नई दिल्ली: शब-ए-बारात इबादत की रात होती है, घूमने फिरने या हुड़दंग की नहीं. इस बार देश और दुनिया के सामने कोरोना जैसी महामारी की चुनौती है, ऐसे में इस रोग से जंग लड़ते हुए इंसानियत और देश के लिए घर मे रह कर ही इबादत करें. यह संदेश दिल्ली के सबसे बड़े मुस्लिम कब्रिस्तान के महासचिव हाजी मियां फैयाज ने कही है.


सभी को पता है कि देशभर में कोरोना को लेकर लॉकडाउन की स्थिति बनी हुई है. ऐसे में शब-ए-बारात का त्यौहार भी आ चुका है. दिल्ली पुलिस व देश के तमाम पुलिस अधिकारियों ने अपने-अपने इलाकों में स्थित मस्जिदों व कब्रिस्तान के मौजिज लोगों से यह अपील की है कि वे जनता से यह कहे कि इस बार शब-ए-बारात के दौरान कब्रिस्तान में इबादत करने की बजाय घरों में रहकर ही इबादत करें.





दिल्ली पुलिस का क्या है कहना



सेंट्रल दिल्ली के डीसीपी संजय भाटिया का कहना है कि लॉकडाउन लागू है. कोरोना से बचाव के लिए यह बेहद जरूरी भी है. सेंट्रल दिल्ली में सबसे बड़ा कब्रिस्तान भी है, जहां हर साल शब-ए-बारात पर काफी बड़ी संख्या में लोग इबादत के लिए आते हैं. हमने तमाम मस्जिद के मौलाना व अन्य मौजिज लोगों से बात की है और उन्हें यह कहा है कि वे सभी लोगों से अपील करें कि शब-ए-बारात के दौरान घरों से बाहर ना निकले. घर में रहकर ही इबादत करें.


उन्होंने कहा कि हिंदी और उर्दू में पोस्टर छपवाए हैं, जिसमें लोगों से अपील की गई है कि लॉकडाउन का पालन करें. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें. मस्जिदों में भी इस बात की अपील की जा रही है. इसके अलावा हमने व्यापक इंतजाम भी किए हैं. पुलिस बंदोबस्त भी किए हैं, ताकि कोई भी व्यक्ति किसी भी सूरत में कब्रिस्तान आदि पर एकत्र ना हो.


लॉकडाउन का पालन करना सबका फर्ज : हाजी मियां फैयाज


कोटला फिरोजशाह स्थित कब्रिस्तान के जनरल सेक्रेटरी हाजी् मियां फैयाज का कहना है कि सबको पता है कि कोरोना जैसी महामारी फैली हुई है और सरकार की तरफ से भी लॉकडाउन के आदेश दिए हुए हैं. तो ऐसे में ना केवल मैंने बल्कि जामा मस्जिद के शाही इमाम बुखारी साहब  व अन्य मौजिज लोगों ने सभी मुस्लिमों से अपील की है कि सभी लोग घर में रहकर ही इबादत करें क्योंकि इसी में सबकी भलाई है.


उन्होंने कहा कि यह रात इबादत की है. इसके अलावा जो युवा लोग हैं उन्हें भी मेरी यही सलाह है कि वे स्कूटर और मोटरसाइकिल पर ना निकले, क्योंकि यह रात इबादत की होती है. पिछले कुछ सालों में देखा गया है कि युवा बच्चे हुड़दंग मचाते हैं. इस रात को एक जश्न के तौर पर मनाते हुए शोर शराबा करते हैं, जबकि यह रात इबादत की होती है और इसे इबादत करके निभाना चाहिए. मैं सभी युवाओं के मां - बाप से भी निवेदन करता हूं कि वे उनके स्कूटर मोटरसाइकिल की चाबी निकालकर अपने पास रखें और पुलिस के निर्देशों का पालन करें.



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