए इस्लाम में इस पवित्र यात्रा को काफी अहम माना जाता है. 


22 जून को अंतिम उड़ान
हवाई अड्डे के कर्मचारी तीर्थयात्रियों को सहायता और मार्गदर्शन प्रदान करने के साथ-साथ यात्रा दस्तावेजों के जल्दी जांच को सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह से तैयार थे. भारत की हज समिति ने 22 जून को अंतिम उड़ान के साथ जम्मू और कश्मीर के तीर्थयात्रियों के लिए प्रतिदिन दो सीधी उड़ानों की व्यवस्था की है. भारत के अलग-अलग राज्यों से हजारों लोग हर साल हज यात्रा पर जाते हैं. 




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